रायपुर। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि राज्य की भाजपा सरकार वंचित वर्ग को उनका आरक्षण नहीं देना चाहती है। इसीलिये आरक्षण संशोधन विधेयक पर राज्यपाल के हस्ताक्षर करवाने के बजाय सरकार ने नई कमेटी बना दिया है। यही नहीं सरकार ने कमेटी का कार्यकाल भी दो वर्ष का रखा है अर्थात कमेटी गठन कर आरक्षण को भाजपा सरकार ने दो वर्ष तक टाल दिया है। सरकार को कमेटी बनाने की जरूरत क्या है। सभी वर्गो के लिये आरक्षण संशोधन विधेयक राज्य की विधानसभा ने सर्वसम्मति से पारित करवा कर राज्यपाल के पास भेजा है। विधानसभा में जब विधेयक सर्वसम्मति से पारित हुआ था तब उस समय भाजपा के विधायकों ने भी समर्थन दिया था। आरक्षण संशोधन विधेयक में एसटी को 32 प्रतिशत, एससी को 13 प्रतिशत, ओबीसी के लिये 27 प्रतिशत तथा अनारक्षित वर्ग के गरीबों के लिये 4 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है। भाजपा बताये कि वह आरक्षण संशोधन विधेयक के किस प्रावधान से असहमत है जो कमेटी का गठन किया गया है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि सरकार बताये कि आरक्षण को लेकर उसने कमेटी का गठन क्यों किया है? क्या राजभवन पुराने विधेयक को सरकार को वापस कर दिया है? राजभवन ने अपनी तरफ से सरकार से विधेयक के संबंध में कोई सवाल पूछा है जो सरकार ने कमेटी का गठन किया है। कमेटी के गठन से ही आरक्षण को लेकर भाजपा सरकार की बदनीयती झलक रही है। सरकार येन केन प्रकारेण आरक्षित वर्गों का आरक्षण रोकना चाहती है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि सरकार की नीयत वंचित वर्गो को आरक्षण देने की है तो उसका सबसे सरल रास्ता है। राजभवन से विधेयक में हस्ताक्षर करवाया जाये। राज्य में अब तो डबल इंजन की सरकार है। भाजपा की नीयत में खोट नहीं है तो काई कारण नहीं है कि विधेयक को अनावश्यक रोका जाये।