0 आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं नक्सली, भाजपा और सुरक्षा बलों ने तोड़ी कमर : पारख
जगदलपुर। भाजपा सरकार और सुरक्षा बलों के जवान नक्सलियों को ध्वस्त करने के लिए मिशन मोड पर काम कर रहे हैं। भाजपा नेता मनीष पारख ने यह बात कही है। एक बयान जारी कर मनीष पारख ने कहा है कि भाजपा सरकार में बस्तर में केवल विकास की धारा बहेगी। बस्तर में पुलिस और सुरक्षा बलों के जवानों को लगातार सफलता मिल रही है। नक्सली डरे सहमे हुए और पलायन करने के लिए मजबूर हो गए हैं। विकास विरोधी नक्सली अपने मंसूबे पर कभी कामयाब नहीं होंगे। बस्तर की भोली भाली जनता नक्सलियों के खोखले और शोषण करो, राज करो की विचारधारा को समझ गई है। नक्सलियों के काले कारनामे उजागर हो रहे हैं। नक्सलियों ने केवल बस्तर को लूटने और वसूली करने का अपना अड्डा बना के रखा है। मनीष पारख ने कहा है कि नक्सली नकली नोट छापकर बस्तर और देश को आर्थिक रुप से कमजोर कर रहे थे। नक्सलियों ने नकली नोट छाप कर यहां के आदिवासियों, बस्तर के छोटे बड़े व्यापारियों को चूना लगाकर लूटने का काम किया हैं। दशक भर पहले इंटेलिजेंस एजेंसी द्वारा भेजी गई रिपोर्ट के अनुसार नक्सलियों का सालाना लेवी वसूली पांच सौ करोड़ रुपए है। इस वसूली से अंदाजा लगाया जा सकता है कि नक्सली बस्तर का विकास कभी नहीं चाहते। उनका उद्देश्य केवल बस्तरवासियों का शोषण कर अपना पेट भरना रहा है। नक्सलियों द्वारा बनाए गए जाली नोट आज भी बाजार में घूम रहे हैं।जिसका खामियाजा बस्तर के लोगो को भुगतना पड़ सकता है। स्वयं को जनता का हितैषी बताने वाले नक्सलियों की कायराना करतूत का नतीजा है कि, नक्सलियों द्वारा सुरक्षा बलों को क्षति पहुंचाने के उद्देश्य से जगह-जगह लगाए गए आईईडी की चपेट में आने से लगातार बस्तर के आम लोगों की मौत व घायल होने की घटनाएं सामने आ रही हैं।इसका ताजा उदाहरण है दंतेवाड़ा जिले के बारसूर थाना क्षेत्र में बुधवार रात क्रियाकर्म से लौट रहे भाई-बहन नक्सलियों द्वारा प्लांट किए गए आईईडी की चपेट में आने से बुरी तरह घायल हो गए। मनीष पारख ने आगे कहा है कि भाजपा सरकार और सुरक्षाबल के जवान नक्सलियों को हर मोर्चे पर मात दे रहे हैं। नक्सलियों को मुठभेड़ में मार गिराने के बाद अब सरकार और सुरक्षा बलों ने नक्सलियों को आर्थिक रुप से पंगु भी कर दिया है। नक्सलियों का नकली नोट छापना इस बात को साबित करता है कि इनका संबंध आतंकवादियों से है। सुरक्षा बल द्वारा चलाए जा रहे आक्रामक अभियान से नक्सली दहशत में हैं और अपनी अंतिम सांसे गिन रहे हैं। अब नक्सलियों को शहरी नेटवर्क द्वारा मिलने वाली मदद भी बंद हो गई है और नकली नोट छापने की मशीन और आवश्यक उपकरण भी पकड़ा गया है। जिससे नक्सलियों की कमर टूट चुकी है। शहरी नेटवर्क से नक्सलियों को मिलने वाला रसद, कपड़े, हथियार, कारतूस, समेत सप्लाई चेन पूरी तरह प्रभावित होकर ध्वस्त होने के कगार में पहुंच चुकी है। नक्सली ठेकेदारों, तेंदुपत्ता संग्राहकों और माइनिंग वालों से वसूली करने का काम करते हैं। छत्तीसगढ़ के बाहर प्रदेश के नक्सलियों ने बस्तर क्षेत्र के भोले भाले लोगों को बहला फुसलाकार नक्सलवाद में भर्ती कर उनका शोषण करने का काम किया है। नक्सली मोटी रकमों की वसूली कर अपनी जेब भरते हैं और बस्तर के विकास, उन्नति और प्रगति में बाधक बनते हैं। बस्तर की जनता नक्सलियों की खोखली और लूटने की विचारधारा को समझ चुकी है।