आयकर की धारा 43 बी (एच) की प्रभावशीलता तिथि 1 अप्रैल 2024 से 1 अप्रैल 2025 तक बढ़ाने चेम्बर ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को ज्ञापन सौंपा…

0 लघु सूक्ष्म एवं मध्यम उद्योगों पर पढ़ रहे विपरीत प्रभाव को रोकने चेंबर ने किया निवेदन

रायपुर। छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी, महामंत्री अजय भसीन, कोषाध्यक्ष उत्तमचंद गोलछा, कार्यकारी अध्यक्ष राजेंद्र जग्गी, विक्रम सिंहदेव, राम मंधान, मनमोहन अग्रवाल ने बताया कि केंद्रीय बजट 2024 के अंतर्गत आयकर अधिनियम 1961 की धारा 43 बी (एच) में परिवर्तन कर लघु सूक्ष्म एवं मध्यम उद्योगों पर पढ़ रहे विपरीत प्रभाव को रोकने चेंबर ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को ज्ञापन सौंपा।
श्री परवानी ने बताया कि गरीबों, युवाओं, महिलाओं और अन्नदाताओं पर ध्यान केंद्रित करने वाले बजट 2024 के अंतर्गत पर्याप्त वित्त, प्रासंगिक प्रौद्योगिकियों और प्रशिक्षण प्रदान करने की प्रतिबद्धता के लिए चेंबर प्रदेश के 12 लाख व्यापारियों की ओर से माननीया निर्मला सीतारमण जी का हार्दिक आभार एवं हृदय से धन्यवाद करते हैं।
बजट में एमएसएमई विकास को सुविधाजनक बनाने के लिए नियामक वातावरण को उन्मुख करने पर जोर एक स्वागत योग्य कदम है जो की एक सहायक नीति ढांचे का संकेत देता है।
श्री परवानी जी ने आगे बताया कि सूक्ष्म और लघु उद्यमों को बढ़ावा देने और उत्थान करने के सरकार के इरादे के अनुरूप, सरकार ने वित्त अधिनियम 2023 के माध्यम से एक महत्वपूर्ण संशोधन पेश किया, जिसमें सूक्ष्म और लघु उद्यमों को समय पर भुगतान को बढ़ावा देने पर ध्यान देने के साथ धारा 43 बी में उपधारा (एच) एमएसएमई के हित में जोड़ा गया । उक्त संशोधन 01 अप्रैल, 2024 से प्रभावी होगा और तदनुसार आकलन वर्ष 2024-25 और उसके बाद के निर्धारण वर्ष पर लागू होगा।
परंतु जब से इस धारा को आयकर अधिनियम, 1961 में पेश किया गया है, तब से इस पर बहुत चर्चा हो रही है तथा सूक्ष्म और लघु उद्यमों के व्यवसाय को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए अपने उद्यम पंजीकरण को रद्द करने का सुझाव दिया गया है जिसके कारण उद्योग जगत सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों के साथ कारोबार करने से बच रहा है।
हालाँकि धारा 43बी(एच) शुरू करने का यह कदम सूक्ष्म और लघु उद्यमों के हित में था, लेकिन इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।
अतः लघु सूक्ष्म एवं मध्यम उद्योगों पर पड़ रहे विपरीत प्रभाव को रोकने चेंबर ने धारा की प्रभावशीलता की तिथि को 1.4.2024 से 01.04.2025 तक बढ़ाने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को ज्ञापन के माध्यम से अनुरोध किया है ताकि देश एवं प्रदेश के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले एमएसएमई उद्योगों को राहत प्राप्त हो सके।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *