0 पराली को लेकर किसानों के बीच जागरूकता बढ़ाने कृषि विभाग दे रहा समझाइश
नरसिंहपुर । खेतों की पराली के जलाने से होने वाले नुकसान के संबंध में किसानों को जागरूक करने के लिए कृषि विभाग द्वारा जागरूकता कार्यक्रम शुरू किया गया है। जिसके तहत किसानों को ग्रीष्म कालीन फसलों की बुआई के लिए जीरो टिलेज पद्धति के मुताबिक पराली को जलाए बिना ही फसलों की बुआई की समझाइश दी जा रही है। इस संबंध में कृषि विभाग के उपसंचालक उमेश कटहरे ने बताया कि किसानों के पास उपलब्ध हैप्पी सीडर नामक यंत्र की सहायता से पराली को जलाए बिना ही ग्रीष्मकालीन फसल की बुआई की जा सकती है। डीडीए ने बताया कि इस जीरो टिलेज पद्धति में फसल अवशेष प्रबंधन की लागतों में कमी आती है और इससे वायु प्रदूषण कम होने के साथ मिट्टी का क्षरण भी रूकता है। जिससे मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार होता है और फसलों के लिए पानी की आवश्यकता कम होती है। मिट्टी की सतह पर छोड़े गए फ सल अवशेष समय के साथ विघटित हो जाते हैं,जिससे मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ जुड़ जाते हैं और मिट्टी की उर्वरता में सुधार होता है। इससे फ सल की बेहतर पैदावार और कृषि भूमि की दीर्घकालिक स्थिरता हो सकती है। डीडीए ने बताया कि वर्तमान में जिले भर में करीब 80 हैप्पी सीडर किसानों के पास उपलब्ध है। उन्होने बताया कि पहले चरण में जिले भर में अभी तक लगभग 565 हे0 रकबे में हेप्पीसीडर के माध्यम से मूंग की बोनी की गई है।