रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के चुनाव मीडिया प्रभारी विधायक सिद्धार्थनाथ सिंह ने 2 हजार करोड़ रुपये के शराब घोटाले में हाईकोर्ट से जमानत खारिज होने पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से सवाल किया है कि वे जिस तरह कहते रहे हैं कि भाजपा की तरफ से ईडी, आईटी, सीबीआई चुनाव लड़ रही है तो क्या वे अब इसमें हाईकोर्ट को भी शामिल करेंगे?
भाजपा चुनाव मीडिया प्रभारी विधायक सिद्धार्थनाथ सिंह ने भाजपा कार्यालय एकात्म परिसर में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भूपेश बघेल सरकार को शराब की लत लग गई है। उच्च न्यायालय ने महत्वपूर्ण तथ्यों को संज्ञान में लेते हुए बेल खारिज की है। अरुण पति त्रिपाठी, अनिल टुटेजा और सौम्या चौरसिया जो सरकारी मुलाजिम है और अनवर ढेबर जिसकी राजनीतिक पृष्ठभूमि है, जो षड्यंत्र है या आशीर्वाद है वह आप सबको पता है। जजमेंट के अंदर इन सबको सिंडिकेट बोला गया। यह साधारण चीज नहीं है। कहा गया है कि सिंडिकेट ने सोची समझी रणनीति के तहत सीएसएमसीएल को सिंडिकेट की कठपुतली बना दिया था। उसकी दुकान के माध्यम से अवैध डुप्लीकेट होलोग्राम की शराब बिक रही थी। सिंडिकेट ने यह भी प्लानिंग की है कि जो फॉरेन लिकर आती है उसके लिए नए प्रावधान कर दें। नए प्रावधान के लिए उन्होंने एक लाइसेंस बना दिया जिसको ऐसे एफएल 10 ए कहा जाता है। अब उसके तहत उन लोगों ने एक 10 परसेंट का कट भी लेना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि यह तथ्य जो मैं रख रहा हूं, वह जजमेंट में हैं। उसमें जिक्र है कि 19.2 करोड़ जो अवैध बोतल हैं, उस पर नकली होलोग्राम लगाकर बेचा गया है और 2019-20 से लेकर 2022-23 तक यह चला। अवैध शराब से 2000 करोड़ इन लोगों ने कमाया है। एक महत्वपूर्ण तथ्य का जिक्र है कि जो ईओडब्ल्यू डीआईजी ने चिट्ठी लिखी थी कि यह सिंडिकेट किस प्रकार से अवैध शराब का धंधा चला रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से प्रश्न है कि आपने कहा था कि भारतीय जनता पार्टी के लिए ईडी सीबीआई, आईटी चुनाव लड़ती है क्या अब आप इन तीनों के साथ छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट को भी जोड़ना चाहेंगे? इस सिंडिकेट से आपका क्या रिश्ता था, इसको स्पष्ट करना चाहिए।क्योंकि हम लोग अब जनता के बीच में हैं। क्या रिश्ता होने के कारण अपने डीआईजी की चिट्ठी पर कोई कार्रवाई नहीं की? क्या यही कारण था या कोई और कारण था? 2000 करोड़ की जो लूट थी, उसमें दिल्ली को भी गया क्योंकि आप एटीएम बने हुए थे।19.2 करोड़ जो नकली होलोग्राम की बिक्री हुई है, इतनी बड़ी बिक्री आपके राज्य में हो रही थी, क्या आपको पता ही नहीं चला।
श्री सिंह ने मुख्यमंत्री से सवाल किया कि भारतीय जनता पार्टी अवैध शराब का मुद्दा उठाते रही और आप चुप रहे। अब छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने भी इस विषय पर तथ्यों के आधार पर संज्ञान लेते हुए बेल खारिज की है। क्या अब आप हाई कोर्ट के विषय पर जो उन्होंने खारिज कर है, अब इस पर भी चुप्पी बनाए रखेंगे या कुछ बोलेंगे। यहां पर आपकी जो मीडिया टीम है, वह कहती है कका जिंदा है अब क्या यह जो घोटाले हो रहे इसी को जिंदादिली कहा जाता है? कका की जिंदादिली कहा जाता है? उन्होंने कहा कि जब भारतीय जनता पार्टी की सरकार थी तो डॉक्टर रमन सिंह जी को प्यार से चावल वाले बाबा बोला जाता था आपने तो यहां पर शराब की लत लगा दी तो कका के आगे क्या लगना चाहिए? इस अवसर पर प्रदेश प्रवक्ता पूर्व विधायक डॉ. विमल चौपड़ा, प्रदेश प्रवक्ता दीपक म्हस्के, प्रदेश मीडिया सह प्रभारी अनुराग अग्रवाल उपस्थित रहे।