रायपुर। बाल संप्रेक्षण गृह की स्थापना इसलिए की गई थी,कि संविधान में बनाए गये विभिन्न प्रकार के अपराध के मामले में सजा प्राप्त की सजा में उन्हें जेल में बालिक अपराधियों के साथ न रखा जाये । लेकिन कई बार यह मामले सामने आए हैं जिसमें बाल संप्रेक्षण गृह में रहने वाले अपराधियों द्वारा वहां भी गुट बनाकर गंभीर अपराधों को अंजाम दे देते हैं ,साथ ही बार परिवार से दूर रहने को सहन नहीं कर पाने के कारण वे अक्सर अकेले या गुट में बाल संप्रेक्षण गृह से भाग भी जातें हैं।
ऐसा ही एक मामला राजधानी रायपुर के माना स्थित बाल संप्रेक्षण गृह से रविवार की सुबह 06 बजे गंभीर मामले के सात आरोपी वहां से खिड़की की ग्रिल तोड़कर फरार हो गए थे। जिन्हें कल सोमवार देर रात गरियाबंद जिले के राजिम से हत्या के आरोपी और फरार साथी के घर से गिरफ्तार कर लिया गया है । सातों आरोपियों ने फरार होने से पहले बाल गृह में पहले उपद्रव भी मचाया था उसके बाद वहां के केयरटेकर पर कातिलाना हमला भी कर दिया था। केयरटेकर मोहन साहु की गमछे से गला घोटकर हत्या करने का भी प्रयास किया था।
फरार सातों आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद इस बात का खुलासा हुआ है। कि बाल संप्रेक्षण गृह की बड़ी लापरवाही भी सामने आई है, जिसमें फरार हुए आरोपी बालिग होने बावजूद पिछले 2-3 सालों से यहां रह रहे थे, बाल संप्रेक्षण गृह में पकड़े जाने के बाद यह बड़ा खुलासा हुआ है । जो आरोपी फरार हुए थे और उन्हें संरक्षण देने वाले को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
अजय साहु 18 साल
सोनू यादव 18 साल
शुभम साहु 18 साल
जावेद अली 18 साल
मो. महफूज 18 साल
रोहन विश्वकर्मा 18 साल
रूपेश दीप उर्फ मच्छर 22 साल
बाल गृह से सभी आरोपीयों के उपर रायपुर के गंज,कोतवाली, टिकरापारा और देवेंद्र नगर थाना में हत्या और हत्या के प्रयास की संगीन धाराओं के तहत बाल संप्रेक्षण गृह में बंद थे। पूर्व में भी इस संप्रेक्षण गृह से पूर्व में भी कई नाबालिग फरार हो चुके है । रविवार की इस घटना पर पुलिस ने संप्रेक्षण गृह के संचालक की शिकायत पर माना थाने में विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया था। अब गौर करने वाली बात यह है कि बालिग होने के बाद भी इन आरोपियों को बाल सप्रेंक्षण गृह में क्यों रखा गया था , क्या इस मामले में इस सप्रेंक्षण गृह के संचालक और अधिकारी कर्मचारियों की मिलीभगत तो नहीं है। यह तो जांच करने पर सभी खामियां सामने आयेंगी।