0 सुरक्षा बलों के बढ़ते दबाव और शासन की नीतियों का सकारात्मक असर
0 दो ईनामी समेत पांच नक्सलियों का समर्पण
(अर्जुन झा)जगदलपुर। पुलिस और सुरक्षा बलों के बढ़ते दबाव से जहां बस्तर संभाग में सक्रिय नक्सलियों के हाथ पांव ढीले पड़ते जा रहे हैं, वहीं राज्य सरकार की पुनर्वास नीति का भी सकारात्मक असर दिखने लगा है। शासन की नीति से प्रभावित हो नक्सली आत्म समर्पण कर समाज की मुख्यधारा से फिर से जुड़ने लगे हैं। बस्तर संभाग के सुकमा जिले में तो नक्सलियों के आत्मसमर्पण का सिलसिला ही चल पड़ा है। सुकमा जिले में फिर एक एक लाख रुपए की ईनामी दो महिला नक्सलियों समेत पांच नक्सलियों ने आत्म समर्पण किया है। छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन नीति तथा सुकमा पुलिस द्वारा चलाये जा रहे पूना नर्कोम अभियान (नई सुबह-नई शुरुआत) से प्रभावित होकर एवं अंदरूनी क्षेत्रों में लगातार सुरक्षा बलों के कैंप स्थापित होने के चलते इन नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। आत्मसमर्पित नक्सली थाना भेजी, किस्टाराम एवं पोलमपल्ली क्षेत्र के निवासी हैं। इन नक्सलियों को आत्म समर्पण हेतु प्रोत्साहित करने में सुकमा डीआरजी टीम गोल्फ, विशेष आसूचना शाखा जिला सुकमा, रेंज फिल्ड टीम सीआरपीएफ सुकमा एवं 212वीं व 217वीं वाहिनी सीआरपीएफ की आसूचना शाखा का विशेष प्रयास रहा है। बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी., दंतेवाड़ा के उप पुलिस महानिरीक्षक कमलोचन कश्यप, कोंटा सीआरपीएफ परिचालन के उप महानिरीक्षक सुनीत कुमार राय, उप पुलिस महानिरीक्षक (परिचालन) सीआरपीएफ रेंज सुकमा अरविंद राय के मार्गदर्शन एवं सुकमा के पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण, सीआरपीएफ 212वीं वाहिनी के कमांडेंट दीपक कुमार श्रीवास्तव, सीआरपीएफ 217वीं वाहिनी के कमांडेंट सतीश कुमार दुबे व सुरेश सिंह द्वितीय कमान अधिकारी डीआईजी ऑफिस सुकमा रेंज, गजेंद्र बहादुर सिंह, द्वितीय कमान अधिकारी 212वीं वाहिनी सीआरपीएफ एवं श्री निखिल अशोक कुमार राखेचा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नक्सल ऑप्स सुकमा के पर्यवेक्षण में यह कामयाबी मिली है। इन अफसरों के सुपरविजन में छत्तीसगढ़ शासन की नक्सलवाद उन्मूलन नीति एवं सुकमा पुलिस द्वारा चलाए जा रहे पूना नर्कोम अभियान नई सुबह, नई शुरूआत तथा अंदरूनी क्षेत्रों में लगातार सुरक्षा कैंप स्थापना से प्रभावित होकर नक्सलियों के अमानवीय, आधारहीन, खोखली विचारधारा एवं उनके शोषण, अत्याचार तथा बाहरी नक्सलियों द्वारा किए जा रहे भेदभाव व स्थानीय आदिवासियों के साथ की जा रही निर्मम हिंसा से त्रस्त होकर प्रतिबंधित नक्सल संगठन में सक्रिय 5 नक्सलियों ने आत्म समर्पण किया है। इनमें एक लाख की ईनामी नक्सली 24 वर्षीय माड़वी आयते पिता सुक्का मुरिया आरपीसी अंतर्गत सीएनएम अध्यक्ष निवासी सिंघनमड़गू थाना किस्टाराम जिला सुकमा, एक लाख की ईनामी 19 वर्षीय वेट्टी लाली पिता गंगा मुरिया अरलमपल्ली पंचायत सीएनएम अध्यक्षा निवासी अरलमपल्ली थाना पोलमपल्ली जिला सुकमा, 35 वर्षीय मड़कम भीमा पिता देवा मुरिया पालाचलमा आरपीसी अंतर्गत मिलिशिया सदस्य निवासी तुमीरपाड़ थाना किस्टाराम जिला सुकमा, 27 वर्षीय पदाम कमलेश पिता स्व. पोज्जा मुरिया कोंटा एरिया कमेटी अंतर्गत जनताना सरकार स्कूल अध्यक्ष निवासी बोधराजपदर थाना भेजी जिला सुकमा और 48 वर्षीय सोड़ी मासा पिता बंडी मुरिया साकलेर आरपीसी मेडिकल टीम निवासी साकलेर थाना किस्टाराम जिला सुकमा ने 27 अप्रैल को नक्सल ऑपरेशन कार्यालय सुकमा में मनीष रात्रे, उप पुलिस अधीक्षक सुकमा एवं सूबेदार मेजर कुंभाराम यादव 212वीं वाहिनी सीआरपीएफ के समक्ष बिना हथियार के आत्मसमर्पण किया। वेट्टी लाली को समर्पण हेतु प्रोत्साहित करने में रेंज फील्ड टीम सीआरपीएफ सुकमा, माड़वी आयते को समर्पण हेतु प्रोत्साहित करने में विशेष आसूचना शाखा सुकमा, पदाम कमलेश को आत्मसमर्पण हेतु प्रोत्साहित करने में सुकमा डीआरजी टीम ‘गोल्फ’ का एवं सोड़ी मासा एवं मड़कम भीमा को आत्मसमर्पण हेतु प्रोत्साहित करने में 212वीं वाहिनी सीआरपीएफ की गुप्तचर शाखा का विशेष योगदान रहा है। आत्मसमर्पित नक्सलियों को शासन की छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन नीति के तहत सहायता राशि व अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
कांकेर में भी 3 ने किया था समर्पण
कुछ ही दिनों पहले बस्तर संभाग के कांकेर जिले में भी तीन सक्रिय नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था। सीपीआई माओवादी उत्तर बस्तर डिवीजन अंतर्गत प्रतिबंधित माओवादी संगठन काकनार एलओएस सदस्य धन्नू पद्दा गोंड़ पिता करवे पद्दा 22 वर्ष निवासी मुरसुलनापा नारायणपुर ने आत्मसमर्पण किया था। धन्नू नक्सली संगठन में वर्ष 2019 से सक्रिय था। उस पर 1 लाख रुपए का ईनाम घोषित था।आत्मसमर्पित हिदुर जनताना सरकार उपाध्यक्ष रैसूराम नुरूटी गोंड़ उर्फ जोयो पिता स्व. झलकार नुरूटी 42 वर्ष निवासी ब्रेहबेड़ा थाना छोटे बेठिया कांकेर नक्सली संगठन में 2002 से सक्रिय था। तीसरा आत्मसमर्पित हिदुर जनताना सरकार सदस्य टुब्बा कोरेटी गोंड़ पिता स्व. मंगलू राम कोरेटी 30 वर्ष निवासी जुरहानमेहरा थाना छोटे बेठिया जिला कांकेर, नक्सली संगठन में 2009 से सक्रिय था। इन तीनों ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आई. कल्याण एलिसेला के समक्ष पुलिस अधीक्षक कार्यालय कांकेर में आत्मसमर्पण किया था। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा आत्मसमर्पित नक्सलियों को प्रोत्साहन राशि 25-25 हजार रुपए प्रदान किए गए थे। इस अवसर पर मनीषा ठाकुर रावटे अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कांकेर, गिरिजा शंकर साव उप पुलिस अधीक्षक (नक्सल ऑपरेशन) कांकेर एवं पुलिस के अन्य अधिकारी, कर्मचारी उपस्थित रहे। नक्सली धन्नू पद्दा को वर्ष 2019 परतापुर एरिया कमेटी कमांडर दर्शन पद्दा द्वारा नक्सल संगठन में भर्ती किया गया था। वर्ष 2020 से उसने मेढ़की एलओएस में सीएनएम सदस्य के रुप में काम किया। वर्ष 2023 से काकनार एलओएस सदस्य के रुप में कार्यरत रहा। धन्नू पद्दा वर्ष 2023 में ग्राम कलपर पुलिस नक्सली मुठभेड़ में शामिल रहा। वर्ष 2023 में ग्राम बीनागुंडा पुलिस नक्सली मुठभेड़ में शामिल रहा। रैसूराम नुरुटी को वर्ष 2002 में नक्सली कमांडर गैंदसिंह द्वारा नक्सल संगठन में भर्ती किया गय था। उसे वर्ष 2005 में पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था। वर्ष 2008 में जेल से वापस आने के बाद घर में रहकर नक्सल संगठन के लिए कार्य करता रहा। उसे वर्ष 2022-23 में हिदूर जनताना सरकार उपाध्यक्ष बनाया गया। आत्मसमर्पित नक्सली रैसुराम नुरुटी वर्ष 2023 में मेहरा व भुरका के मध्य सड़क काटने की घटना में शामिल था। वर्ष 2023 में ग्राम भुरका के मोबाईल टावर में आगजनी की घटना में शामिल रहा। वर्ष 2023 में पीवी 94 के मोबाईल टावर में आगजनी की घटना में शामिल रहा। इसी तरह आत्मसमर्पित नक्सली टुब्बा कोरेटी को वर्ष 2009 में नक्सल संगठन में भर्ती किया गया। वर्ष 2009 से हिदुर जनताना सरकार सदस्य के रुप में काम कर रहा था। टुब्बा कोरेटी वर्ष 2009 में भुरभुसी जंगल मुठभेड़ में शामिल था। वर्ष 2018 में बेचाघाट आईईडी ब्लास्ट की घटना में शामिल रहा।