0 सांसद महेश कश्यप ने सहायक आयुक्त को अपने हाथ से लिखा पत्र
0 रंग ला रही जिला पंचायत सदस्य सारिता की पहल
(अर्जुन झा) बकावंड। ब्लॉक मुख्यालय बकावंड में निर्मित ढाई -ढाई सौ सीटर आदिम जाति बालक छात्रावास और बालिका छात्रावास के दिन अब फिरेंगे। सात साल से वीरान पड़े ये दोनों छात्रावास अब छात्र छात्राओं से जल्द आबाद होंगे। बस्तर के सांसद महेश कश्यप ने आदिम जाति कल्याण विभाग बस्तर के सहायक आयुक्त को पत्र लिखकर छात्रावासों में छात्र छात्राओं के दाखिले की प्रक्रिया जल्द शुरू कराने कहा है।
बस्तर क्षेत्र के विधायक लखेश्वर बघेल के प्रयासों से बकावंड में करीब पंद्रह करोड़ रुपयों की लागत से 250- 250 सीटों की क्षमता वाले आदिम जाति के विद्यार्थियों के लिए बालक एवं बालिका छात्रावासों का निर्माण कराया गया है। आदिम जाति कल्याण विभाग से सीटों की स्वीकृति न मिलने के कारण ये दोनों छात्रावास सात साल से वीरान पड़े हैं। देखरेख के अभाव में सर्व सुविधायुक्त दोनों भव्य छात्रावास जर्जर होते जा रहे हैं। क्षेत्र की कर्मठ एवं सक्रिय जिला पंचायत सदस्य सरिता पाणिग्रही ने छात्रावासों के लिए सीटों की स्वीकृति और उनकी बदहाली का मुद्दा उठाया था। सारिता पाणिग्रही के मुताबिक 7 वर्ष से सीट स्वीकृत नहीं होने के कारण छात्रावासों की दोनों बिल्डिंगें खंडहर तब्दील होती जा रही हैं और आदिवासी विद्यार्थियों खासकर क्षेत्र की छात्राओं को आवासीय सुविधा नही होने के कारण आगे की पढ़ाई करने में दिक्कत हो रही है। बकावंड ब्लॉक के दूरस्थ गांवों की बेटियों को बीच में ही पढ़ाई छोड़ देनी पड़ रही है। उनकी शिक्षा में प्रतिकूल असर पड़ रहा है। जिला पंचायत सदस्य सारिता पाणिग्रही का कहना है कि एक तरफ हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय कन्या शिक्षा को प्रोत्साहित करते हुए बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के लक्ष्य के साथ समर्पित भाव से काम कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर प्रशासनिक लापरवाही के चलते सात साल बनकर तैयार छात्रावासों में हमारे बेटे बेटियों को दाखिला नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने इस ओर सांसद महेश कश्यप और बस्तर जिला प्रशासन का ध्यान आकर्षित कराया था।
सांसद कश्यप की सादगी
बस्तर के नव निर्वाचित सांसद महेश कश्यप ने तत्काल मामले को गंभीरता से लिया है। सीधे सरल व्यक्तित्व के धनी आदिवासी पुत्र सांसद महेश कश्यप ने तुरंत आदिम जाति कल्याण विभाग बस्तर के सहायक आयुक्त को पत्र लिखकर बकावंड के दोनों छात्रावासों के लिए सीट स्वीकृत करने और वहां जल्द से जल्द छात्रों तथा छात्राओं के दाखिले की प्रक्रिया शुरू कराने को कहा है। सहायक आयुक्त को यह पत्र सांसद महेश कश्यप ने स्वयं अपने हाथों से लिखा है। पत्र में सांसद श्री कश्यप ने बड़े ही विनयी भाव से कहा है कि सीटों की स्वीकृति जल्द से जल्द दिलाने की कृपा करेंगे। पत्र की इस पंक्ति से आभास होता है कि सांसद जैसे महत्वपूर्ण पद पर रहते हुए भी महेश कश्यप प्रशासनिक अधिकारियों का पूरा सम्मान करते हैं और विद्यार्थियों के भविष्य को लेकर चिंतित भी हैं। अन्यथा अक्सर विधायक व सांसद जब भी किसी कार्य के लिए अधिकारियों को पत्र लिखते हैं, तो उसमें आदेशात्मक पुट दिखाई देता है। उम्मीद की जा रही है कि आदिम जाति कल्याण विभाग के सहायक आयुक्त सांसद महेश कश्यप की ‘विनती’ पर जल्द पहल करेंगे। वहीं सांसद महेश कश्यप के दखल के बाद अब लोगो में उम्मीद जाग उठी है कि इसी सत्र से ही दोनों छात्रावासों का लाभ बकावंड अनुभाग के छात्र छात्राओं को मिलने लगेगा।