0 दंतेवाड़ा जिले मे अब 805 नक्सली कर चुके सरेंडर
(अर्जुन झा) जगदलपुर। दंतेवाड़ा जिले में फिर एक महिला नक्सली सहित तीन नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया है। दंतेवाड़ा जिले मे अब तक 805 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं और इनमें 180 ईनामी नक्सली भी शामिल हैं। बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा जिले में चलाए जा रहे लोन वर्राटू अभियान (घर वापस आईए) तथा छत्तीसगढ़ शासन की पुनर्वास नीति के तहत विगत कुछ माह में जिला पुलिस बल और सीआरपीएफ के द्वारा भटके हुए माओवादियों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए लगातार संपर्क एवं संवाद किया जा रहा है। इसके साथ ही प्रशासन की नक्सल पुनर्वास नीति का व्यापक प्रचार- प्रसार गांव गांव में किया जा रहा है। जिसके परिणाम स्वरूप व्यापक बदलाव माओवादी कैडर में दिखाई दे रहा है और बड़ी संख्या में नक्सलियों का आत्मसमर्पण हो रहा है। नक्सलियों के अमानवीय, आधारहीन विचारधारा एवं उनके शोषण, अत्याचार तथा स्थानीय आदिवासियों पर उनके द्वारा की जाने वाली हिंसा से तंग आकर नक्सलवाद की ओर भटके युवा अब समाज की मुख्यधारा से जुड़ने का संकल्प के साथ घर लौट रहे हैं।
इसी कड़ी में मलांगेर एरिया कमेटी के प्रतिबंधित संगठन में नीलावाया पंचायत जनताना सरकार सदस्य एवं मेडिकल टीम कमांडर हांदा मंडावी, बुरगुम पंचायत मिलिशिया सदस्य शशि मड़काम, बुरगुम पंचायत सीएनएम सदस्य बंडी पोड़ियाम निवासी बुरगुम पेरमापारा थाना अरनपुर जिला दंतेवाड़ा ने 24 मई को डीआरजी कार्यालय दंतेवाड़ा में आत्मसमर्पण किया। इन माआवादियों को आत्मसमर्पण कराने में डीआरजी दंतेवाड़ा एवं 111वीं वाहिनी सीआरपीएफ दंतेवाड़ा का विषेष योगदान रहा। जिला पुलिस बल और सीआरपीएफ ने सभी भटके हुए माओवादियों से अपील की है कि हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा से जुड़ने के लिए निकटतम थाना अथवा कैंप में सम्पर्क करें और क्षेत्र के विकास में अपना अमूल्य योगदान दें। पुलिस अधीक्षक दंतेवाड़ा ने आत्मसमर्पित माओवादियों को छत्तीसगढ़ शासन की पुनर्वास योजना के तहत 25-25 हजार रूपए प्रोत्साहन राशि एवं पुनर्वास योजना के तहत मिलने वाले सभी प्रकार के लाभ प्रदान करने का वचन दिया। लोन वर्राटू अभियान के तहत् अब तक 180 ईनामी माओवादी सहित कुल 805 माओवादी आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा से जुड़ चुके हैं।