0 पिता ईश्वर साहू कोर्ट में गवाही देंगे तो ही स्व भुवनेश्वर साहू को न्याय मिलेगा
0 भाजपा ईश्वर साहू को राजनीतिक टूल की तरह इस्तेमाल कर रही है इसलिए गवाही देने से रोक रही
रायपुर। प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि विधायक ईश्वर साहू बिरनपुर मामले में गवाही देने कोर्ट क्यों नहीं जा रहे हैं? 277 दिन के करीब यह मामला हो गया है और इस दौरान गवाहियों को सात बार से अधिक जमानती वारंट देकर न्यायालय ने गवाही देने बुलाया है। जब पिता ईश्वर साहू न्यायालय में उपस्थित होकर पूरी घटना के विषय में गवाही देंगे तो ही आरोपियों को सजा मिलेगी और भुनेश्वर साहू को न्याय कैसे मिलेगा?
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि बिरनपुर मामले को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने ओछी राजनीति की है और जिस प्रकार से न्यायालय के वारंट के बाद भी ईश्वर साहू गवाही देने उपस्थित नहीं हो रहे हैं ऐसा लग रहा है कि भाजपा ईश्वर साहू को राजनीतिक टूल की तरह इस्तेमाल कर रही है और पीड़ित परिवार के न्याय मिलने में बाधा उत्पन्न कर रही है।
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि विधायक ईश्वर साहू के द्वारा न्यायालय में दिया गया उपस्थित नही होने के पक्ष में दिया गया जवाब भी हास्यास्पद है। ईश्वर साहू कहते हैं कि वह विधायक हैं और पार्टी के कामों में व्यस्त हैं इसलिए गवाही देने उपस्थित नहीं हो पा रहे हैं। ईश्वर साहू के अलावा भुवनेश्वर साहू के बड़े पिता एवं अन्य रिश्तेदार भी गवाह है उन्होंने ने भी गवाही देने में उपस्थित नही होने का कारण पार्टी के कार्यक्रम में व्यस्त होना बताये हैं। क्या एक पिता के लिए पुत्र को न्याय दिलाने से ज्यादा जरूरी कोई दूसरा काम हो सकता है? बिरनपुर घटना के बाद न्यायालय ने सात बार गवाहों को वारंट जारी कर गवाही देने बुलाया है उसके बाद भी गवाही के लिए उपस्थित नहीं होना दुःखद है। एक पिता के लिए अपने पुत्र को न्याय दिलाने से ज्यादा जरूरी कोई दूसरा काम नहीं हो सकता।
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि विधायक ईश्वर साहू भाजपा के लिए चुनाव प्रचार करने में पूरा समय दे रहे लेकिन न्यायालय में उपस्थित होकर गवाही नहीं दे रहे हैं। क्या भाजपा उन्हें गवाही देने से रोक रही है? क्या बीजेपी इस मामले में सिर्फ राजनीति करना चाहती है? पीड़ित को न्याय ना मिले भाजपा का षड्यंत्र है? इसका जवाब भाजपा को देना चाहिए?