तेज आंधी तूफान ने सुकमा के किस्टाराम क्षेत्र में जमकर मचाई तबाही, सीआरपीएफ कैंप को भारी नुकसान

0  बल के अस्पताल के अंदर तक तबाही का मंजर
(अर्जुन झा) जगदलपुर। बस्तर संभाग के सुकमा जिले के अनेक हिस्सों में गुरुवार को तेज आंधी तूफान ने जमकर कहर ढाया। आंधी से जिले के किस्टाराम क्षेत्र में स्थित सीआरपीएफ कैंप को भारी नुकसान हुआ है।
सुकमा में तैनात केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) बटालियन के कार्मिकों को ईलाज मुहैया कराने के लिए किस्टाराम कैंप के फील्ड अस्पताल – 212 बटालियन तथा बी- 212 बटालियन किस्टाराम केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल कैंप और आसपास के इलाके में 23 मई को शाम लगभग 6.30 बजे काफी तेज आंधी तूफान एवं गरज के साथ बिजली चमकने व बारिश होने से भारी तबाही मची है। सीआरपीएफ कैंप में जवानों के आवास, बैरक, कैंप सुरक्षा हेतु बनाए गए मोर्चा पॉइंट, फील्ड अस्पताल के एमआई रूम, लैब रूम, एक्स-रे रूम, डिस्पेंसरी रूम आदि की छतों के टीन शेड व छतों पर लगी सिलिंग, कैंप परिसर की सुरक्षा के लिए बनाई गई चारदीवारी में लगे टीन शेड हवा में उड़कर दूर-दूर तक जा गिरे। अस्पताल तो बुरी तरह तबाह हो चुका है। अस्पताल के अंदर के कमरों में टूटकर लटकती सिलिंग, झूलती वायरिंग को देखकर लगता है कि तूफान की गति 120 किलोमीटर प्रति घंटा से भी ज्यादा रही होगी। जब अंदर यह आलम था, तो बाहर के हालात कैसे रहे होंगे इसका सहज अनुमान लगाया जा सकता है। तूफान से सरकारी संपत्ति का काफी नुकसान पहुंचा है। हालांकि इस घटना से जवानों को किसी प्रकार का शारीरिक नुकसान नहीं पहुंचा है, मगर तबाह हुए स्ट्रक्चर को फिर से स्टेबलिस करने में जवानों को कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी।
गांवों में गिरे पचासों पेड़
आंधी तूफान ने आंध्राप्रदेश की सीमा के करीब स्थित किस्टारम, लक्ष्मीपुरम समेत आसपास के कई गांवों और जंगलों में भी भारी तबाही मचाई है। कई घरों की छप्पर उड़ गई, टीन शेड उड़ गए और पचासों पेड़ उखड़ गए। जगह जगह बिजली के तार टूटने की भी खबर है। बिजली के कई खंभे भी टूटे हैं। इस वजह से गांवों में अभी तक ब्लैक आउट के हालात बने हुए हैं। सड़कों पर पेड़ और पेड़ों की मोटे तने टूटकर गिर गए, जिससे आवागमन प्रभावित हुआ। ग्रामीण गिरे पेड़ों को काटकर सड़कों पर आवागमन सुचारु बनाने में लगे रहे। वहीं अंचल के जंगलों में भी सैकड़ों पेड़ धराशायी हो गए हैं।

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