अब नकली नोट भी छापने लगे हैं नक्सली, सुकमा के जंगल से प्रिंटर मशीन, इंक और फेक करेंसी बरामद !

0 पहली बार बस्तर संभाग में सामने आई विस्फोटक खबर 
0 अंदरुनी क्षेत्रों के बाजारों में लंबे समय से खपाते आ रहे थे नकली नोट 
0 आदिवासियों के बीच खपाते रहे हैं इन नकली नोटों को 
(अर्जुन झा) जगदलपुर। बस्तर संभाग के सुकमा जिले से नक्सालियों से जुड़ी बड़ी विस्फोटक खबर सामने आई है। खबर यह है कि अब बस्तर में सक्रिय नक्सली नकली नोट भी छापने लगे हैं। इन नकली नोटों को नक्सली सुदूर गांवों के साप्ताहिक बाजारों में सामान बेचने आए भोले भाले और आशिक्षित आदिवासियों के पास ही लंबे समय से खपाते आ रहे हैं। इस तरह खुद को आदिवासियों का मसीहा बताने वाले नक्सली आदिवासियों से तो छल कर ही रहे हैं, देश की अर्थ व्यवस्था को भी आघात पहुंचा रहे हैं। इस खुलासे के बाद नक्सलियों का असली चेहरा भी सामने आ गया है। दरअसल सुरक्षा बलों ने सुकमा जिले के जंगल से नकली नोट छापने की प्रिंटर मशीन, विभिन्न रंगों की स्याही, प्रिंटर रोलर व अन्य सामग्री बरामद की जाने के बाद यह विस्फोटक खुलासा हुआ है।
बस्तर संभाग के सुकमा जिले में वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में नक्सल उन्मूलन अभियान चलाया जा रहा है। इसी तारतम्य में नक्सलियों द्वारा नकली नोट छापकर खपाए जाने की सूचना मिलने पर 22 जून को जिला पुलिस बल, डीआरजी, बस्तर फाईटर और सीआरपीएफ की 50वीं वाहिनी की संयुक्त पार्टी विशेष नक्सल गश्त सर्चिंग के लिए ग्राम मैलासूर, कोराजगुड़ा, दंतेशपुरम व आसपास के क्षेत्र की ओर रवाना हुई थी। इस अभियान के दौरान सुरक्षा बल जंगल -झाड़ियों की सर्चिंग करते हुए आगे बढ़ रहा था। इसी बीच 22 जून की शाम ग्राम कोराजगुड़ा के जंगल पहाड़ी में मौजूद नक्सली सुरक्षा बलों की गतिविधियों को देखकर जंगल पहाड़ी की आड़ लेकर भाग निकले। इसके बाद सुरक्षा जवानों द्वारा घटना स्थल की सघन सर्चिंग करने के दौरान अलग- अलग जगहों पर नक्सलियों द्वारा छिपाकर रखे गए नकली नोट बनाने का उपकरण, कलर प्रिंटर मशीन, इन्वर्टर मशीन, कलर इंक एवं 50, 100, 200 व 500 रूपए के नकली नोट के सेम्पल तथा भरमार बंदूक, वायरलेस सेट, मैग्जीन पोच, नक्सली काली वर्दी, कपड़े एवं भारी मात्रा में विस्फोटक सामाग्री बरामद की गई।

ये हैं आदिवासियों के मसीहा?

सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि वर्ष 2022 में बड़े नक्सली कैडरों द्वारा प्रत्येक एरिया कमेटी के एक- एक नक्सली सदस्य को नकली नोट छापने का प्रशिक्षण दिया गया है। प्रशिक्षण पश्चात अपने-अपने एरिया कमेटी में प्रशिक्षित नक्सलियों द्वारा नकली नोट छापकर अंदरुनी क्षेत्रों के साप्ताहिक बाजारों में खपाया जा रहा है। अपने-आप को आदिवासियों का हितैषी बताने वाले नक्सली नकली नोट छापकर उन्ही आदिवासियों के साथ छल कर रहे हैं। क्षेत्र के आदिवासियों द्वारा रात-दिन मेहनत मजदूरी कर बनाए गए सामान और उनकी उपज को नकली नोट से खरीद कर नक्सली अपनी काली करतूत का परिचय दे रहे हैं। इन नकली नोटों का चलन बढ़ा कर भारतीय अर्थ व्यवस्था को बिगाड़ने की कोशिश भी अब नक्सलियों द्वारा की जा रही है।

ये सामान हुए बरामद

डंप से बरामद सामानों में कलर प्रिंटर मशीन 1 नग, ब्लैक प्रिंटर मशीन 1 नग, इन्वर्टर मशीन 1 नग,
50 रुपए, 100 रुपए, 200 रुपए एवं 500 रुपए के नकली नोट, भरमार बंदूक 2 नग, भरमार बंदूक बैरल 1 नग, प्रिंटर मशीन कॉटिज 4 नग, ईमेज किंग, जीपीएस पाउडर प्रिंटर मशीन 118 नग, प्रिंटर इंक 23 नग, प्रिंटर रोलर 9 नग, इलेक्ट्रानिक क्लीनर 2 नग, मल्टीमीटर 1 नग, कैल्कुलेटर 1 नग, वायरलेस सेट 6 नग, वायरलेस सेट चार्जर 6 नग, वायरलेस सेट बैटरी 2 नग, वायरलेस सेट एंटिना 4 नग, वायरलेस सेट क्लीप 7 नग, चार्जर 5 नग, बैटरी क्लीप 8 नग, बैटरी चार्जर एक नग, कोर्डेक्स वायर गांठ लगा हुआ 16 नग, छोटी सोल्डर मशीन, स्टील स्केल 1 नग, मोबाईल चार्जर 1 नग, सूखी डीसी बैटरी 1 नग, मैग्जीन पोच 4 नग एंकलेट 1 नग, पिट्ठू बैग 1 नग, स्टेपलर पिन 3 डिब्बे, नक्सली बैनर कपड़ा, नक्सली काली वर्दी 2 जोड़ी, ढोलक 1 नग, कम्बेट बैरल कैप 2 नग, दवाईयां, नक्सलियों के दैनिक उपयोग की सामग्री शामिल हैं।

पहले भी खबरों के माध्यम से किया था आगाह

बस्तर संभाग के पत्रकारों ने नक्सलियों की आर्थिक क्षमता को लेकर खबर प्रकाशित कर काफी पहले ही शासन, प्रशासन और पुलिस को आगाह कर दिया था। दरअसल छत्तीसगढ़ पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों द्वारा हर तरह से नक्सलियों की कमर तोड़ने की कवायद के बाद भी नक्सली आर्थिक रूप से सक्षम कैसे हैं, जंगलों में घूमते पकड़े जाने वाले नक्सलियों के पास से हजारों रुपए कैसे बरामद हो रहे हैं और आखिर उन्हें आर्थिक मदद कौन पहुंचा रहा है? इन ज्वलंत सवालों को केंद्र में रखकर पत्रकारों ने अपने समाचार पत्र में विस्तृत खबर प्रकाशित की थी। संभाग के जंगलों में एंटी नक्सल ऑपरेशन के दौरान सुरक्षा बलों ने अलग अलग जगहों से एक महिला नक्सली और एक पुरुष नक्सली से 500 -500 रुपयों के कुल 50 हजार रुपए बरामद किए थे। एक नक्सली के पास से 30 हजार रुपए और दूसरे के पास से 20 हजार रुपए बरामद किए गए थे। इसी को आधार बनाकर पत्रकारों ने विवेचनात्मक खबर का प्रकाशन किया था और आख़िरकार यह खबर सच निकली।

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