बस्तर की नायाब खूबसूरती और बेमिसाल संस्कृति दिल में समा गई दिल्ली से आए अफसरों के…

 

0  केंद्रीय वित्त आयोग के दल ने देखी चित्रकोट जलप्रपात की अनुपम छटा 
0  जलप्रपात के अप्रतिम सौंदर्य से हुए अभिभूत 

(अर्जुन झा) जगदलपुर। अपने बस्तर की कोई सानी नहीं है। जो भी बस्तर आता है, वह यहां की नायाब कुदरती खूबसूरती और बेमिसाल संस्कृति का दीवाना बन जाता है। बनें भी क्यों न? ऊपर वाले ने नेमतें जो बख्श रखी हैं अपने प्यारे बस्तर को। बस्तर की खूबसूरती का कुछ ऐसा ही जादू केंद्रीय वित्त आयोग सदस्यों पर भी चला है। दिल्ली से आए अधिकारी सचमुच बस्तर को अपना दिल दे बैठे हैं। बस्तर की खूबसूरती और संस्कृति की अप्रतिम छटा उनके दिलों में समा गई है। ये अधिकारी वाह, वाह करते लौटे हैं।

केंद्रीय वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया के नेतृत्व में आयोग के सदस्यों और अधिकारियों का दल शुक्रवार को जगदलपुर पहुंचा था। इस दौरान दल ने बस्तर के विश्व प्रसिद्ध चित्रकोट जलप्रपात के दूसरी छोर तीरथा पहुंचकर जलप्रपात की नैसर्गिक खूबसूरती को करीब से देखा। चित्रकोट जलप्रपात के तीरथा स्थित वॉच टॉवर पर जाकर सभी सदस्य काफी देर तक जलप्रपात से झर झर गिरती विशाल जलधारा को अपलक निहारते और उसकी प्रशंसा करते रहे। इस दौरान वित्त आयोग के सदस्य अजय नारायण झा, एनी जॉर्ज मैथ्यू, डॉ. मनोज पांडा, डॉ. सौम्यकांति घोष मौजूद थे। कलेक्टर विजय दयाराम के दल के सदस्यों को चित्रकोट जलप्रपात, तीरथगढ़ जलप्रपात, कुटुमसर गुफा समेत बस्तर के अन्य पर्यटन स्थलों के बारे में बताते रहे।टीम के सदस्य अजय नारायण झा ने नदी के उद्गम और संगम स्थल के बारे में जानकारी ली। साथ ही उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की वास्तविक और नैसर्गिक खूबसूरती बस्तर में देखने को मिल रही है जहां प्राकृतिक वातावरण बेहद सुंदर है, जो अपने आप में बेमिसाल है। श्री झा ने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ के बारे में जितना सुना था, उससे भी कहीं ज्यादा बेहतरीन है। उन्होंने यहां के भोले भाले आदिवासी ग्रामीणों द्वारा की गई पारंपरिक आवभगत की मुक्तकंठ प्रशंसा की। आयोग के दल ने चित्रकोट जलप्रपात की खूबसूरती को अपने कैमरों में कैद किया। इस अवसर पर कलेक्टर विजय दयाराम के., पुलिस अधीक्षक शलभ सिन्हा, जिला पंचायत सीईओ प्रकाश सर्वे भी उनके साथ थे।

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