नून, तेल, मिर्च के लिए जान जोखिम में डालने मजबूर हैं बस्तर संभाग के कई गांवों के आदिवासी

0  इंद्रावती में डोंगी पलटी, तीन ग्रामीण तैरकर निकले, बह गए एक शख्स को होमगार्ड जवानों ने बचाया 
0  तीन किमी दूर झाड़ियों के बीच से निकाला सुरक्षित 

(अर्जुन झा) जगदलपुर। बस्तर संभाग में आज भी कई गांव ऐसे हैं, जहां के ग्रामीणों नमक, मिर्च, तेल, जैसी रोजमर्रा की चीजों के लिए अपनी जान जोखिम में डालकर उफानती नदियों को डोंगियों के सहारे पार करना पड़ता है। कई दफे ग्रामीणों को जान भी गंवानी पड़ी है। सर्वाधिक त्रासदी अबूझमाड़ क्षेत्र के ग्रामीणों को भोगनी पड़ती है। कुछ ऐसा ही हादसा हुआ संभाग के बीजापुर जिले के अबूझमाड़ क्षेत्र में स्थित भैरमगढ़ इलाके में, जहां रोजमर्रा की चीजें खरीदने नदी उस पार गए चार ग्रामीणों की डोंगी उफनती इंद्रावती नदी में पलट गई। तीन ग्रामीण तो तैरकर बाहर निकल आए, मगर एक ग्रामीण बह गया। हालांकि बहे ग्रामीण को समय रहते होमगार्ड के जवानों ने बचा लिया।
भैरमगढ़ ब्लाक के इंद्रावती नदी के सतवा घाट में बहे एक ग्रामीण को बाढ़ बचाव दल ने रेस्क्यू कर बाहर निकाल लिया है। ग्रामीण बहकर झाड़ियों में फंस गया था। मिली जानकारी अनुसार भैरमगढ़ के इंद्रावती नदी के अबूझमाड़ क्षेत्र में स्थित सतवा घाट में डोंगी में शनिवार को दोपहर बाद सवार होकर चार ग्रामीण नदी पार कर रहे थे। इस दौरान अचानक डोंगी अनियंत्रित होकर पलट गई। डोंगी पर सवार चार ग्रामीणों में से तीन ग्रामीण तो तैरकर नदी से बाहर निकल आए, मगर एक ग्रामीण पिलसाय बरसा निवासी बेलनार नदी के बहाव में बहकर दूर झाड़ियों में फंस गया था। वह झाड़ियों को पकड़ कर इंद्रावती नदी के तेज बहाव से जूझता रहा। डोंगी पलटने और एक ग्रामीण के बह जाने की जानकारी मिलते ही भैरमगढ़ के तहसीलदार ने राहत एवं बचाव दल को सूचना दी। इस पर तुरंत बचाव दल को घटना स्थल के लिए रवाना किया गया। बचाव दल रेस्क्यू कर घटना स्थल से 3 किलोमीटर दूर झाड़ियों में फंसे ग्रामीण पिलसाय को सुरक्षित बाहर निकाला लिया। जानकारी अनुसार ये ग्रामीण बेलनार से सतवा सामान लेने आए थे। अबूझमाड़ क्षेत्र में सुविधाओं और संसाधनों की कमी होने के कारण यहां के ग्रामीणों को रोजमर्रा की छोटी छोटी चीजों के लिए इंद्रावती नदी पार करना पड़ती है, तब कहीं जाकर उनके घरों में भोजन बन पाता है। अबूझमाड़ क्षेत्र के पचासों गांव आज भी सुविधा विहीन हैं। वहां सड़कों, पुल पुलियों का अभाव है। जबकि जंगल और पहाड़ी इलाका होने के कारण अबूझमाड़ क्षेत्र में नदी नालों की भरमार है। ये नदी नाले बरसात के मौसम में अबूझमाड़ क्षेत्र में स्थित गांवों के ग्रामीणों के लिए मुसीबत का सबब बन जाते हैं। इन गांवों में किराना सामान की दुकानें न रहने के कारण ग्रामीणों को हर छोटी मोटी चीज खरीदने के लिए रोज नदी नालों को पार कर दूरस्थ बड़े गांवों में जाना पड़ता है। नदी नालों को पार करने के लिए ये ग्रामीण पेड़ों के मोटे तनों से बनाई गई डोंगियों का सहारा लेते हैं। ऐसा ही उपक्रम बेलनार गांव के भी बाढ़ग्रस्त इंद्रावती नदी को पार करने के लिए कर रहे थे। इस फेर में वे हादसे का शिकार हो गए। डोंगी पलटने के बाद बाढ़ में बहे ग्रामीण पिलसाय को सुरक्षित बाहर निकालने वाले बचाव दल में कृष्ण देव चालकी, इंदर मांझी, दशरू कुंजाम, सुरेश मोड़ियम, मुन्ना राम उरसा, मनीराम, रामचंद्र पवार व रमेश कुंजाम शामिल थे।

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