चित्रकोट महोत्सव की आड़ में अधिकारियों ने की है खूब मौज, महज 3 दिन में खरच डाले 73 लाख रुपए !

0  सीएसआर मद से फूंके 53 लाख, उड़ाए शासन के 20 लाख भी

0 आयोजन समिति के सदस्यों का पता, न बैठक की कोई खबर
(अर्जुन झा) जगदलपुर। बस्तर की कला संस्कृति की आड़ में भी अब अधिकारी मौज करने लगे हैं। सांस्कृतिक महोत्सवों को भी अवैध कमाई का जरिया बना लिया गया है। आयोजनों के लिए क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों को विश्वास में नहीं लिया जाता और अनाप शनाप खर्च दिखाकर लाखों के वारे न्यारे कर दिए जाते हैं। इसका एक बड़ा उदाहरण चित्रकोट महोत्सव है। महज तीन दिन के चित्रकोट महोत्सव में पूरे 73 लाख रुपए उड़ाए गए हैं। इसका खुलासा चित्रकोट विधायक विनायक गोयल द्वारा विधानसभा में सवाल उठाने के बाद हुआ है। अब विधायक विनायक गोयल ने जिला पंचायत के अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

बस्तर जिले में जिला पंचायत के अधिकारियों द्वारा जनप्रतिनिधियों को विश्वास में नहीं लिया जाता है। इस वजह से विपक्षी दल के जनप्रतिनिधियों में नाराजगी तो है ही सत्तारूढ़ दल के सदस्य भी अब सरकार और सिस्टम पर हमलावर होने लगे हैं। चित्रकोट विधायक विनायक गोयल ने भी ऐसे अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। श्री गोयल ने चित्रकोट महोत्सव में तीन दिनों के भीतर हुए अनाप-शनाप खर्चों पर विधानसभा में सवाल दागा। इस पर पंचायत व ग्रामीण विकास विभाग द्वारा जो लिखित में जो जवाब दिया गया है वह किसी के गले नहीं उतर रहा है। इस पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा दिए गए जवाब में बताया गया है चित्रकोट महोत्सव पर तीन दिन में 73 लाख रुपए का खर्च हुए हैं। इसमें सीएसआर मद के 53 लाख रुपए और शासन द्वारा दिए गए 20 लाख रुपए शामिल हैं। ज्ञात हो कि जनहितैषी कार्यों के लिए अधिकारी फंड की कमी का रोना रोते हैं, बस्तर दशहरा व बस्तर गोंचा पर्व के लिए फंड का रोना रोने वाली जिला पंचायत बस्तर द्वारा तीन दिन के चित्रकोट महोत्सव पर सीएसआर मद से 53 लाख रुपए फूंक डाले, तो राज्य सरकार द्वारा दिए गए बीस लाख रुपए भी खर्च कर डाले। 24 जुलाई को विधानसभा सत्र में चित्रकोट विधायक विनायक गोयल ने चित्रकोट महोत्सव के नाम पर किए गए खर्च को लेकर सवाल दागने वाले थे, किंतु उनके प्रश्न को अतारांकित प्रश्न मानते हुए सीधे जवाब देने की बजाए लिखित में जवाब दिया गया है कि। इसमें बताया गया है कि चित्रकोट महोत्सव में 73 लाख रुपए खर्च हुए हैं। उसमें भी सिर्फ सीएसआर फंड से ही 53 लाख रुपए फूंके गए हैं। 23 जुलाई को विधायक विनायक गोयल को लिखित जानकारी उपलब्ध कराई गई। इस लिखित जानकारी में दावा किया गया है कि शासन के नियम अनुसार चित्रकोट महोत्सव में रकम खर्च की गई है और प्राप्त राशि चित्रकोट महोत्सव के लिए गठित समिति के अनुमोदन व सहमति से व्यय की गई है। अब सवाल यह उठता है कि समिति में कितने और कौन कौन सदस्य हैं? समिति की कब -कब बैठक हुई? वह जानकारी चित्रकोट विधायक विनायक गोयल को नहीं दी गई है। जबकि तीन पन्ने की लंबी चौड़ी लिस्ट उन्हें थमा दी गई है जिसमें मात्र खर्चे का ही विवरण है।

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