बीजापुर के छात्रावासों में टूटा मलेरिया का कहर, 30 घंटे के भीतर चली गई दो छात्राओं की जान

0 पोटा केबिन तारलागुडा़ व संगमपल्ली में फैला मलेरिया, तीन और छात्राएं भर्ती 

(अर्जुन झा)जगदलपुर। मलेरिया और बस्तर संभाग का पुराना नाता रहा है। “मच्छर रहेगा, मलेरिया नहीं” का नारा सुनते दशकों बीत गए, मच्छर भी मौजूद हैं और मलेरिया भी लगातार कहर बरपाते आ रहे हैं। बस्तर संभाग में मलेरिया फैलाने वाले मच्छरों के पनपने के लिए अनुकूल वातावरण है। लिहाजा मच्छर और मलेरिया बारहों माह संभाग में कहर ढाते रहते हैं। इन दिनों बस्तर संभाग के बीजापुर जिले में मलेरिया ने कोहराम मचा रखा है। बीजापुर जिले की आवासीय संस्था पोटा केबिनों और छात्रवासों में मलेरिया का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। मलेरिया की चपेट में आकर जिले की दो छात्राओं की जान जा चुकी है और तीन अभी अस्पताल में भर्ती हैं। इनके अलावा अभी और कई पीड़ित हो सकते हैं, क्योंकि छात्र छात्राओं की नियमित जांच होती नहीं है और न ही उनका मलेरिया टेस्ट होता है। इसे लेकर बीजापुर के कांग्रेस विधायक विक्रम मंडावी ने मोर्चा खोल दिया है। इस मुद्दे को श्री मंडावी विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान पुरजोर तरीके से उठाने की तैयारी में हैं।
बीजापुर जिले के तारलागुड़ा कन्या पोटा केबिन की एक छात्रा दीक्षिता की मौत गुरुवार को हो गई। वहीं संगमपल्ली की एक अन्य छात्रा वेदिका जव्वा की मौत शनिवार की आधी रात जिला अस्पताल में हुई। ये दोनों छात्राएं मलेरिया से पीड़ित थीं। मिली जानकारी के अनुसार कन्या पोटा केबिन संगमपल्ली की तीन छात्राओं को‌ मलेरिया बुखार होने पर बीजापुर लाया गया है। इस तरह जिले के आवासीय संस्थाओं में शिक्षा सत्र के शुरूआती माह में ही छात्र छात्राओं पर मलेरिया के साथ साथ साथ अन्य मौसमी बीमारियों का हमला शुरू हो गया है। ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले बच्चों के लिए पर्याप्त सुविधाओं के अभाव के अलावा बिस्तरों की गंदगी से भी बच्चों को दो चार होना पड़ रहा है। आवासीय संस्थाओं में विद्यार्थियों नियमित स्वास्थ्य परीक्षण की भी व्यवस्था नहीं है। यह भी विद्यार्थियों के रोगग्रस्त होने का बड़ा कारण है। कलेक्टर अनुराग पांडे ने छात्राओं की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग को तीन दिन में स्वास्थ्य परीक्षण शिविर लगाकर सभी बच्चों का इलाज करने के निर्देश दिए हैं।

विधायक विक्रम हमलावर

बीजापुर के कांग्रेस विधायक विक्रम मंडावी ने कहा कि आवासीय संस्थाओं का अधिकारियों द्वारा नियमित निरीक्षण न किया जाना सिस्टम की बहुत बड़ी कमजोरी है। विभागीय अधिकारी सिर्फ खानापूर्ति और टीए, डीए बिल बनाने के लिए दौरे करते हैं। यहां आदिवासी बच्चों की देखभाल, सेहत और खानपान की व्यवस्था के प्रति कोई गंभीर नहीं है। विधायक विक्रम मंडावी ने तारलागुड़ा व संगमपल्ली पोटा केबिन में दो छात्राओं की मौत पर गहरी संवेदना व्यक्त की है।विधायक विक्रम मंडावी ने यह भी कहा कि इन बच्चों की मौत के जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। क्योंकि दोनों छात्राओं की मौत के लिए विभागीय अधिकारी ही जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा है कि जिले में आदिवासी बच्चों की मौत बहुत ही दुखद घटना है। और जो बच्चे अस्पताल में भर्ती है प्रशासन उन बच्चों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए। श्री मंडावी ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि राज्य में भाजपा की सरकार बनने के बाद आदिवासी बच्चों की मौत व आदिवासियों पर अत्याचार की घटनाएं बढ़ी हैं। बीजापुर जिले में स्वास्थ्य सुविधाएं चरमरा गई है। इन सब मामलों को विधानसभा में प्रश्न उठाया जाएगा।

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