नगर पालिका अध्यक्ष और सीएमओ के बीच तनातनी, झगड़े में पिस रहे हैं कोंडागांव के निरीह नागरिक

0  चेक साइन नहीं कर रही हैं अध्यक्ष, भुगतान न होने से डीजल मिलना बंद 
0 जल आपूर्ति और कचरा परिवहन हुआ प्रभावित 
(अमरेश झा) कोंडागांव। नगर पालिका कोंडागांव में इन दिनों पालिका अध्यक्ष और सीएमओ के बीच चल रही तकरार ने शहर की जनता को परेशानी में डाल दिया है। अध्यक्ष चेक साइन नहीं कर रही हैं। नतीजतन डीजल के बिलों का भुगतान नहीं पा रहा है और नगर पालिका के वाहनों के लिए डीजल मिलना लगभग बंद सा हो गया है। अब इसके साइड इफेक्ट सामने आने लगे हैं। वार्डों में टैंकरों से जलापूर्ति प्रभावित हो गई है और ट्रेक्टरों से कचरे का उठाव नहीं हो पा रहा है।
कोंडागांव नगर पालिका में 22 वार्ड शामिल हैं। अधिकांश वार्डों में पेयजल की समस्या का समाधान पानी के टैंकर के माध्यम से किया जाता है। लेकिन नगर पालिका अध्यक्ष और सीएमओ के बीच किसी मुद्दे को लेकर विवाद बढ़ गया है। विवाद के कारण नगर पालिका अध्यक्ष चेक पर दस्तखत नहीं कर रही हैं और नगर पालिका के वाहनों में डीजल नहीं भरवाया जा सक रहा है। डीजल नहीं होने से वार्ड में पेयजल टैंकर, सफाई के लिए जाने वाले कचरा ट्रैक्टर का संचालन नहीं हो रहा है। फलस्वरूप, कई वार्डों में पेयजल की समस्या विकराल रूप ले चुकी है। नगर पालिका उपाध्यक्ष जसकेतु उसेंडी, पार्षद लक्ष्मी ध्रुव, पार्षद सोनामणि पोयाम, पार्षद तेज देवांगन, पार्षद ललित देवांगन व अन्य जन सुबह से ही नगर पालिका कार्यालय में नजर आए। यहां उपाध्यक्ष और पार्षदों ने पूछे जाने पर कारण बताया कि इन दिनों कोंडागांव नगर के 22 में से 15 वार्ड में पेयजल की समस्या है। पेयजल की समस्या को पानी के टैंकर के माध्यम से सुलझाया जा रहा है। पानी के टैंकर प्रतिदिन सुबह अलग-अलग वार्ड में paniसप्लाई करते हैं, क्योंकि गर्मी के कारण कहीं बोरवेल खराब है तो कहीं बोरवेल में जल स्तर नीचे चला गया है। उपाध्यक्ष और पार्षदों ने आगे बताया कि, लगभग तीन दिन से पेयजल की समस्या के लिए पहुंचने वाला पानी का टैंकर नगर पालिका कार्यालय से न तो निकला है और न ही वार्डों में पहुंचा है। जिस कारण वे स्थिति का जायजा लेने पालिका कार्यालय सुबह से ही पहुंचे हैं। इसी तरह नगर के सफाई के लिए चलने वाला कचरा वाहन भी पालिका से रवाना नहीं किया गया है।
समस्या की जड़ है डीजल
बताया जाता है कि समस्या की जड़ डीजल की अनुपलब्धता है। इस संबंध में पार्षदों के दल ने बताया कि नगर पालिका के कर्मचारियों ने उन्हें ट्रैक्टर लेकर पानी सप्लाई और कचरा वाहन मोहल्ले में नहीं पहुंचने के बारे में बताया कि वाहनों में डीजल ही नहीं है। जिस कारण से नगर पालिका से ट्रैक्टर व अन्य वाहन रवाना नहीं हुए हैं। डीजल नहीं होने के संबंध में पार्षदों के दल ने नगर पालिका के सीएमओ से भी चर्चा की है। इस संबंध में नगर पालिका के सीएमओ राजेंद्र पात्रे ने जानकारी देते हुए बताया कि, पेट्रोल पंपों को नगर पालिका से बकाया का भुगतान नहीं किया गया है। भुगतान नहीं होने से फ्यूल नहीं दिया जा रहा है। इस संबंध में उन्होंने पहल करते हुए 9 जून को ही चेक पर हस्ताक्षर कर दिया है, लेकिन नगर पालिका अध्यक्ष वर्षा यादव द्वारा चेक पर हस्ताक्षर नहीं किया जा रहा है। जिस कारण से प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ी है।
मानदेय के लिए रोका चेक
इस पूरे मामले पर नगर पालिका अध्यक्ष वर्षा यादव के अलग ही तर्क हैं। वर्षा यादव का कहना है कि, जनप्रतिनिधि के तौर पर नगर के जनता ने हमें अध्यक्ष व पार्षद चुना है। अब हमारा कार्यकाल पूरा होने को भी आ गया है। इस 5 साल में कभी भी हमें मानदेय के लिए इतना परेशान नहीं होना पड़ा। नगर पालिका सीएमओ से इस संबंध में चर्चा करने पर उनका कहना है कि शासन के समक्ष आवेदन करें और आंदोलन कर अपना मानदेय पास करवाएं। ऐसे जवाब के चलते नाराज होकर अन्य पार्षदों की सहमति से चेक पर हस्ताक्षर करने से इं lकार कर दिया गया है।

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