० मुख्यमंत्री ने कहा- सम्मान निधि बंद करके कांग्रेस की सरकार ने तानाशाही तथा अलोकतांत्रिक रवैये का परिचय दिया
० हम लोकतंत्र को सर्वोपरि मानते हैं तथा लोकतांत्रिक भावनाओं के पोषक हैं
रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से आज लोकतंत्र सेनानियों (मीसाबंदियों) ने मुलाकात कर अपनी सम्मान निधि पुनः शुरू करने के लिए आभार व्यक्त किया। मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि हम लोकतंत्र को सर्वोपरि मानते हैं तथा हम लोकतांत्रिक भावनाओं के पोषक हैं। उन्होंने कहा कि देश के लोकतंत्र पर जब संकट आया तब हमारे लोकतंत्र सेनानियों ने अनेक कष्ट और यातनाएं सहते हुए लोकतंत्र की रक्षा की। इस महान कार्य को पूरा करने के लिए उन्होंने स्वयं के तथा अपने परिजनों की पीड़ाओं की भी चिन्ता नहीं की। श्री साय ने कहा कि लोकतंत्र सेनानियों को मिलने वाली सम्मान निधि को बंद करके कांग्रेस की तत्कालीन सरकार ने एक बार फिर अपने तानाशाही और लोकतंत्र विरोधी रवैये को दोहराया था। कांग्रेस की सरकार ने ही देश में आपात काल लागू किया था। जिसके कारण हमारा लोकतंत्र संकट में आ गया था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और उसकी सरकारें आंतरिक रूप से जितनी लोकतांत्रिक हैं, लोकतंत्र की रक्षा और उसे सशक्त करने के लिए उतनी ही प्रतिबद्ध हैं। हम लोकतंत्र को पुष्पित और पल्लवित करने का काम कर रहे हैं।
इस अवसर पर लोकतंत्र प्रहरी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष तथा राष्ट्रीय संयोजक सच्चिदानंद उपासने, लोकतंत्र सेनानी संघ छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष दिवाकर तिवारी आदि उपस्थित थे। लोकतंत्र सेनानियों ने मुख्यमंत्री से कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार द्वारा वर्ष 2008 से मीसाबंदियों को सम्मान निधि प्रदान की जा रही थी, जिसे वर्ष 2019 में कांग्रेस ने सत्ता में आते ही बंद कर दिया था। न्यायालयीन लड़ाई में सफलता के बाद भी कांग्रेस की भूपेश सरकार की हठधर्मिता के चलते लोकतंत्र सेनानी सम्मान निधि से वंचित थे। आप ने प्रदेश की सत्ता में आते ही भूतलक्षी प्रभाव से लोकतंत्र सेनानियों को सम्मान निधि बहाल करने का निर्णय लिया और इस निर्णय के परिपालन में जिला कलेक्टरों को सम्पूर्ण बकाया सम्मान निधि तथा आगामी प्रतिमाह की सम्मान निधि प्रदान करने के लिए राशि भी आबंटित कर दी। आपके इस निर्णय से लोकतंत्र सेनानियों को यथाशीघ्र सम्मान निधि मिलने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। लोकतंत्र सेनानियों ने इस निर्णय के लिए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को धन्यवाद देते हुए उनके प्रति आभार व्यक्त किया है। गौरतलब है कि 6 मार्च 2024 को मंत्रिपरिषद की बैठक में उच्च न्यायालय द्वारा 26 मई 2020 को पारित आदेश के परिपालन में लोकतंत्र सेनानियों की सम्मान निधि को फिर से प्रारंभ करने और पूर्व वर्षों की बकाया राशि प्रदान करने का निर्णय लिया गया।