0 बस्तर के आदिवासी नेताओं को करार दिया असंवेदनशील
जगदलपुर। सामाजिक कार्यकर्ता सोनी सोरी ने
बस्तर संभाग के बीजापुर जिले के ग्राम कोरचोली निवासी मूलवासी बचाओ मंच की कार्यकर्ता
सुनीता पोट्टम की गिरफ्तारी का पुरजोर विरोध करते हुए इसे अमानवीय एवं आदिवासियों पर अत्याचार निरुपित किया है।
सुनीता पोट्टम को तीन जून को रायपुर से नक्सल मामले में गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में मामले में सोमवार को मूलवासी बचाओ मंच की सोनी सोरी ने पत्रकार वार्ता में कहा कि मंच द्वारा आदिवासियों पर अत्याचार के मामलों व फर्जी मुठभेड़ के मामले उठाने के चलते मंच के कार्यकर्ताओं को फर्जी ढंग से गिरफ्तार किया जा रहा है। रायपुर में पढाई करने गई आदिवासी युवती सुनीता पोट्टम को अमानवीय ढंग से घसीटते
हुए लेजाकर जेल में बंद किया गया है। पत्रकार वार्ता के दौरान सुनीता के पिता आयतू पोटामी, मूलवासी बचाओ मंच की सोनी सोरी, सावित्री पोटाम, आयतू पोटाम, विनेश, श्रेया व पीयूसीएल की पदाधिकारी रिनचिन मौजूद थे। पदाधिकारियों ने कहा कि सुनीता काफी समय से मंच से जुड़कर सामाजिक क्षेत्र में काम कर रही है। वह रायपुर में रहकर पढ़ाई कर रही है। पुलिस ने उन पर आरोप लगाया है कि रायपुर में वह नाम बदलकर रह रही है। साथ ही 2021 के नक्सल मामलों में उसे निरूद्ध किया गया है। इसके पहले भी मंच के दस लोगों पर पुलिस ने फर्जी मुकदमा दर्ज किया है। इसके पहले भी सुनीता ने आईजी से लेकर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र लिखकर उन्हें फंसाए
जाने की आशंका जाहिर की थी। पर उसकी शिकायत पर कोई संज्ञान नहीं लिया गया। सामाजिक कार्यकर्ता सोनी सोरी ने कहा कि जल, जंगल, जमीन के संघर्ष से जुड़े युवा सामाजिक कार्यकर्ताओं का दमन किया जा रहा है। बीजापुर की महिला डीएसपी ने मानवता को ताक पर रखकर आदिवासी लड़की को गिरफ्तार किया है। पीरियड आने पर उसने सेनेट्री नेपकिन की मांग की पर अनसुना कर दिया गया। उसे इस तरह हिरासत में लिया गया, मानो वह खूंखार डकैत व आतंकवादी हो। बस्तर में आदिवासी दोनों तरफ से मारा जा रहा है। किसी भी आदिवासी जनप्रतिनिधि को इसकी चिंता नहीं है। यह रक्तपात बंद होना चाहिए। यदि सरकार गंभीरता से वार्ता करने व शांति की पक्षधर है तो उसे सामाजिक कार्यकर्ताओं समेत सभी वर्ग को साथ लेकर नक्सल संगठन से हिंसा बंद करने
बातचीत करने आगे आना चाहिए।