रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद छिड़ी रार में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने पूर्व विधायक बृहस्पत सिंह को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है। बृहस्पत सिंह ने सरगुजा में हार का ठीकरा प्रदेश कांग्रेस प्रभारी कुमारी सैलजा और पूर्व उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव पर फोड़ा है। पूर्व उपमुख्यमंत्री सिंहदेव और रामानुजगंज से कांग्रेस के पूर्व विधायक बृहस्पत सिंह की तकरार खुलकर सामने आई है। उनके बयान के बाद छत्तीसगढ़ कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने उन्हें पार्टी विरोधी वक्तव्य के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है। पूर्व विधायक बृहस्पत सिंह को नोटिस जारी करते हुए कांग्रेस ने 3 दिन में लिखित में जवाब मांगा है। उन पर पार्टी की छवि धूमिल करने का आरोप लगाया गया है।जिसके कारण उन्हें नोटिस जारी किया गया है। बृहस्पत सिंह ने प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा और पूर्व उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव पर गंभीर आरोप लगाए थे।साथ ही कुमारी सैलजा को हटाने की मांग की थी।
बता दें कि शुक्रवार को बृहस्पत सिंह ने प्रदेश के शीर्ष नेताओं के खिलाफ बयानबाजी की थी. दिल्ली में कोर ग्रुप की बैठक से पहले राजधानी रायपुर में पूर्व विधायक बृहस्पत सिंह ने कुमारी सैलजा और टीएस सिंहदेव पर करारा हमला बोला था. उन्होंने प्रदेश प्रभारी सैलजा पर बड़े नेताओं के हाथों बिकने का आरोप लगाते हुए राहुल गांधी से तत्काल उन्हें हटाने की मांग की थी. चुनाव हार के बाद बृहस्पत सिंह ने तीखे आरोप लगाए थे. उन्होंने सीधे तौर पर कहा था कि बीजेपी को सत्ता में लाने का श्रेय उपमुख्यमंत्री टी. एस. सिंहदेव को जाता है। उन्होंने कहा कि मेरी भाजपा से मांग है कि इसके एवज में उन्हें राज्यपाल बनाया जाए.
बृहस्पत सिंह ने अपने आगे कहा था , कि छत्तीसगढ़ के बड़े नेताओं पर घमंड सिर चढ़कर बोल रहा था. कांग्रेस जिस पीएम को घेर रही थी, डिप्टी सीएम मंच से उनके लिए कह रहे थे. मोदी अच्छा काम कर रहे हैं. ऐसे में जनता और कांग्रेस कार्यकर्ता कैसे समर्थन करेंगे. पूरी पार्टी कहती रही कि, हमने 36 वादे पूरे किए और टीएस सिंहदेव बार-बार दोहराते रहे कि 12 वादे पूरे किए गए हैं. आगे उन्होंने कहा टी. एस. सिंहदेव पूर्णकालिक सीएम बनते तो कांग्रेस की वही हालत होती, जो पांच वर्ष पूर्व रमन सरकार की वजह से भाजपा की हुई. आज इस 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 15 में सिमट जाती।