0 प्रधानमंत्री छत्तीसगढ़ में धान खरीदने का दावा करते हैं, फिर गुजरात के किसान 1315 रु क्विंटल में धान क्यों बेच रहे हैं?
0 गुजरात, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश में किसान औने पौने दाम में धान बेचने मजबूर
रायपुर। प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार की छत्तीसगढ़ मॉडल से किसानों को धान की कीमत 2640 रुपए एवं 2660 रुपए प्रति क्विंटल मिला। चालू खरीफ सीजन में 20 क्विंटल धान प्रति एकड़ लगभग 2800 रु क्विंटल की दर पर खरीदी करेगी। जबकि मोदी के गुजरात मॉडल वाली डबल इंजन की सरकारें जहाँ है वहाँ के किसान औने पौने दाम में धान बेचने मजबूर है। प्रधानमंत्री के गृह राज्य गुजरात में किसानों को धान की कीमत 1315 रु मध्यप्रदेश में गुना में 1250 रु जबलपुर में 814 रु मंडला में 1800 रु यूपी के बाराबंकी में 970 रु और नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में 1150 रु में धान मिल रहा है।
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार के द्वारा की जा रही धान खरीदी का झूठा श्रेय लेने किसान विरोधी भाजपा नेता झूठ और भ्रम फैला रहे हैं प्रधानमंत्री भी छत्तीसगढ़ आकर झूठ बोलते हैं कि धान खरीदी केंद्र सरकार कर रही है जबकि सच्चाई यह है कि यदि केंद्र सरकार धान खरीदी करती है तो गुजरात के किसान 1315 रुपए के भाव में धान क्यों बेच रहे हैं? वाराणसी में किसानों को धान के कीमत 1150 रुपए प्रति क्विंटल क्यों मिल रहा है?भारतीय जनता पार्टी के नेताओं का झूठा भाजपा शासित राज्यों में किसानों की खस्ता हाल बंया कर रही है।
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि असल में भाजपा नेताओं को किसानों से नफरत है क्योंकि भाजपा की पूर्व रमन सरकार ने और केंद्र की मोदी सरकार ने किसानों से किए वादे को पूरा नहीं किया है और वही भूपेश बघेल सरकार किसानों से किये हर वादे को पूरा की है और कई योजना बनाकर किसानों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाया है जिसके कारण भाजपा नेताओं के पेट में दर्द हो रहा है और राजनीतिक रूप से बीजेपी छत्तीसगढ़ में खात्मे की और आगे बढ़ रही है।
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार ने छत्तीसगढ़ के धान खरीदी में सिर्फ अड़चन और बाधा उत्पन्न की है केंद्रीय शक्तियों का दुरुपयोग करके धान खरीदी के दौरान बारदाना की आपूर्ति में कटोती किया चावल ढुलाई के लिए समय पर ट्रेन की रैक नहीं दी। समय पर चावल खरीदी का भुगतान नहीं किया। बेवजह के नियम शर्ते लगाकर प्रदेश के किसानों को मिल रहे सबसे ज्यादा धान की कीमत को रोकने का षड्यंत्र किया है।