0 रामलला का दर्शन हमारा सौभाग्य
रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी रायपुर के रेल्वे स्टेशन से अयोध्या स्पेशल ट्रेन को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया। इस आस्था ट्रेन से छतीसगढ़ के लगभग 1344 राम भक्त अयोध्या में राम लला के दर्शन के लिए रवाना हुए। श्रद्धालु दर्शन करने के लिए बहुत उत्साहित नजर आए महासमुंद जिले के गांव मालीडीह निवासी 60 वर्षीय पूनी राम पटेल ने बताया कि बहुत पहले वे एक बार अयोध्या धाम गए थे उस समय रामलला के दर्शन नहीं हो पाए थे। इस बार प्रभु श्री राम के अयोध्या धाम में प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद पहली बार दर्शन करने का मौका मिला है। मन में रामलला के दर्शन करने के एक अलग खुशी महसूस हो रही है।
मालीडीह निवासी 50 वर्षीय हरिशंकर पटेल ने बताया की वे पहली बार अयोध्या प्रभु श्री राम के दर्शन करने जा रहे हैं। जिला प्रशासन महासमुंद द्वारा श्रद्धालुओं को रायपुर रेलवे स्टेशन तक पहुंचाने के लिए बस की व्यवस्था की गई थी। हमें किसी भी प्रकार की कोई समस्या नहीं हुई है। श्री पूनीराम पटेल और श्री हरिशंकर पटेल मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के प्रति आभार जताया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की पहल से हमें प्रभु श्री राम के दर्शन करने का सौभाग्य मिला है। महासमुंद जिले के ग्राम खैरजीटी निवासी 62 वर्षीय विष्णु सिन्हा भी प्रभु श्री राम के दर्शन करने के लिए आनंदित है। गांव जलक्षत्री निवासी 56 वर्षीय लखनलाल ने खुशी-खुशी बताया कि वे पहली बार अयोध्या प्रभु श्री राम के दर्शन करने जा रहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को धन्यवाद दिया।
छत्तीसगढ़ शासन द्वारा श्रद्धालुओं के लिए अच्छी व्यवस्था, साफ सुथरा ट्रेन, नाश्ता भोजन की भी उत्तम व्यस्था की गई है। मुख्यमंत्री जी को धन्यवाद देते हुए कहा कि प्रभु श्री राम का बुलावा आया है। मन में ऐसा ऐहसास हो रहा है। श्री पूनीराम पटेल ने बताया कि बहुत दिनों के बाद अयोध्या में प्रभु श्री राम का मंदिर बना है। मन में जिज्ञासा बनी हुई है। मंदिर कैसा बना हुआ है। ग्राम चिरको पंचायत की 50 वर्षीय श्रीमती गोदावरी साहू ने बताया कि मुख्यमंत्री जी आशीर्वाद से प्रभु श्री राम के दर्शन करने का मौका मिलेगा श्रद्धालुओं ने प्रशंसा व्यक्त करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ शासन हमारी संस्कृति, गौरव को आगे बढ़ाने का काम कर रही है। हमारे आने वाले पीढ़ी के लिए बहुत अच्छा अवसर है। बच्चों को हमारी संस्कृति, संस्कार को समझने का अवसर मिल रहा है।