बस्तर के नगरनार इस्पात संयंत्र को बेचने की हर कोशिश का विरोध करेगी कांग्रेस – दीपक बैज

0 बस्तर के पत्रकारों की गिरफ्तारी राज्य व सहयोगी सरकार की मिलीभगत 
(अर्जुन झा) जगदलपुर। संभाग मुख्यालय जगदलपुर के राजीव भवन में आयोजित प्रेसवार्ता में छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज नगरनार इस्पात संयंत्र को बेचे जाने के प्रयास और बस्तर के चार पत्रकारों की षड्यंत्र पूर्वक गिरफ्तारी को लेकर जमकर बरसे। उन्होंने कहा मोदी सरकार एनएमडीसी द्वारा नगरनार में स्थापित इस्पात संयंत्र को बेचने जा रही है। नगरनार इस्पात संयंत्र को बेचने के विरोध में पूरे बस्तर की जनता है। बस्तर की जनता ने निजीकरण के खिलाफ बस्तर बंद का आहवान किया था। तब पूरा बस्तर स्वस्फूर्त बंद रहा। कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कई मौकों पर निजीकरण को लेकर आपत्ति जताते हुए प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था । 21 फरवरी 2021 को नीति आयोग की बैठक में तो उन्होंने एक कदम आगे बढ़ते हुए प्रधानमंत्री के समक्ष प्रस्ताव रखा था कि राज्य सरकार प्लांट के संचालन की ज़िम्मेदारी लेने को तैयार है। छत्तीसगढ़ की विधानसभा ने इस आशय का प्रस्ताव पारित कर केंद्र को भेजा था। दीपक बैज ने कहा कि कांग्रेस की ओर से सरकार बनने से पहले विधानसभा में अशासकीय संकल्प लाया गया था और सरकार बनने के बाद बाकायदा शासकीय संकल्प लाकर इसके बेचने का विरोध किया गया था। उस संकल्प में कांग्रेस सरकार की ओर से कहा गया था कि अगर मोदी सरकार इसे बेचना ही चाहती है, तो इसे राज्य सरकार को सही कीमत लेकर बेच दे और राज्य सरकार इसे चलाएगी।

मित्रों के लिए बदले नियम

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि केंद्र सरकार ने नियमों में परिवर्तन करके राज्य सरकार को बोली लगाने से रोक दिया है। इससे साफ प्रतीत होता है कि मोदी सरकार इसे अपने मित्र उद्योगपतियों को बेचना चाहती है। विधानसभा चुनाव के पहले बस्तर की जनता से मोदी जी ने आमसभा में 3 अक्टूबर 2023 को वादा किया था कि नगरनार इस्पात संयंत्र बस्तर की जनता की संपत्ति है, इसे नहीं बेचा जाएगा। इसी दिन इस संयंत्र का प्रधानमंत्री मोदी ने उद्घाटन भी किया था।समाचार माध्यमों में छपी खबरों के अनुसार मोदी सरकार नगरनार संयंत्र को बेचने की फिर से तैयारी शुरू कर चुकी है। खबरें ऐसी भी हैं कि दो माह में निविदा बुलाई जा सकती है। श्री बैज ने कहा कि कांग्रेस पार्टी एनएमडीसी बस्तर के नगरनार इस्पात संयंत्र को बेचने के किसी भी प्रयास का पुरजोर विरोध करती है। इस संयंत्र के लिए बस्तर के आदिवासियों ने अपनी जमीन दी है। छत्तीसगढ़ राज्य सरकार के जरिए इस जमीन का मकसद बस्तर का विकास था। आदिवासियों ने अपनी जमीन मुआवजे के लिये नहीं दी थी, बल्कि इसलिए दी थी, कि आने वाले समय में उनको रोजगार मिल सके और साथ ही क्षेत्र का विकास हो। नगरनार स्टील प्लांट सिर्फ एक कारखाना ही नहीं है, यह बस्तर के आदिवासियो के सुनहरे कल की उम्मीद भी है। लोगों ने रोजगार और व्यापार के अवसर पैदा होने की उम्मीद से इस्पात संयंत्र को बनाने में सहयोग किया था। मोदी सरकार कुछ निजी उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने नगरनार इस्पात संयंत्र को बेचने का जो प्रयास कर रही है, कांग्रेस इसको लेकर छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश में जन आंदोलन छेड़ेगी।

पत्रकारों की गिरफ्तारी साजिश

पीसीसी चीफ दीपक बैज ने बस्तर के चार पत्रकारों की गिरफ्तारी पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि 10 और 11 अगस्त के बीच बस्तर के इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े बस्तर के चार वरिष्ठ पत्रकार बाप्पी राय निशू त्रिवेदी, मनीष सिंह और धर्मेंद्र सिंह अंतर्राज्यीय रेत माफियाओं का पर्दाफाश करने छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती क्षेत्र कोंटा गए हुए थे। उन्होंने रंगेहाथों रेत से भरे टिप्परों को रोका और उनसे जानकारी लेने सवाल पूछे। वहां कोंटा टीआई अजय सोनकर पहुंचते हैं और उनसे तू-तू-मैं-मैं करते हुए हुए धमकी देते हैं। इसके बाद साजिश के तहत पत्रकारों की गाड़ी में गांजा रख दिया जाता है और आंध्रप्रदेश के चिंतूर पुलिस को इसकी सूचना दी जाती है। गाड़ी में गांजा रखे होने की जानकारी से अनभिज्ञ चारों पत्रकार चाय पीने जब बार्डर पार कर चिंतूर पहुंचते हैं, वहां की पुलिस उन्हें गांजा तस्करी के आरोप में गिरफ्तार कर लेती है।

बैज के सुलगते सवाल

पत्रकारों की गिरफ्तारी पर राज्य सरकार को घेरते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कई सुलगते सवाल भी उठाए हैं। उन्होंने पूछा है कि चारों पत्रकार दो दिनों तक चिंतूर थाना में रहते हैं परंतु छत्तीसगढ़ राज्य के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और गृहमंत्री विजय शर्मा उन्हें बचाने कोई पहल क्यों नहीं करते?आंध्रप्रदेश में भाजपा की सहयोगी पार्टी की सरकार है बावजूद इसके छत्तीसगढ़ सरकार पत्रकारों के खिलाफ झूठा मामला बनने क्यों देती है? दीपक बैज ने कहा कि पत्रकारों के दबाव में कोंटा टीआई पर एफआईआर दर्ज कर जेल भेजने मात्र से क्या होगा। सरकार इस बात की जांच क्यों नहीं करती? रेत की तस्करी के पीछे छत्तीसगढ़ के किन- किन भाजपा नेताओं का हाथ है क्योंकि बिना राजनीतिक संरक्षण के इतने बड़े स्तर पर तस्करी को अंजाम नहीं दिया जा सकता। कोंटा टीआई अजय सोनकर ने कहा था नेताजी को बता देना ये नेताजी कौन है, भाजपा बताए। दीपक बैज ने पूछा है कि बस्तर के चारों निर्दोष पत्रकारों को रिहा कराने सरकार ने अब तक क्या पहल की है और आगे क्या रणनीति बनाई है यह स्पष्ट करे। दीपक बैज ने सवाल उठाया कि क्या इस पूरे मामले को लेकर सुकमा एसपी ने आंध्रप्रदेश के अल्लूरी सीताराम जिला एसपी से कोई पत्र व्यवहार किया है? प्रेसवार्ता में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रभारी महामंत्री मलकीत सिंह गैदू, वरिष्ठ कांग्रेसी मिथलेश स्वर्णकार, रेखचंद जैन, चंदन कश्यप, सतपाल शर्मा, शंकर राव, रामशंकर राव, अंगद प्रसाद त्रिपाठी ,हनुमान द्विवेदी, कविता साहू, उदयनाथ जेम्स, राजेश राय, जावेद खान, अजय बिसाई, विशाल खंबारी, महेश सिंह आदि कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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