० सरकार के तुगलकी निर्णय से 2 लाख मजदूरों के सामने रोजी-रोटी का संकट
रायपुर। कांग्रेस ने मांग किया है कि सरकार उद्योगों और आम उपभोक्ताओं की बिजली के दामों की बढ़ोतरी को तत्काल वापस ले। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि साय सरकार के तुगलकी निर्ण के कारण राज्य की लौह उत्पादन इकाईयां बंद हो गयी है। इनमें काम करने वाले 2 लाख से अधिक मजदूरों के सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने उद्योगों को राहत देने तथा उद्योगों में काम करने वाल छत्तीसगढ़िया मजदूरों की रोजी-रोटी बचाने के लिये उद्योगों के बिजली के दामों में विशेष रियायत दिया था ताकि छत्तीसगढ़ की लौह इकाईयां पड़ोसी राज्य से सस्ते में उत्पादन कर सके और राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ माने जाने वाली लौह इकाईयों की मदद हो। इसके साथ ही कांग्रेस सरकार ने घरेलू उपभोक्ताओं को भी 400 यूनिट तक की बिजली के दामों को आधा कर राहत प्रदान किया था। किसानों को 5 एचपी तक पंप के लिये बिजली मुफ्त मिलती थी। भाजपा की सरकार आने के बाद सरकार के आिर्थक कुप्रबंधन के कारण सभी वर्गो के बिजली के दाम बढ़ गये है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि बिजली के साथ भाजपा सरकार आने के बाद जनता को पूरे 24 घंटे बिजली नहीं मिल रही है। पूरे प्रदेश में अघोषित बिजली कटौती हो रही है। 7 माह में विद्युत सरप्लस वाला छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत कटौती का केंद्र बन गया है। कोई ऐसा दिन नहीं होता जब बिजली दो-चार घंटे के लिये बंद न हो, रात में तो बिजली की स्थिति तो और भयावह हो जाती है, घंटो बिजली गोल हो जाती है। भाजपा से न सरकार संभल पा रहा और न ही व्यवस्थायें। सरकार एक तो पूरे समय बिजली नहीं दे पा रही, ऊपर से उपभोक्ताओं पर महंगी बिजली का बोझ डाल रही है। प्रदेश के अनेक जिलों में तो पूरी रात बिजली कटौती हो रही है। भाजपा सरकार में आम जनता को मांग के अनुसार बिजली नहीं मिल रहा है। बिजली कटौती और लो वोल्टेज की समस्या से शहर और गांव की जनता जूझ रहे हैं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि कांग्रेस की सरकार के दौरान 24 घंटा बिजली की आपूर्ति होती थी। गर्मी के दिनों में मांग बढ़ने पर दूसरे राज्यों से भी बिजली की खरीदी किया जाता था और आम जनता को 24 घंटा बिजली की आपूर्ति की जाती थी। रवि फसल लगाने वाले किसानों को भी बोरवेल चलाने के लिए बिजली निःशुल्क मिलता था। कांग्रेस की सरकार ने 5 वर्षों तक विपरीत परिस्थितियों में भी बिजली उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए बिजली बिल हाफ योजना शुरू किया था जिसका लाभ प्रदेश के 44 लाख घरेलू उपभोक्ताओं को मिलता था जिसे 5 साल में प्रत्येक उपभोक्ता का 40 से 50 हजार रु. तक की बचत हुई थी। 1000 रू. महीना महिलाओं को देकर भाजपा सरकार बिजली बिल के रूप में दुगुना वसूल रही है।