0 पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने समृद्धि और सुशासन के रचे हैं कीर्तिमान
रायपुर। प्रदेश की अर्थव्यवस्था को लेकर वित्त मंत्री ओपी चौधरी द्वारा पूर्ववर्ती सरकार पर लगाये गये आरोपों पर पलटवार करते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी की विष्णुदेव साय सरकार महीने भर के भीतर ही चार-चार बार कर्ज ले चुकी है। छत्तीसगढ़ में भाजपा की नई सरकार बनने के बाद से लगभग 5 हजार करोड़ का नया कर्ज लिया जा चुका है, इसके बावजूद ना किसानों को धान की कीमत 3100 प्रति क्विंटल मिला, ना ही महिलाओं को महतारी वंदन का अब तक एक नया पैसा दिया गया है। नए वादे और घोषणा तो छोड़िए, पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने जो बजट प्रावधान किया था उसमें भी राजीव गांधी किसान न्याय योजना की चौथी किस्त की राशि अब तक नहीं दिए, युवाओं को मिलने वाला बेरोजगारी भत्ता भी नवंबर से लेकर अब तक दुर्भावना पूर्वक रोक दी गई है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि कांग्रेस सरकार ने पिछले पांच वर्षों में सुशासन और समृद्ध का उत्कृष्ट मॉडल देश के सामने प्रस्तुत किया है। कांग्रेस की सरकार विगत 3 वर्षों से कोई नया कर्ज नहीं लेने वाले पांच राज्यों में छत्तीसगढ़ अग्रणी राज्य था, विगत दो वर्षों से राजस्व आधिक्य का बजट वित्त मंत्री के तौर पर भूपेश बघेल ने प्रस्तुत किया था। पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार के समय ना कोई नया कर लगाया गया और नहीं किसी तरह से करो में कोई वृद्धि की गई बल्कि भूमि के गाइडलाइन दरों में 30 प्रतिशत की छूट पूरे कार्यकाल के दौरान जारी रहा, जिससे रियल स्टेट व्यवसाय को मजबूती मिले। बिजली बिल हाफ योजना का लाभ भी शहरी-ग्रामीण, अमीर-गरीब, सभी लोगों को बिना भेदभाव के मिलता रहा है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि देश को कर्ज में डूबने और देश के संसाधन बेचने का रिकॉर्ड तो केंद्र की मोदी सरकार का है। 2014 में देश पर कुल कर्ज का भार मात्र 54 लाख करोड़ था लेकिन पिछले 9 साल में केवल मोदी की सरकार ने 150 लाख करोड़ से अधिक का नया लोन लेकर देश पर कुल कर्ज का भार 205 करोड़ से ऊपर पहुंचा दिया है। मोदी सरकार ने 30 से ज्यादा सार्वजनिक उपक्रम बेचे, डीजल पर सेंट्रल एक्साइज 3 रुपया 54 पैसा से बढ़कर 19 रुपया 90 पैसा कर दिया। केवल पेट्रोलियम उत्पाद पर अतिरिक्त मुनाफाखोरी करके देश की जनता के जेब पर 36 लाख़ करोड़ से अधिक का डाका केंद्र की मोदी सरकार ने डाला है। 2003 से लेकर 2018 तक भाजपा की सरकार के दौरान छत्तीसगढ़ में केवल भुखमरी, गरीबी, कुपोषण और नक्सलवाद का ही विकास हुआ था, लेकिन 2018 से 2023 के बीच कांग्रेस सरकार के दौरान अर्थव्यवस्था के तीनों सेक्टर कृषि, सेवा और उत्पादन में छत्तीसगढ़ का औसत राष्ट्रीय औसत से बेहतर रहा। कांग्रेस की सरकार ने 1 लाख़ 75 हज़ार करोड़ रूपए हिताग्रहियो के खातों में सीधे तौर पर दिए। कांग्रेस की सरकार में 40 लाख लोग गरीबी रेखा से बाहर आए, प्रति व्यक्ति आय 84 हजार से बढ़कर 133898 रुपए हो गया।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि 2018 में छत्तीसगढ़ की कुल जीडीपी मात्र 2 लाख 91 हजार करोड़ थी जो वर्ष 2023 में बढ़कर 5 लाख 9 हजार करोड़ हो गया। 2018 में केवल 12 लाख 6 हजार किसान समर्थन मूल्य में धान बेचने पंजीकृत हुआ करते थे, जो 2023 में बढ़कर 24 लाख 98 हजार हो गए। धान की खेती का रकबा लगभग 8 लाख हेक्टेयर बढ़ा, सिंचित क्षेत्र का रकबा 2018 की तुलना में 2023 तक दुगना हो गया। कांग्रेस की सरकार किसानों का कर्ज माफ करती है और भारतीय जनता पार्टी चंद पूंजीपति मित्रों का लाखों करोड़ का लोन राइट ऑफ करती है। नीति और नियत का अंतर स्पष्ट करें भारतीय जनता पार्टी के फोकस में आम जनता का हित नहीं है। छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी के नेता, जनता से किए गए वायदों से पल्ला झाड़ने के लिए पूर्वावर्ती सरकार को दोष देकर अपनी नाकामी छुपाने का कुत्सित प्रयास कर रहे हैं। तथ्यहीन और आधारहीन आरोप लगाकर एक बार फिर जनता से ठगी और वादाखिलाफी करने की पटकथा लिख रहे हैं।