गजबै गायक हैं हमारे कलेक्टर साहब…

0 कलेक्टर विजय दयाराम के. अपनी गायकी से लोगों को बना रहे हैं दीवाना 

(अर्जुन झा) जगदलपुर। हमारे कलेक्टर विजय दयाराम के. साहब तो गजबै गायक हैं भैया! गैर हिंदीभाषी होते हुए भी हिंदी गानों के ऐसे तराने छोड़ते हैं कि सुनने वाले तो दीवाने ही बन जाते हैं उनके। सुर ताल में उनकी पकड़ निसंदेह सराहनीय है। उनकी मधुर आवाज में गीत और भी मनमोहक हो उठते हैं। हाल के कुछ दिनों में कुछ पुराने दर्द भरे गाने उनकी आवाज में रिकॉर्ड किए गए थे, जिन्हें बस्तर समेत छत्तीसगढ़ के हजारों लोगों ने सुना और सराहा भी।
बस्तर कलेक्टर विजय दयाराम के द्वारा गाया हुआ ये मधुर गीत सोशल मीडिया पर हो रहा वायरल देखिए वीडियो। बस्तर के कलेक्टर विजय दयाराम के. अपने जन हितैषी कदमों और कार्यों से तो बस्तर की जनता का दिल जीतते आ रहे हैं, अब उनकी गायकी भी लोगों को खूब पसंद आ रहे हैं। कलेक्टर विजय वैसे तो जन्मजात दक्षिण भारतीय हैं और यह तथ्य भी सत्य है कि दक्षिण भारतीय लोग हिंदी के मामले में बड़े फिसड्डी होते हैं, मगर हमारे दक्षिण भारतीय कलेक्टर विजय दयाराम के. ने इस मिथक को तोड़ दिया है। वे हिंदी के अच्छे ज्ञाता हैं और फर्राटेदार हिंदी बोलते भी हैं। जब उनसे बात करो तो कहीं से आभास नहीं होता कि वे गैर हिंदीभाषी राज्य के मूल निवासी हैं। वे हिंदी गाने भी पूरी लय ताल के साथ अच्छे से गा लेते हैं। अंतरा, गाने के बोल में उतार चढ़ाव ऎसी कि सुनने वाले दांतों तले उंगली दबाने मजबूर हो जाते हैं। दर्द भरे हिंदी गीत गाने में कलेक्टर विजय माहिर हैं। उनकी आवाज में दर्द भरे गीत सुनकर कभी कभी तो लगने लगता है कि कलेक्टर साहब युवा अवस्था में चोट खाए हुए हैं। वैसे वे अभी भी जवान हैं। वैसे जो दिल के मारे नहीं होते, वे लोग भी दर्द भरे गीत सुनना पसंद करते हैं। माह डेढ़ माह पहले उनके स्वर में एक गीत बादल एकेडमी में रिकॉर्ड किया गया था – तू है दिल के पास पास मत हो उदास…. ने काफी सुर्खियां बटोरी थी। अब उनके द्वारा तमिल और हिंदी का मिश्रण कर गाया हुआ सुपरहिट गीत ‘तू ही रे’ तू ही रे तेरे बिना मैं कैसे जीयूं आजा रे, आजा रे, यूं ही तड़पा ना तू मुझको जान रे, जान रे, इन सांसों में बस जा तू चांद रे, चांद रे, आजा दिल की ज़मीन पे तू… खूब तहलका मचा रहा है। कलेक्टर विजय दयाराम के ने गीत में हिंदी और तमिल भाषा को इस कदर डायलूट कर दिया है कि यह गीत और भी ज्यादा कर्णप्रिय बन गया है। कलेक्टर साहब सचमुच गजबै हैं, बस्तरिहा बोली में भी वे सुमधुर गीत गा चुके हैं। प्रशासनिक कामकाज और मीठे व्यवहार से बस्तर जिले के लोगों के दिलों में राज करते आ रहे कलेक्टर विजय अब अपनी आवाज के जादू से भी लोगों को सम्मोहित कर रहे हैं। बधाई हो कलेक्टर साहब..

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