जातिगत समीकरण में भी भारी पड़ रहे बैज…

0 रंग नहीं ला पाई कफ़न दफ़न की राजनीतिक चाल

(अर्जुन झा) लोहंडीगुड़ा। चित्रकूट विधानसभा के तीनों ब्लॉक शिक्षित और जागरूक होने के कारण विकास के साथ खड़े हैं। इन विकासखंडों में ऐसी किसी भी बाहरी हवा का प्रभाव नहीं है, जो राजनीति का रुख वक्ती तौर पर रुख बदल देती है। इसलिए कफ़न दफ़न की अलगाव वाली राजनीति यहां सांसद दीपक बैज की सक्रियता और विकास के काम के सामने टिक नहीं पाई। यहां भी बिरनपुर की तरह माहौल खड़ा किया जा सकता था लेकिन कांग्रेस ने अपने प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज को मैदान में उतारकर उस आशंका को सिरे चढ़ने से रोक दिया है। जहां तक जातिगत समीकरण का सवाल है तो चित्रकोट विधानसभा क्षेत्र में यह समीकरण कांग्रेस प्रत्याशी दीपक बैज के पक्ष में नजर आ रहे हैं। इस विधानसभा क्षेत्र का सबसे शिक्षित ब्लॉक है तोकापाल। संभाग मुख्यालय जगदलपुर से 17- 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस ब्लॉक में मुरिया और माड़िया आदिवासी बहुतायत में हैं। हाल ही में माहरा समुदाय अनुसूचित जाति वर्ग में जोड़ा गया है। जिसके लिए सांसद दीपक बैज ने संसद में जोरदार तरीके से आवाज उठाई थी और इस समुदाय को उसका हक दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी।

चित्रकोट विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के प्रत्याशी विनायक गोयल तोकापाल विकासखंड के रहने वाले हैं। वह मुरिया आदिवासी हैं। कांग्रेस के प्रत्याशी दीपक बैज माड़िया आदिवासी समाज से हैं। चित्रकोट विधानसभा में माड़िया आदिवासी समाज की जनसंख्या ज्यादा है। मुरिया और माड़िया समुदाय के बीच सामाजिक रिश्तेदारी आमतौर पर नहीं होती। दोनों राजनीतिक दलों ने अलग-अलग आदिवासी समुदाय से अपने प्रत्याशी उतारे हैं। भाजपा प्रत्याशी विनायक गोयल का पिछले दिनों एक ऑडियो वायरल हुआ था। जिसमें वह कथित तौर पर माहरा समाज को अपमानित करते हुए बताए जा रहे थे। इस मामले में भाजपा की ओर से अब तक कोई सफाई नहीं दी गई है और न ही उसके प्रत्याशी के तौर पर कोई प्रतिक्रिया सामने आई है। इस विधानसभा क्षेत्र में माहरा समाज की जनसंख्या 50 हजार से ज्यादा बताई जाती है। बस्तर के जग प्रसिद्ध दशहरा में माड़िया समाज के लोग ही रथ खींचने का काम करते हैं। विधि विधान के साथ रथ पूजा और इसे खींचने का काम परंपरागत रूप से इस समाज को ही सौंपा जाता है। तोकापाल ब्लॉक के आरापुर, भेजरिपदर चीतापुर की घटना पर एक दल विशेष द्वारा दफन और कफन के मुद्दे को भुनाने की कोशिश की गई थी। जो धर्मांतरित हैं और वर्षों से अपने गांव में निवास कर रहे थे, चुनावी दौर शुरू होते ही उनके लोगों को दफनाने की प्रक्रिया गांव में न करने देने जैसे मामले सामने आ रहे थे। ऐसे लोगों का सामाजिक बहिष्कार का प्रयास किया गया था। लेकिन दीपक बैज के प्रयासों के कारण ऐसे मुद्दे सुलग नहीं पाए। क्योंकि तोकापाल ब्लॉक से लेकर दरभा तक तीनों शिक्षित ब्लॉक हैं। जो लोगों को जागरूक करते हैं और वैमनस्यता से दूर दूर तक वास्ता नहीं रखते। कुल मिलाकर यहां की प्राथमिकता विकास है। जो दीपक बैज ने किया है।

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