मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने केदार कश्यप के अनुभव पर जताया भरोसा, बनाया संसदीय कार्य मंत्री

0  मानसून सत्र के बाद होगा साय कैबिनेट का विस्तार

(अर्जुन झा) जगदलपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की कैबिनेट का विस्तार फिलहाल जरूर टल गया है, मगर मुख्यमंत्री श्री साय ने मंत्री केदार कश्यप के दीर्घकालीन अनुभव और उनकी क्षमता पर भरोसा जताते हुए उन्हें संसदीय कार्य मंत्री का प्रभार भी सौंप दिया है। राज्यपाल के अनुमोदन के बाद मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने इस संबंध में गुरुवार की देर रात आदेश जारी किया। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर केदार कश्यप को बधाई देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा है कि मंत्रिमंडल के मेरे साथी केदार कश्यप को वन एवं जलवायु परिवर्तन, जल संसाधन, कौशल विकास एवं सहकारिता विभाग के वर्तमान दायित्वों के साथ साथ संसदीय कार्य विभाग का प्रभार मिलने पर बहुत-बहुत बधाई एवं सफल कार्यकाल के लिए हार्दिक शुभकामनाएं। साय केबिनेट के विस्तार की चर्चा लंबे समय से चल रही है। शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के सांसद चुन लिए जाने के बाद शिक्षा मंत्रालय फिलहाल रिक्त है और इसे मुख्यमंत्री श्री साय अपने पास ही रखे हुए हैं। चूंकि मुख्यमंत्री के पास कार्य का बोझ ज्यादा रहता है, इसलिए कयास लगाए जा रहे थे कि शिक्षा मंत्रालय केदार कश्यप को दिया जा सकता है।. केदार कश्यप को इस मंत्रालय का खासा अनुभव भी है। वे रमन सरकार में शिक्षा मंत्री रह चुके हैं और शिक्षा के क्षेत्र में तब उन्होंने उल्लेखनीय कार्य किए थे। शिक्षा मंत्री रहते केदार कश्यप ने बस्तर संभाग के साथ समूचे छत्तीसगढ़ में शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने की दिशा में बेहतरीन कार्य किए थे। शिक्षकों और विभागीय कर्मियों का दुख दर्द दूर करने के लिए प्रभावी कदम उठाए थे। सूत्र बताते हैं कि केदार कश्यप की मंशा है कि राज्य में शिक्षा व्यवस्था को इतना बेहतर बना दिया जाए कि सरकारी स्कूलों से पढ़कर निकलने वाले बच्चे भी आईएएस, आईपीएस, आईएफएस, आईआरएस, डॉक्टर, इंजीनियर बनने की काबिलियत से ओतप्रोत हो जाएं। सूत्रों के अनुसार साय कैबिनेट में अभी दो विधायकों में से एक नया और एक पुराने चेहरे को मंत्री बनाया जा सकता है। ऐसे में केदार कश्यप को शिक्षा मंत्री बनाकर उनके पुराने विभाग वन, जलवायु परिवर्तन एवं सहकारिता विभाग का दायित्व किसी दूसरे चेहरे को दिया जा सकता है।

कश्यप को अहम दायित्व

छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र 22 जुलाई से शुरू हो रहा है। विधानसभा की कार्यवाही संचालित करने के लिए संसदीय कार्य मंत्री की अहम भूमिका होती है। इसलिए कैबिनेट का विस्तार न करते हुए फिलहाल मंत्री केदार कश्यप को ही संसदीय कार्य मंत्रालय का प्रभार दिया गया है। संसदीय कार्य मंत्रालय उसी को सौंपा जाता है, जो धीर गंभीर, सुशिक्षित, अनुभवी हो। इस पैमाने पर केदार कश्यप मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की नजरों में खरे उतरे हैं। केदार कश्यप पहले भी मंत्री रहे हैं, संगठन में भी दायित्व सम्हाल चुके हैं और सबसे बड़ी बात यह कि वे एक सुलझे हुए मगर फायर ब्रांड नेता के रूप में भी जाने जाते हैं। इसीलिए मुख्यमंत्री श्री साय ने उन्हें यह महति जिम्मेदारी सौंपी है। उधर मानसून सत्र के बाद सीएम साय अपनी कैबिनेट का विस्तार कर सकते हैं। सूत्रों के अनुसार साय की कैबिनेट में नए मंत्री के दावेदार विधायकों में राजेश मूणत, अमर अग्रवाल, अजय चंद्राकर, भावना बोहरा और गजेंद्र यादव हैं। इनमें से किन्ही दो विधायकों को शामिल किए जाने की चर्चा है। शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के इस्तीफे के बाद माना जा रहा है कि रायपुर से एक नया मंत्री बनाया जा सकता है। ऐसे में रमन कैबिनेट में रहे राजेश मूणत और अजय चंद्राकर दोनों में से किसी एक का चयन हो सकता है।

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