0 दंड से न्याय संहिता पर कदम रखने का ऐतिहासिक दिन बन गया 1 जुलाई
बकावंड। स्थानीय पुलिस थाना परिसर में 1 जुलाई को नवीन आपराधिक कानून विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। पुराने अनेक गैर जरुरी कानूनों से मुक्ति का यह ऐतिहासिक क्षण साबित हुआ है।
प्रथम उद्बोधन में थाना प्रभारी इंदर कंवर ने कहा कि ब्रिटिश काल की दंड संहिता के साथ शब्दावली में नवीन बदलाव के हम साक्षी बन रहे हैं। आज से दंड संहिता के स्थान पर न्याय संहिता अस्तित्व में आ गई है। सन 1807, 1873 और सन 1872 में बने कानून भारतीय नागरिक सुरक्षा के रुप में प्रतिस्थापित होकर नए कानून के तौर पर शुरू किए जा रहे हैं। 200 साल से चली आ रही दंड संहिता को न्याय संहिता में बदलने का यह यादगार अवसर है। अब न्याय प्रणाली पारदर्शी होने के साथ आसान होगी। जन सामान्य को त्वरित न्याय मिल सकेगा। डिजिटल एफआईआर मील का पत्थर साबित होगी। इस विषय को जन जन पहुंचाने सभी प्रबुद्धजन योगदान दें। इस अवसर पर जनपद पंचायत अध्यक्ष धनुर्जय, नारायण बिसाई, बस्तर अधिकार मुक्ति मोर्चा के विधानसभा क्षेत्र अध्यक्ष नीलांबर बद्री, सोनवाड़ी काग, पट्टी कश्यप, सुखराम कश्यप, अभिराम कश्यप, नकुल कश्यप, भोलाराम कश्यप सहित बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे।