0 प्रदेश अध्यक्ष साव ने कहा : कांग्रेस के घोषणा पत्र में न तो विकास का कोई दृष्टिकोण झलक रहा और न ही जनकल्याण की नीयत दिखाई दे रही
रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कांग्रेस द्वारा जारी घोषणा पत्र को पराजय की हताशा का परिचय पत्र बताते हुए कहा है कि कांग्रेस का घोषणा पत्र बता रहा है, कांग्रेस ने हार मान ली है। श्री साव ने कहा कि कांग्रेस के घोषणा पत्र में न तो विकास का कोई दृष्टिकोण झलक रहा है और न ही जनकल्याण की नीयत दिखाई दे रही है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री साव ने कहा कि कांग्रेस ने पिछले विधानसभा चुनाव के समय सन 2018 में जो वादे किए थे, आज तक पूरे नहीं हुए हैं और फिर से वादे किए हैं। श्री साव ने कहा कि कांग्रेस का जो घोषणा पत्र है, वह भूपेश अकबर और ढेबर का घोषणा पत्र है। यह झूठ का पुलिंदा है जिसमें छत्तीसगढ़ की बेहतरी के लिए कुछ नहीं है। माता-बहनों के लिए कुछ नहीं है, नौजवानों के लिए कुछ नहीं है और हमें पता था कि जब मोहम्मद अकबर इस घोषणा पत्र समिति के अध्यक्ष हैं तो हमारे रामलला और हमारे भाँचा के लिए भी कुछ नहीं होने वाला है। रामलाल का दर्शन हम कराने वाले हैं। सन 2018 की घोषणाओं को इन्होंने आज तक पूरा नहीं किया है, इसलिए छत्तीसगढ़ की जनता इनके घोषणा पत्र पर भरोसा नहीं करने वाली है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री साव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने छत्तीसगढ़ के किसानों के लिए, माता-बहनों के लिए, नौजवानों के लिए, हर वर्ग के लिए घोषणा पत्र में प्रावधान रखा है। भाजपा महिलाओं को ₹12000 प्रति वर्ष यानी की 5 साल में प्रत्येक महिला को ₹60000 देने जा रही है। यह हमारा संकल्प पत्र है। कांग्रेस का घोषणा पत्र तो ठगी का पत्र है। जैसे पूरे पाँच साल तक कांग्रेस और उसकी भूपेश सरकार ने ठगने का काम किया है, उसी तरह प्रदेश को फिर से ठगने के लिए यह घोषणा पत्र लेकर आए हैं। पुराना 2 साल का बोनस देने के लिए जो वादा किया था, उसे भी कांग्रेस सरकार ने नहीं निभाया। श्री साव ने कहा कि उस दो साल का बकाया बोनस भाजपा सरकार छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माता अटल बिहारी वाजपेयी जी के जन्मदिन के अवसर पर 25 दिसम्बर को देने वाली है। किसानों की तरक्की, माता-बहनों का सम्मान, नौजवानों की तरक्की और छत्तीसगढ़ की बेहतरी और समृद्धि के लिए भाजपा संकल्प पत्र लेकर आई है। श्री साव ने कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता ने भारतीय जनता पार्टी पर भरोसा रखने और छत्तीसगढ़ में कमल खिलाने का पक्का निश्चय कर रखा है।