देने वाला जब देता है तो देता है छप्पर फाड़के, महिला ने दिया चार बच्चों को जन्म

0  नवजातों में दो लड़के और दो लड़कियां शामिल 
0 सुकमा जिले के कवासी हिड़मा और दशमी के अंगने में आई बहार 
(अर्जुन झा)जगदलपुर। पिछली दो पत्नियों की कोई औलाद नहीं थी। तीसरी पत्‍नी ने एकसाथ दिया चार बच्चों को जन्म दे दिया। इसे कहते हैं ऊपर वाला जब देता है तो छप्पर फाड़के देता है। कुछ ऐसा ही हुआ है बस्तर संभाग के सुकमा जिले के कवासी हिड़मा के साथ। हिड़मा की पहली दो पत्नियों से कोई औलाद नहीं थी। अब एकसाथ चार संतानों का सुख परिवार को मिल गया है। खुशी से झूम उठा है परिवार।
सुकमा जिले के कवासी हिड़मा की पत्‍नी दशमी के एक साथ चार बच्‍चों के जन्‍म देने पर कवासी हिड़मा ने खुशी जताई है और दशमी का सफल प्रसव कराने वाले डॉक्‍टरों और अस्‍पताल प्रबंधन को धन्‍यवाद कहा है। दरअसल नवजात बच्‍चों को जन्‍म देने वाली महिला दशमी कवासी हिड़मा की तीसरी पत्‍नी है। कवासी हिड़मा की पहली वाली दो पत्नियों की एक भी आलौद नहीं है।तीसरी पत्‍नी ने एकसाथ चार बच्चों को जन्म दिया है। तीसरी पत्नी ने कवासी हिड़मा की पिछली दो पत्नियों की भरपाई एक झटके में कर दी है। परिवार में खुशियों की बहार आ गई है। और पूरा परिवार झूम उठा है।
आदिवासी महिला के जन्‍म दिए चारों नवजात बच्‍चे स्वस्थ हैं। एक महिला द्वारा एकसाथ चार बच्‍चों को जन्‍म देने से अस्‍पताल के डॉक्‍टर भी हैरान हैं। डॉक्‍टरों ने सोनोग्राफी जांच रिपोर्ट के आधार पर दशमी के गर्भ में तीन बच्‍चे होने की जानकारी दी थी। एकसाथ चार बच्‍चों के जन्‍म पर सरपंच पति कवासी हिड़मा ने खुशी जताई है। दशमी के चार नवजातों में दो लड़के और दो लड़कियां हैं। जानकारी के अनुसार सभी बच्‍चे स्‍वस्‍थ हैं। नवजात बच्‍चों को जन्‍म देने वाली महिला सुकमा जिले के जैमर की रहने वाली है।महिला के पति कवासी हिड़मा जैमर के सरपंच हैं। उन्‍होंने बताया कि जगदलपुर में एक निजी अस्‍पताल में गर्भवती पत्‍नी का ट्रीटमेंट चल रहा था। डॉक्‍टरों ने सोनोग्राफी जांच में तीन बच्‍चे की जानकारी दी, लेकिन पत्‍नी ने प्रसव के दौरान चार नवजात को जन्‍म दिया। चौथे बच्‍चे के जन्‍म से अस्‍पताल के डॉक्‍टर भी हैरान हैं। डाक्‍टर ने बताया कि सुकमा की आदिवासी महिला दशमी ने चार बच्चों को जन्म दिया है। सभी बच्‍चे पूरी तरह से स्‍वस्‍थ हैं। नवजात बच्‍चों में दो लड़के और दो लड़कियां हैं। इसमें तीन बच्चों का वजन दो किलो है, जबकि एक का डेढ़ किलो है। अस्‍पताल में बच्‍चों और उसकी मां की अच्‍छी तरह से देखभाल की जा रही है। कवासी हिड़मा ने पत्‍नी के एकसाथ चार बच्‍चों के जन्‍म होने पर खुशी जताई है। उन्‍होंने डॉक्‍टरों और अस्‍पताल प्रबंधन को धन्‍यवाद कहा है। दरअसल नवजात बच्‍चों को जन्‍म देने वाली महिला दशमी कवासी हिड़मा की तीसरी पत्‍नी है। कवासी पहली दो पत्नियों की एक भी आलौद नहीं है। हालांकि पहली पत्‍नी पत्नी हूंगा की एक बेटी थी, जिसकी करीब 14 साल की उम्र में बीमारी की चपेट में आने से मौत हो गई।

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