0 जगदलपुर के कुशवाहा ट्रेवल्स संचालक की सामने आई अमानवीयता
0 किरण देव ने कहा- मामले में कराएंगे कड़ी कार्रवाई
(अर्जुन झा) जगदलपुर। जगदलपुर शहर के बस स्टैंड में जिसने भी इस दिल दहला देने वाले मंजर को देखा, उसकी रूह कांप उठी। जगदलपुर के कुशवाहा ट्रेवल्स की एक यात्री बस में दूधमुहे बच्चों सहित ओड़िशा के 240 मजदूरों को आज हैदराबाद से जगदलपुर लाकर छोड़ दिया गया। यात्रियों को ठूंस ठूंस कर भरे जाने से कई बच्चे और किशोरियां बीमार पड़ गईं। एक बच्चे को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है। गनीमत है कि छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष एवं स्थानीय विधायक किरण देव और सहृदय बस्तर कलेक्टर विजय दयाराम के. ने इन मजदूरों की तुरंत सुध ले ली। अन्यथा बड़ी अनहोनी हो सकती थी। विधायक और कलेक्टर की पहल पर मजदूरों के ठहरने और भोजन पानी तथा इलाज का तुरंत प्रबंध कर दिया गया।
ओड़िशा से खाने कमाने हैदराबाद गए 240 मजदूरों को कुशवाहा ट्रेवल्स जगदलपुर की एक ही बस में जानवरों की तरह भरकर जगदलपुर के नया बस स्टैंड पर लाकर छोड़ दिया गया। उड़ीसा के इन मजदूरों के साथ दर्जनों छोटे-छोटे बच्चे और अनेक दूधमुहे बच्चे भी शामिल थे। इसके साथ ही उनके बर्तन, कपड़े लत्तों और दीगर सामानों के लगेज को भी ठूंस दिया गया था। ये मजदूर ओड़िशा तक के लिए कुशवाहा ट्रेवल्स की बस को बुक कराकर हैदराबाद से रवाना हुए थे। बस को जगदलपुर से होते हुए ओड़िशा के बलांगीर तक जाना था, मगर कुशवाहा ट्रेवल्स के बस संचालक ने बलांगीर तक के लिए बस की व्यवस्था न होने की बात कहते हुए मजदूरों को बस स्टैंड जगदलपुर में ही छोड़ दिया। भूखे प्यासे और गर्मी के चलते बस स्टैंड में बैठे-बैठे बच्चे बीमार हो गए। इनमें से दो बच्चों की हालत गंभीर है साथ ही काफी संख्या में दूधमुहे बच्चे भी मजदूर परिवारों के साथ मौके पर नजर आए। सहज अनुमान लगाया जा सकता है कि 52-55 सीटर बस में 240 मजदूरों को किस तरह ठूंस ठूंसकर भरा गया होगा और इन गरीबों ने हैदराबाद से जगदलपुर तक की लंबी दूरी कितनी मुसीबत के साथ तय की होगी। किरण देव सिंह और कलेक्टर विजय दयाराम के. ने मजदूरों के ठहरने की व्यवस्था नगर के टाउनहाल में कराई है। साथ ही उनके लिए भोजन, पानी का भी इंतजाम किया गया है। कलेक्टर के निर्देश पर मजदूरों के इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग ने मेडिकल टीम भी टाउन हाल में तैनात कर दी है। ज्यादा बीमार दो बच्चों को महारानी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। प्रशासन द्वारा मजदूरों को ओड़िशा भेजने की व्यवस्था की जा रही है। किरण देव ने कहा है मामला बड़ा ही गंभीर है, दोषी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कराई जाएगी।
बस संचालक का कृत्य अक्षम्य
ऎसी बेरहमी और बेदर्दी तो जानवरों के साथ भी नहीं की जाती, जैसी बेरहमी और बेदर्दी भरा सलूक कुशवाहा ट्रेवल्स के संचालक और उनके कर्मचारियों द्वारा ओड़िशा के मजदूरों के साथ किया गया है। यह अमनवीय कृत्य अक्षम्य है। इस पर जिला प्रशासन, महिला एवं बाल आयोग तथा आरटीओ को कड़ा एक्शन लेना होगा। कुशवाहा ट्रेवल्स की सारी बसों की परमिट रद्द कर संचालक और मजदूरों के साथ अमानवीय व्यवहार करने वाले कर्मियों के खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई जाने की जरूरत है। ताकि दूसरे बस ऑपरेटर फिर कभी ऐसा दुस्साहस न कर सकें। बता दें कि कुशवाहा ट्रेवल्स की यात्री बसें जगदलपुर से हैदराबाद के बीच अंतर राज्यीय परमिट पर चलती हैं। परमिट अभी जीवित हैं या नहीं, इसकी भी जांच जरूरी है। हैदराबाद में बस्तर और ओड़िशा के मजदूर रोजी रोटी की तलाश में बड़े पैमाने पर गए हुए हैं। ये मजदूर अपने तीज त्यौहारों पर अपने गांव एकसाथ लौटते हैं। इसी का फायदा उठाते हुए बस ऑपरेटर यात्रियों को ठूंस ठूंसकर बसों में भरते हैं।