0 पुलिस ने किया डबल मर्डर केस पर बड़ा खुलासा
0 जर, जोरू और जमीन बनी दोहरे हत्याकांड की वजह
(अर्जुन झा) जगदलपुर। हर विवाद में जर, जोरू और जमीन ही मुख्य कारक होते हैं। रामायण से लेकर महाभारत तक में जर जोरू और जमीन तथा भारत से चीन एवं पाकिस्तान के रिश्तों में खटास के पीछे भी जमीन ही निहित है। वहीं जगदलपुर में 11 जुलाई को हुए डबल मर्डर केस में भी जर जोरू और जमीन ही मुख्य वजह रही है। एक भाई चाहता था एक प्रॉपर्टी को बेचकर अच्छा सा मकान बनाना और बिजनेस करना। बड़े भाई को यह बात पसंद नहीं थी। वहीं जो बड़ा भाई अपने छोटे भाई की मदद के लिए तत्पर रहता था, उसने मुंह फेर लिया था। क्योंकि वह पराई नारी के चक्कर में पड़ गया था। छोटे भाई को बड़े भाई की बेरुखी और इश्क मोहब्बत वाला खेल पसंद नहीं आया। इसलिए उसने बड़े भाई की हत्या कर दी। बीच में मां आई, तो उसकी भी जान ले ली।
जगदलपुर के इंदिरा वार्ड स्थित अनुपमा चौक के एक मकान में 11 जुलाई को मां गायत्री गुप्ता और बेटे नीलेश गुप्ता के खून से लथपथ शव मिले थे। वहीं दूसरा बेटा नीतेश गुप्ता घायल अवस्था में बाथरूम में पड़ा मिला था। खून पूरे कमरे में फैला हुआ था। कमरे में रखा सामान बिखरा पड़ा था। निलेश गुप्ता और गायत्री गुप्ता को अज्ञात व्यक्तियों द्वारा ठोस हथियार से सिर, चेहरा एवं गर्दन पर गंभीर चोट पहुंचाकर हत्या की गई थी। नितेश गुप्ता को भी हथियार से मारकर चोट पहुंचाया गया था। प्रकरण में पुलिस अधीक्षक शलभ कुमार सिन्हा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक माहेश्वर नाग के मार्गदर्शन एवं नगर पुलिस अधीक्षक उदित पुष्कर, उप पुलिस अधीक्षक नासिर बाठी के पर्यवेक्षण में थाना प्रभारी कोतवाली सुरेश जांगड़े, थाना प्रभारी परपा निरीक्षक दिलबाग सिंह, थाना प्रभारी बोधघाट निरीक्षक लीलाधर राठौर के नेतृत्व में टीम गठित कर जांच शुरू की गई। इस दौरान सीसीटीवी कैमरे से प्राप्त फुटेज, घटना स्थल पर मिले साक्ष्य, तकनीकी साक्ष्य एवं परिस्थिति जन्य साक्ष्यों के अनुरूप अज्ञात व्यक्तियों की पतासाजी एवं नितेश गुप्ता उर्फ सोनू से विस्तृत पूछताछ की गई। नीतेश ने बताया कि वह तीन चार माह से आर्थिक तंगी से जूझ रहा था। मां और बडे भाई नीलेश से पैसे मांगने पर गाली गलौज करते और डांटते थे। हमारी दो जगह जमीन मकान है। नीतेश अपने बड़े नीलेश भाई और मां को सलाह देता था कि एक जमीन और मकान को बेचकर एक जमीन पर घर बनाकर दोनों परिवार रहेंगे और बचे पैसे से कोई अच्छा सा बिजनेस डालकर सेट हो जाएंगे। बडा भाई मना कर देता था और मां भी उसी का साथ देती थी और मुझे गालियां देती रहती थी। इस कारण मैं बहुत परेशान था। मैने कई जगह से लाखों रूपये कर्ज में ले रखे थे। लेनदार मुझे फोन करते रहते थे। साथ ही इस बीच बड़ा भाई नीलेश पति द्वारा छोड़ दी गई दूसरी जाति की विवाहित लड़की से शादी करना चाहता था। मां जब भी हम दोनों की शादी की बात करती थी, तो बड़ा भाई नीलेश बोलता था कि तू अपना देख मेरे बारे में ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं है। बड़ा भाई जबसे उस लड़की के संपर्क में आया, तबसे वह न मुझे पैसे की मदद करता था और न ही मेरी कोई बात मानता था। इससे पहले वह जरूरत पडने पर मुझे पैसों की मदद भी करता था और मुझसे भी पैसे की मदद मांग लेता था।
तवे से मारा, नाड़े से गला घोंटा
नीतेश ने पुलिस को बताया है कि घटना तिथि की रात में भी हम लोगों में पैसे मांगने की बात को लेकर वाद विवाद हुआ। धक्का मुक्की करते समय भाई नीचे गिर गया। मैंने यह कहते हुए लोहे के तवे से उस पर वार कर दिया कि आज तुझे खत्म करके ही रहूंगा। मां बीच बचाव के लिए आई। गाली देते हुए मुझे खींचने लगी और थप्पड़ मारने लगी तो मैने उस पर भी उसी तवे से वार कर दिया। दोनों बेहोश होकर गिर गए। तब मैंने अपने चड्डा के नाड़े से दोनों का गला घोट दिया। दोनों की हत्या करने बाद अपने बचाव में घटना को लूटपाट का रूप देने के लिए आलमारी के सामान को बिखेर दिया। अपने आप को ब्लेड से चोट पहुंचाई और अपने हाथ पैर को स्वयं से रस्सी से बांधकर बाथरूम में लेट गया। फारेसिंक एक्सर्पट से घटना स्थल का निरीक्षण कराया गया जो नितेश पर संदेह होने पर तकनीकी साक्ष्यो के तथ्यपरक साक्ष्यो के आधार पर पूछताछ की गई। पूछताछ में नीतेश टूट गया और मां और भाई की हत्या का अपराध करना कबूल कर लिया।
इनकी रही अहम भूमिका
मामले की गुत्थी सुलझाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाले पुलिस कर्मियों में निरीक्षक सुरेश जांगड़े, दिलबाग सिंह, लीलाधर राठौर, तामेश्वर चौहान, उप निरीक्षक लोकेश्वर नाग, सहायक उप निरीक्षक दिनेश नंदी, नायडू, आरक्षक रवि सरदार, युवराज सिंह ठाकुर, संजय रजावत, केशव चंद्रा, सोनू गौतम, दीपक कुमार आदि शामिल हैं।