रायपुर I भवन निर्माण के कार्यों में उपयोग आने वाली महत्वपूर्ण सामग्री रेत होती है। इस महत्वपूर्ण भवन निर्माण सामग्री के लिए नदियों में NGT, पर्यावरण विभाग एवं सुप्रीम कोर्ट की बनाई गई गाइडलाइन की अनुमति के बाद प्रदेश सरकार संबंधित जिलों की नदियों से निश्चित राजस्व राशि लेकर ठेकेदारों या संबंधित ग्रामपंचायतों को रेत उत्खनन एवं परिवहन करने की विधिवत अनुमति देती है। लेकिन कुछ सालों से यह देखा जा रहा है कि संबंधित विभागों की दी गई अनुमति के विपरीत तरीके से नदियों से रेत का उत्खनन किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ प्रदेश के रेत माफिया इसका खुले आम उल्लंघन करते देखा जा सकता है शाम 6:00 के बाद नदी से रेत उत्खनन और परिवहन की अनुमति नहीं है लेकिन रात भर नदियों के सीने को चीरते हुए अवैध उत्खनन के कारोबार से जुड़े माफिया इस कार्य में जुटे रहते हैं।
ऐसा ही एक मामला राजधानी से लगे हुए आरंग विकासखंड में भी जनपद पंचायत के द्वारा विभिन्न ग्राम पंचायत में जो महानदी के किनारे स्थित है उन्हें रेत उत्खनन की अनुमति दी गई है। आरंग से महज पांच किलोमीटर दूर ग्राम पारागांव, राटाकाट, गौरभाट, हरदीडीह, कुटेला सहित महानदी के किनारे स्थित अनेक गांवों में रेत का अवैध उत्खनन का कार्य धड़ल्ले से जारी है। लेकिन रायपुर खनिज विभाग और स्थानीय प्रशासन की नजर इस पर नहीं जा रही। हालांकि पूर्ववर्ती सरकार के समय लगातार रेत माफिया के ऊपर भाजपा आरोप लगाती रही है की मुख्यमंत्री की शह पर इस तरह के अवैध रेत उत्खनन के कार्य हो रहे हैं, वहीं सरकार बदलने के बाद फिर भी आज भी उसी तर्ज पर महानदी के सीने को चीरकर अवैध खनन का कार्य सुचारु ढंग से चल रहा है। बार-बार स्थानिय नागरिकों एवं मीडिया के द्वारा माइनिंग विभाग के अधिकारियों तक इस बात की शिकायत की जाती रही है लेकिन विभाग के कर्मचारी सोए पड़े हैं इसका मुख्य कारण है कि वर्षों से एक ही जिले में कार्यरत होना और भू माफियाओं से मिली भगत होने की बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता।
लेकिन शिकायतों पर नागरिकों की बात रखने के लिए आरंग से 25 किलोमीटर दूर कल देर शाम माइनिंग विभाग की एक टीम ने कुरुद रेत खदान में छापा मार कार्यवाही करते हुए एक चैन माउंटिंग को सील करते हुए रेत से भरी हुई चार हाइवा को भी जप्त कर लिया। लेकिन गौर करने वाली बात है कि इस वक्त नेशनल हाईवे 53 से लगे हुए रेट खदान पारागांव में लगातार एक अन्य चैन माउंटिंग से रेट लोडिंग का काम सुचारू ढंग से चला रहा। जिस समय माइनिंग ऑफिस रायपुर की टीम छापामार कर रही थी। उस समय पर गांव रेत खदान में लगभग 50 से 60 हाइवा के जरिए रेत का अवैध परिवहन भी किया जा रहा था। माइनिंग डिपार्टमेंट रायपुर की नजर उसे जगह पर नहीं पड़ती है जहां महानदी के किनारे लगभग तीन किमी दूर रेत का अवैध भंडारण भी किया गया है। जो की पूरी तरह से नियम विरुद्ध है। सूत्रों के अनुसार वर्तमान समय इन जगहों कोई विभागीय कार्रवाई नहीं हो रही है। वहीं कुछ माह पहले हरदीडीह रेत खदान में खनिज विभाग की टीम को बंधक बनाने और मारपीट की घटना में विभाग के कर्मचारियों को गंभीर चोट भी लगी थी शायद इसी के बाद से डरी हुई खनिज विभाग की टीम भी बेबस और लाचार नजर आ रही है।