0 नक्सलियों ने जारी की मारे गए साथियों के की लिस्ट
0 29 में से 27 के नाम जारी किए महिला संगठन ने
(अर्जुन झा)जगदलपुर। बस्तर संभाग के कांकेर जिला अंतर्गत छोटे बेठिया के जंगल में दो दिन पहले हुई पुलिस नक्सली मुठभेड़ पर से शक के कोहरे के बादल छंट गए हैं। इसी के साथ मुठभेड़ को लेकर छत्तीसगढ़ में मचे सियासी बवाल में अब नया मोड़ आ सकता है। नक्सलियों की महिला विंग ने मारे गए नक्सलियों की सूची जारी की है।
क्रांतिकारी आदिवासी महिला संगठन दंडकारण्य की प्रवक्ता रामको हिचमी ने बस्तर संभाग के सुकमा जिले में एक सूची जारी की है। इस सूची में कांकेर जिले के छोटे बेठिया के जंगल में दो दिन पहले सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ में मारे गए 27 नक्सलियों के नाम शामिल हैं। जबकि मुठभेड़ में 29 नक्सली मारे गए हैं और सभी के शव बरामद भी कर लिए गए हैं। बुधवार को नक्सलियों के परिजन शव लेने पाखांजुर पहुंचे थे। दो नक्सलियों के नाम इस सूची में नहीं हैं। वहीं रामको हिचमी का कहना है कि पुलिस ने मारे गए नक्सलियों के जो नाम बताए हैं, वह गलत हैं। इसके कारण लोगों में और मृतकों के परिजनों में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है। आदिवासी क्रांतिकारी आदिवासी महिला संगठन दंडकारण्य द्वारा जारी सूची में शीर्ष पर शंकर का नाम है। शंकर नक्सली संगठन में डीवीसीएम था। वह आंध्रप्रदेश के वारंगल जिला अंतर्गत भोपलपल्ली के गांव चल्लागरिग का निवासी था। शेष नक्सलियों में बदरू निवासी करेगुडेम दक्षिण बस्तर, अनिता निवासी खोंडोस पूर्व बस्तर, विनोद मानपुर क्षेत्र, रीता मानपुर क्षेत्र, रमेश ओयम ग्राम वेच्छाम भैरमगढ़, बचनू ग्राम अवकेम गंगालूर, सुरेखा ग्राम मिडंदापल्ली गढ़चिरौली महाराष्ट्र, कविता ग्राम नेंडूर, रजिता आदिलाबाद, भूमे ग्राम अपेल दक्षिण बस्तर, कार्तिक ग्राम मरूम पश्चिम बस्तर, रोशन दरभा डिवीजन, देवाल ग्राम पीड़िया गंगालूर, दीनू उर्फ गुड्डू ग्राम दुरदा, अण्वेष ग्राम उकुड़ दक्षिण बस्तर, संजिला मड़कम ग्राम करका बस्तर, जनिला उर्फ मोदी कोवादी ग्राम कोरेंजेड़ बस्तर, गीता ताकीलोड इंद्रावती, राजू क़ुरसाम ग्राम परकेली, शर्मिला बटवेड़ा इंद्रावती, सुनीला रेकावाई इंद्रावती, शंतिला ग्राम कुम्डीगुंडा उत्तर बस्तर, पिंटो गटूम, बजनाथ वटेकल उत्तर बस्तर, शीला ग्राम उतला इंद्रावती और जैनी वटेकल उत्तर बस्तर के नाम शामिल हैं।
अब शुरू होगी नई सियासत
क्रांतिकारी आदिवासी महिला संगठन ने मारे गए लोगों को अपना सहयोगी कामरेड माना है और किसी को निरीह आदिवासी करार नहीं दिया है। साथ ही दो शेष साथियों के नाम और अन्य जानकारी जल्द साझा करने की बात कही गई है। उल्लेखनीय है कि कांकेर जिले के इस मुठभेड़ को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के एक बयान को लेकर भाजपा नेता जमकर कांग्रेस को घेर रहे हैं। भाजपा नेताओं का आरोप है कि भूपेश बघेल ने मुठभेड़ को फर्जी बताकर पुलिस और सुरक्षा बलों के शौर्य पर सवाल खड़े किए हैं। वहीं कांग्रेस को नक्सलियों का पैरोकार बताने की भी कोशिश लगातार की जा रही है। अब शेष बचे दो मृत नक्सलियों को लेकर कांग्रेस सवाल उठा सकती है। हो सकता है कि कांग्रेस इन दोनों को निरीह आदिवासी ठहरा दे।