भ्रष्टाचार के जहर ने अमृत मिशन को सुला दी मौत की नींद, नहीं मिल पाया शहर वासियों को चौबीस घंटे पानी

0 9 साल में सड़कों को खोदकर किया बंठाधार 
0 तीन बार विधायक बदले लेकिन हालत जस की तस 
0  कांग्रेस के दो महापौर भी नहीं दिला सके अवाम को राहत 

(अर्जुन झा) जगदलपुर। केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार का यह तीसरा टर्म है और केंद्र सरकार ने दूसरे कार्यकाल में बड़े शहरों में पेयजल आपूर्ति हेतु अमृत मिशन योजना लागू की। अमृत मिशन को जगदलपुर में भ्रष्टाचार के जहर ने मौत की नींद सुला दी है।
राज्य में भारतीय जनता पार्टी की सरकार के रहते जगदलपुर के तत्कालीन विधायक संतोष बाफना के कार्यकाल में जगदलपुर की शहर सरकार में कांग्रेस पार्टी काबिज होने के बावजूद अमृत मिशन योजना लागू की गई, मगर शहर सरकार और अफसरशाही ने अमृत मिशन का बंठाधार कर दिया। वहीं राज्य में 2018 में कांग्रेस पार्टी की सरकार बनी जगदलपुर में कांग्रेस के विधायक रेखचंद जैन बने। नगर निगम में कांग्रेस पार्टी की नगर सरकार बनी। फिर भी यह योजना वेंटीलेटर पर ही पड़ी रही। नगर की सत्ता में 9 वर्षो तक कांग्रेस पार्टी के महापौर थे किंतु अमृत मिशन योजना का काम पूरा नहीं हो पाया और सातों दिन चौबीसों घंटे पानी देने की बात भी हवा -हवाई हो गई। शहर के कुछ लोगों ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि चौबीसों घंटे पानी देने के नाम पर शहर की अच्छी भली सड़कों को खोद दिया गया। बड़ी-बड़i पाईप लाईन डाली गई, मोटे-मोटे पाईप बिछाए गए। कई घरों तक पाईप लाईन बिछाई गई लेकिन वह भी सिर्फ और सिर्फ ठेकेदारों को उपकृत करने की योजना साबित हुई। इस योजना के तहत 9 वर्षो तक काम होने के बावजूद योजना पर जिम्मेदार बात करने तक को तैयार नहीं हैं।
वर्ष 2015 से 2019 तक कांग्रेस पार्टी की नगर सरकार के मुखिया जतिन किशोर जायसवाल थे तो 2019 से मार्च 2024 तक कांग्रेस पार्टी से महापौर सफीरा साहू थीं अब सफीरा साहू भाजपाई मेयर कहलाने लगी हैं। इन 9 वर्षो में कांग्रेस की नगर सरकार ने शहर की सड़कों को गड्ढों में तब्दील कर दिया। किंतु अमृत मिशन योजना का लाभ शहर की जनता को नहीं मिल पाया। उधड़ी सड़कों पर चलते हुए शहर के लोग जहर के घूंट पीकर रह जाते हैं। भाजपा महापौर सफीरा साहू अब फिर अमृत मिशन के लिए राशि की मांग कर रही हैं, वह भी मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से। जबकि विष्णु देव सरकार को पूर्ववर्ती दो नगर सरकारों के कार्यकाल की सोशल आडिट और जांच करानी चाहिए। जिससे अभी तक प्राप्त राशि का कहां -कहां उपयोग हुआ उसकी वास्तविकता पता चल पाए।

25 हजार परिवारों से छल

केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक अमृत मिशन योजना जगदलपुर शहर के 25 हजार परिवारों तक पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए लागू की गई थी, मगर निगम के अधिकारियों और निगम के सत्ताधीशों को जन सरोकार से कोई वास्ता ही नहीं है।जिसकी वजह से इस योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। शहर के अधिकांश हिस्सों में जगह-जगह अधूरे कार्यों की वजह से सड़कें बुरी तरह बर्बाद हो गई थीं, जिन्हें बमुश्किल सुधारा गया। वर्ष 2016 और 2017 में शुरू हुए इस कार्य को 2020 में पूरा कर लिया जाना था, लेकिन कोरोना महामारी के कारण काम रुक गया। जिसकी वजह से 2022 के अंत तक इस योजना को पूरा नहीं किया जा सका। इस योजना को पूरा करने के लिए जनवरी 2023 अगली मियाद तय की गई थी, लेकिन ठेकेदार फरार हो गया। जिसके बाद जिसके बाद नगर निगम ने नई कंपनी को ठेका दे दिया। निगम के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने 2023 की दीपावली तक शहर के 25 हजार परिवारों तक 24 घंटे पेयजल उपलब्ध कराने का दावा किया था, किंतु फिर नई दीपावली आ गई और योजना विवादों में घिर गई है।

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