इतिहासकारों ने रानी दुर्गावती के योगदान का सही मूल्यांकन नहीं किया: लाल निवेंद्र सिंह टेकाम

0  डौंडी में मनाया गया रानी दुर्गावती का बलिदान दिवस
दल्ली राजहरा। डौंडी के गोडवाना भवन में रानी दुर्गावती शहादत दिवस मनाया गया। विशिष्ट अतिथि डौंडी लोहारा के युवराज लाल निवेंद्र सिंह टेकाम थे। मुख्य अतिथि भोलाराम नेताम तथा विशेष अतिथि बिरझू कुरेटी थे। अध्यक्षता गिरवर टेकाम सर्किल अध्यक्ष लखन सिंह हिड़की ने की। कार्यक्रम में आसपास के पदाधिकारियों तथा सामाजिक लोगों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।
युवराज लाल निवेंद्र सिंह टेकाम, भोलाराम नेताम, बिरझू कुरेटी, गिरवर टेकाम, लखन सिंह हिड़की व समाज के लोगों ने रानी दुर्गावती के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया। लाल निवेंद्र सिंह टेकाम ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि रानी दुर्गावती ने अंग्रेजों और मुगलों के खिलाफ 500 से भी ज्यादा लड़ाइयां लड़ी थी। उन्होंने अंग्रेजों और मुगलों की हर साजिश को नाकाम कर दिया था। हमारे समाज की ऎसी वीरांगना रानी दुर्गावती के बारे में इतिहास में बहुत कम वर्णन है। भारत की आजादी में उनका योगदान अतुल्य है। मगर जिन्होंने आजादी की लड़ाई में जरा भी योगदान नहीं दिया है, उनका इतिहासकारों ने महिमा मंडन किया है जबकि रानी दुर्गावती के योगदान को हासिये पर डाल दिया गया। इतिहासकारों ने हमारी देवतुल्य रानी दुर्गावती के साथ अन्याय किया है। स्कूली पाठ्यक्रमों में रानी दुर्गावती के बारे में विस्तार से लेख होना चाहिए। मैं इस बारे में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से जरूर निवेदन करूंगा। अन्य अतिथियों ने भी रानी दुर्गावती के योगदान पर विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में समाज के युवा प्रकोष्ठ सर्किल अध्यक्ष पवन गोटा , दौलत कोड़े, मोमबाई मरकाम, देवनारायण गोटा, छबिलाल मरकाम, वंदना कौर, भूमिका भूआर्य, मीनाक्षी अकोला, वैभव लक्ष्मी, फुलबासन,महेश्वरी बाई, भगवती सोरी, राजुला बाई कोरेटी व अन्य सामाजिक जन उपस्थित थे।

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