राजस्थान सरकार को साय सरकार ने दे दी कोल खनन की अनुमति : दीपक बैज

0 राज्य के हितों की अनदेखी की साय सरकार ने : बैज 
जगदलपुर। राजस्थान विद्युत मंडल को सरगुजा में पीईकेबी कोल ब्लाक में उत्खनन की अनुमति के संबंध में साय सरकार अपनी स्थिति स्पष्ट करे। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि राजस्थान विद्युत मंडल द्वारा अखबारों में छपवाए गए विज्ञापनों से साफ हो गया है कि राज्य सरकार ने वहां पर उत्खनन की अनुमति दी है। इसके पहले भी राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने भी इस आशय की जानकारी सोशल मीडिया में ट्वीट कर दी थी। उन्होंने अपने ट्वीट में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री को धन्यवाद भी दिया था। राजस्थान के मुख्यमंत्री के ट्वीट को राज्य सरकार ने खारिज किया था, लेकिन अब छपे विज्ञापन बता रहे हैं कि राजस्थान के मुख्यमंत्री ने सही ट्वीट किया था। भाजपा सरकार राज्य की जनता से सब कुछ छुपाना चाहती है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि राज्य के हितों को दरकिनार कर साय सरकार ने राजस्थान को कोल उत्खनन की अनुमति दे दी है। हसदेव अरण्य कोल फील्ड में संचालित परसा ईस्ट एवं कांता बासन (पीईकेबी) कोल ब्लॉक की 91.21 हेक्टेयर वन भूमि कोल उत्खनन के लिये दे दी गई है। दलीय प्रतिबद्धता में भाजपा सरकार ने छत्तीसगढ़ के हितों तथा राज्य के पर्यावरण सुरक्षा की अनदेखी की है। पूर्ववर्ती कांग्रेस की भूपेश सरकार ने राज्य के हितों को देखते हुए वहां पर उत्खनन की अनुमति देने से मना कर दिया था। जबकि उस समय राजस्थान में भी कांग्रेस की सरकार थी। उसके बावजूद कांग्रेस की सरकार ने राज्य के हितों से समझौता नहीं किया था। इस खदान को रद्द करने कांग्रेस की सरकार ने केंद्र सरकार के पास अनुशंसा भी भेजी थी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि भाजपा की सरकार बनने के बाद भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व के दबाव में राज्य में कोल उत्खनन की बंदरबांट शुरू हो गई है। भाजपा सरकार अडानी के हितों को सवंर्धित करने के लिए राज्य के जल, जंगल, जमीन खनिज संपदा को अडानी को सौपना शुरू कर दिया गया है। जैसे ही भाजपा की सरकार बनी हसदेव अरण्य क्षेत्र में वनों की अंधाधुंध कटाई शुरू की जा चुकी है। 50 हजार से अधिक पेड़ काटे जा चुके है। यहां पर कटाई के लिये आदेश और पर्यावरण स्वीकृत केंद्र की मोदी सरकार ने दिया था तब कांग्रेस सरकार ने इस स्वीकृति को राज्य के स्तर पर निरस्त कर दिया था तथा केंद्र में भी इसे निरस्त करने के लिये पत्र लिखा था। 31 अक्टूबर 2022 को इस संबंध में छत्तीसगढ़ शासन के वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अपर सचिव ने भारत सरकार के वन महानिरीक्षक को पत्र लिखकर परसा ओपन कास्ट कोल माईंस में कोल उत्खनन पर प्रतिबंध लगाने तथा वन कटाई के प्रस्ताव को निरस्त करने को कहा था। विधानसभा से भी कांग्रेस सरकार ने इस आशय का प्रस्ताव पारित करवा कर केंद्र को भेजा था कि हसदेव अरण्य क्षेत्र की सभी कोल खदानों को निरस्त किया जाए। दीपक बैज ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने छत्तीसगढ़ विधानसभा में 27 जुलाई 2022 को प्रस्तावित प्रस्ताव पारित कर हसदेव अरण्य, तमोर पिंगला और कोरबा के हाथी रिजर्व क्षेत्र के वनों में कोल ब्लॉक आवंटन रद्द करने का संकल्प लिया था। इस दौरान मोदी सरकार के कोयला मंत्री ने रायपुर आकर यह भी कहा कि जहां पर कोल बेयरिंग एक्ट लागू होता है वहां पेसा कानून के प्रावधान लागू नहीं होते किसी के आपत्ति या सहमति से कोल खनन पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा मोदी सरकार उस क्षेत्र में भी कोयले का खनन जारी रखेगी। राज्य में भाजपा सरकार बनने के बाद अडानी को फायदा पहुंचाने पेड़ों की कटाई शुरू हो चुकी है।

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