चित्रकोट से उतरे बैज, एक तीर से सधे कई निशाने…

0 बस्तर में भाजपा की सेंधमारी रोकने कांग्रेस ने कर दी तैयारी

(अर्जुन झा)

जगदलपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने बस्तर के चित्रकोट से अपने प्रदेश अध्यक्ष सांसद दीपक बैज को मैदान ए जंग में उतारकर एक तीर से कई निशाने साध लिए हैं। चित्रकोट से दीपक बैज की उम्मीदवारी के जरिए कांग्रेस ने बस्तर में भाजपा की घुसपैठ को रोकने का प्रबंध किया है। कांग्रेस अध्यक्ष बैज को उम्मीदवार बनाया गया है, इससे बस्तर की पूरी बारह सीटों पर कांग्रेस ने भाजपा पर मनोवैज्ञानिक दबाव बना दिया है। बस्तर संभाग की बारह सीटों की बात करें तो इस बार पिछले चुनाव की तरह इकतरफा मुकाबला नहीं माना जा रहा है। भाजपा ने उम्मीदवारों के ऐलान में बढ़त बना ली लेकिन कांग्रेस ने इसका रणनीतिक इस्तेमाल कर बेहतर उम्मीदवार पेश कर दिए। भाजपा इस बार जोश के साथ मैदान में है और वह कांग्रेस के इस गढ़ में सेंधमारी के लिए सियासी चक्रव्यूह की रचना कर चुकी थी। इस चक्रव्यूह को तोड़ने में बस्तर में केवल एक ही सियासी योद्धा कांग्रेस के पास है जो कांग्रेस संगठन के सेनापति हैं। बस्तर के सांसद हैं और बस्तर के चित्रकोट से दो बार विधायक रह चुके हैं। भाजपा ने पिछली बार पराजित अपने कई दिग्गजों के साथ नए- पुराने चेहरे उतार कर अपने इरादे पहले ही जाहिर कर दिए थे। भाजपा की पूरे छत्तीसगढ़ के लिए जो रणनीति तैयार है, उसे देखते हुए यह राजनीतिक जरूरत जान पड़ रही थी कि कांग्रेस उसी की शैली में जवाब दे। कांग्रेस ने करारा जवाब दे दिया है। कांग्रेस की पहली सूची में बस्तर से जो उम्मीदवार घोषित किए गए हैं, वह बेहद सधी हुई है। बस्तर में कांग्रेस की यहजरूरत महसूस की जा रही थी कि अपने अध्यक्ष और बस्तर सांसद दीपक बैज को बस्तर संभाग मुख्यालय की ऐसी सीट से मैदान में उतारे, जहां से जगदलपुर और नारायणपुर जिले की कई सीटों पर बढ़त हासिल की जा सके। इस लिहाज से कांग्रेस के प्रदेश कमांडर सांसद दीपक बैज के लिए चित्रकोट सीट सबसे अहम मानी जा रही थी। यह उनके संसदीय निर्वाचन क्षेत्र की सीट है और वे इस सीट से दो बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में बस्तर सीट जीतने के बाद उन्होंने यह सीट रिक्त की थी, जो अब भी कांग्रेस के पास है। चित्रकोट सीट प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बैज का गृहक्षेत्र है। अगर कांग्रेस अपने अध्यक्ष के घर में कमजोर होती तो आसपास की चार सीटों पर इसका सीधा असर पड़ता। आमतौर पर यह माना जा रहा है कि कांग्रेस को यह सीट बचाने के लिए प्रत्याशी बदलने की दरकार थी ताकि केंद्रबिंदु की यह सीट कांग्रेस के पास सुरक्षित रहे और लगी हुई सीटों पर भी भाजपा सेंधमारी न कर सके। पिछले समय में तथाकथित धर्मांतरण को लेकर नारायणपुर में जो कुछ हुआ, उसका सियासी फायदा उठाने के लिए भाजपा मचल रही है। भाजपा ने अपने प्रदेश महामंत्री और पूर्व वरिष्ठ मंत्री केदार कश्यप को फिर अखाड़े में उतार दिया है। ऐसे में कांग्रेस को नारायणपुर में भी कड़ी टक्कर के लिए तैयार रहना होगा। चित्रकोट सीट का प्रभाव बस्तर से लेकर नारायणपुर तक है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज को चित्रकोट से मैदान में उतार कर कांग्रेस ने भाजपा के मंसूबों पर पानी फेर दिया है।

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