दिल्ली से जो भी कांग्रेसी आता है, वह भू-पे का गुण गाता है- रंजना

0 छत्तीसगढ़ में महिलाओं की दशा प्रियंका को नहीं दिखती तो राधिका को क्यों दिखेगी?

रायपुर। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता विधायक रंजना साहू ने कांग्रेस की मीडिया कोऑर्डिनेटर राधिका खेरा पर जवाबी हमला बोलते हुए कहा है कि उन्हें बोलने के लिए जो रटाया गया है, वह बोलना उनकी विवशता है। वे एआईसीसी की मीडिया कोऑर्डिनेटर हैं तो मीडिया में छाई छत्तीसगढ़ की असल तस्वीर भी देख लें। छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार की काली करतूतों पर परदा डालने की कोशिश कामयाब नहीं होने वाली। दिल्ली से जो भी कांग्रेसी आता है, वह भूपेश बघेल के मायाजाल में फंस जाता है। हर किसी की आंख पर भू-पे की पट्टी बंध जाती है। जब लड़ने का नारा देने वाली कांग्रेसी लड़की छत्तीसगढ़ की बेटियों के लिए लड़ने की बजाय भूपेश राग अलापती हो तब राधिका खेरा से छत्तीसगढ़ की माताएं, बहनें, बेटियां भला क्या उम्मीद कर सकती हैं।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता विधायक रंजना साहू ने कहा कि दिल्ली से आने वाले सारे कांग्रेस नेता भूपेश बघेल की भाषा बोलने बाध्य हैं। सब के सब भू-पे के वश में हैं। भूपेश के झूठ को दोहराना ही इनके छत्तीसगढ़ आने का मकसद है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा को छत्तीसगढ़ में यही काम सौंपा गया है। जबकि हकीकत यह है कि अपराधों के मामले में पूरे देश के परिदृश्य में छत्तीसगढ़ और राजस्थान के बीच कॉम्पटीशन चल रहा है। जैसी हालत राजस्थान में है, वैसी स्थिति छत्तीसगढ़ में है। जब भाजपा शासित किसी राज्य में महिला पर अपराध की घटना घटित हो तो प्रियंका वहां डेरा डाल देती हैं लेकिन छत्तीसगढ़ में फूल सी बेटियों को कुचला जा रहा है तो कई टन गुलाबी पंखुड़ियों को रौंदने वाली राजदुलारी को कोई फर्क नहीं पड़ता। नारी- नारी में भेद कांग्रेस के डीएनए में है और प्रियंका- राधिका खेरा आखिर कांग्रेसी ही तो हैं।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता विधायक रंजना साहू ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरुद्ध भूपेश बघेल के बेबुनियाद आरोप को आगे बढ़ाना यहां आने वाले हर कांग्रेसी की प्रतिबद्धता हो गई है। मोदी जी ने 33 फीसदी महिला आरक्षण संसद के दोनों सदनों में पारित कराया है। राधिका खेरा को एक महिला नेता होने के कारण उनका आभार प्रकट करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि भूपेश सरकार बनने के बाद छत्तीसगढ़ में महिलाओं की सुरक्षा खतरे में पड़ गई है। राधिका खेरा झूठे आंकड़े देकर भूपेश बघेल के राज में चल रहे महिला उत्पीड़न पर पर्दा डालने की नाकाम कोशिश कर रही हैं। वह बस्तर की बात करती हैं तो वहां नक्सलियों और कांग्रेस के नेताओं के बीच क्या रिश्तेदारी है यह अक्सर उजागर होता रहता है। कांग्रेस की राज्यसभा सदस्य रंजीत रंजन छत्तीसगढ़ आती हैं तो नक्सलियों के प्रवक्ता जैसा व्यवहार करती हैं। कांग्रेस की विधायक संगीता सिन्हा बताती हैं कि देश में छत्तीसगढ़ की पहचान नक्सलियों से है।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता विधायक रंजना साहू ने कहा कि सारे देश में नक्सली हिंसा समाप्ति पर है लेकिन छत्तीसगढ़ में क्या स्थिति है, यह किसी से छुपा नहीं है। राधिका खेरा अंग्रेजी की मुफ्त शिक्षा देने की बात करती हैं लेकिन छत्तीसगढ़ शासन के स्कूलों का शैक्षणिक स्तर देश के सभी राज्यों के बीच अंतिम पायदान पर है। भूपेश बघेल बोरे बासी के जन्मदाता बने घूमते हैं और राधिका खेरा भी कह रही हैं कि भूपेश बघेल ने बोरे बासी को पहचान दी है। जहां तक छत्तीसगढ़ की संस्कृति को पहचान देने की बात है तो राधिका खेरा यह अच्छी तरह समझ लें कि छत्तीसगढ़ को घपलों, घोटाले, भ्रष्टाचार, अवैध उगाही, माफियाराज के मामले में भूपेश बघेल की सरकार ने पूरे देश में बदनाम कर दिया है। रही बात 36 में से 34 वादे पूरे करने की, तो जरा वह अपने उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव से पूछ लें, जो स्पष्ट कह चुके हैं कि केवल 12 वादे पूरे किए गए हैं।12 वादों पर काम चल रहा है और बाकी 12 वादों को छुआ तक नहीं गया है।

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