कानून के हत्थे चढ़ने के बाद अजय सिंह भाजपा से भी किए गए बेदखल, बुरे दिन शुरू

0 भाजपा ने दिखाया अजय को बाहर का रास्ता 
(अर्जुन झा) जगदलपुर। बस्तर संभाग के बीजापुर जिले के भैरमगढ़ निवासी विवादास्पद भाजपा नेता अजय सिंह के बुरे दिन शुरू हो गए हैं। कानून के हत्थे चढ़ चुके अजय सिंह को अब भारतीय जनता पार्टी से भी बेदखल कर दिया गया है।अब अजय घर के रहे न घाट के।
कांग्रेस में रहने के दौरान से हमेशा सुर्खियों में बने रहे भाजपा नेता अजय सिंह अक्सर विवादों और आरोपों से घिरे रहे हैं। हद तो तब हो गई, जब उन्होंने भैरमगढ़ के एक आदिवासी युवक द्वारा अपनी निजी जमीन खनिज खनन हेतु दिए जाने के मामले में अजय सिंह ने उससे कथित तौर पर 15 लाख रुपए मांगे और रकम देने से इंकार करने पर आदिवासी युवक को जान से मारने की धमकी देते हुए जातिगत गाली गलौज की थी। इस मामले ने काफी तूल पकड़ लिया था। सर्व आदिवासी समाज ने पीड़ित युवक को न्याय दिलाने तथा अजय सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर मोर्चा खोल दिया था। समाज ने रैली निकाल कर कलेक्टर एसपी को ज्ञापन भी सौंपा था। इसके अलावा सर्व आदिवासी समाज ने इस मामले को लेकर बस्तर संभाग स्तर पर बड़ा आंदोलन छेड़ने की चेतावनी भी दी थी। इसके साथ ही अनुसूचित वर्ग में आने वाले माहरा समाज का भी एक युवक अजय सिंह की प्रताड़ना का शिकार हुआ था। दोनों पीड़ितों ने अजय सिंह के खिलाफ भैरमगढ़ थाने में अलग अलग शिकायत दर्ज कराई थी। अजय सिंह की इन करतूतों को लेकर आदिवासी बाहुल्य तथा माहरा समाज बाहुल्य बस्तर संभाग में भाजपा की साख पर बड़ा बट्टा लग गया था और पार्टी की किरकिरी भी होने लगी थी। पांच साल के वनवास के बाद सत्ता में लौटी भाजपा ने विधानसभा चुनाव में बस्तर संभाग में सबसे ज्यादा सीटों पर जीत हासिल की थी। वहीं दोनों लोकसभा सीटों बस्तर और कांकेर पर भी जीत हासिल की है। पार्टी की सुधर रहे जनाधार पर आंच न आए और आदिवासी विरोधी होने का तमगा न लगे इसे देखते हुए भाजपा ने अजय सिंह को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। बीजेपी प्रदेश कार्यालय ने एक पत्र जारी किया है जिसमें भैरमगढ़ में आदिवासी युवक के साथ अजय सिंह द्वारा की गई अभद्रता और अजय सिंह पर पुलिस द्वारा की गई कानूनी कार्रवाई का जिक्र करते हुए अजय सिंह पर पार्टी की छवि धूमिल करने की बात कही गई है। अजय सिंह को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित करने की कार्रवाई प्रदेश भाजपा अध्यक्ष किरण देव की अनुशंसा पर की गई है। ज्ञात हो अजय सिंह को पुलिस ने बीजापुर जिले के जांगला से रविवार को गिरफ्तार किया था। अजय सिंह को थाना भैरमगढ़ में दर्ज धारा 191(2) 296 351(3) 133 333 324(6) 331(6) 308(4) बीएनएस और एससी, एसटी एक्ट की धारा 3 (1) (द) (ध) (य) के आरोपी अजय सिंह ठाकुर निवासी भैरमगढ़ को गिरफ्तार कर दंतेवाड़ा जेल भेजा गया है।

है क्षेत्र का निगरानी बदमाश

अजय सिंह के खिलाफ पूर्व से अलग अलग धाराओं में 23 आपराधिक मामले दर्ज हैं। उनके खिलाफ कई बार प्रतिबंधात्मक कार्रवाई भी हुई है। अजय सिंह पुलिस का निगरानी बदमाश घोषित है और उनके खिलाफ लगातार उसी अनुरूप कार्रवाई की जाती रही है। तत्कालीन कांग्रेस सरकार के दौरान युवा आयोग सदस्य रहे अजय सिंह को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत् जिलाबदर भी किया जा चुका है।

विधायक विक्रम ने खोला था मोर्चा

कांग्रेस में रहने के दौरान अजय सिंह अपनी ही पार्टी की सत्ता को चुनौती देने लगे थे। तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उन्हें राज्य युवा आयोग का सदस्य बनाया था। तब भी अजय सिंह की हरकतें वैसी ही थीं। बीजापुर से कांग्रेस विधायक विक्रम मंडावी के खिलाफ अजय सिंह सार्वजनिक मंचों से तथा मीडिया के माध्यम से जहर उगलने में कमी नहीं करते थे। अजय सिंह ने बीते विधानसभा चुनाव के दौरान विक्रम मंडावी को हराने के लिए खूब जतन किए, लेकिन क्षेत्र की जनता ने मंडावी को फिर से अपना विधायक चुन लिया। तब भी विधायक विक्रम मंडावी ने अजय सिंह के खिलाफ कुछ नहीं बोला। जब भैरमगढ़ के आदिवासी युवक प्रकाश पांडे को प्रताड़ित किया गया तब विक्रम मंडावी खुद को रोक नहीं पाए। अपनी बिरादरी के युवक के आतंकित होने से दुखी आदिवासी विधायक विक्रम मंडावी अंततः खुद को रोक नहीं पाए। विक्रम मंडावी ने विगत शनिवार को बीजापुर में प्रेस वार्ता कर अजय सिंह पर जमकर हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश में भाजपा की सरकार बने लगभग 7 माह हो चुके हैं। सरकार गठन के दौरान भाजपा नेताओं ने दावा किया था कि सुशासन की सरकार है, डबल इंजन की सरकार है लेकिन महज़ 7 महीने में ही सुशासन का नारा देने वाली विष्णु देव साय सरकार की पोल खुल गई है। आज पूरे प्रदेश में राजनैतिक अराजकता का माहौल है। भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा खुलेआम गुंडागर्दी की जा रही है। भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को भी धमकियां और चुनौतियां दी जा रही हैं। विधायक विक्रम मंडावी ने बीजापुर की घटनाओं का उल्लेख करते हुए आगे कहा था कि हिस्ट्री शीटर भाजपा नेता अजय सिंह ने 16 जुलाई को भैरमगढ़ निवासी प्रकाश पाण्डे के साथ जातिगत गाली गलौज और धक्का मुक्की करते हुए जान से मारने की धमकी दी थी और उससे 15 लाख रुपए की मांग की थी। जिसे लेकर प्रकाश पाण्डे ने भैरमगढ़ थाने में 17 जुलाई को आवेदन दिया था, लेकिन आज तक अजय सिंह पर कोई भी कार्रवाई नहीं हुई है।16 जुलाई को ही भाजपा नेता अजय सिंह ने बीजापुर के ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के छोटे भाई दिनेश चंद्राकर को जातिगत गालियां देते हुए जान से मारने और उसके क्रशर प्लांट में रखी मशीनों को जलाने की धमकी दी थी।इस मामले की भी शिकायत थाना भैरमगढ़ में 24 जुलाई को की गई थी। विधायक विक्रम मंडावी ने आगे कहा कि 16 जुलाई की घटना की शिकायत पर एफआईआर नहीं होने सेअजय सिंह के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं। विक्रम मंडावी ने अजय सिंह को संरक्षण देने का आरोप साय सरकार पर लगाया था।

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