द वैक्सीन वार फिल्म कोविड काल का जीवंत चित्रण- भंसाली

रायपुर। सामाजिक व शैक्षणिक सरोकारों से गहराई से जुड़े प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता नितिन भंसाली ने कहा है कि आज इस वर्ष की पहली मूवी द वैक्सीन वार देखी।मिनिंगफुल मूवी देखने के बाद मैं हर बार की तरह इस बार भी फिल्म की समीक्षा किए जाने से खुद को रोक नहीं पाया।

कम बजट में निर्मित मूवी बहुत ही अच्छी और शानदार है। फिल्म डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री ने फिल्म का विषय और कलाकार बहुत ही शानदार चुने हैं। सभी ने रोल भी बहुत जबरदस्त किया। डायलॉग डिलीवरी भी शानदार थी, फिल्म कहीं भी बोर नहीं लगी। फिल्म में कठिन समय में भारतीय कोविड वेक्सिन बनाने हेतु वैज्ञानिकों का, खास कर महिला वैज्ञानिकों का कठिन परिश्रम भी बखूबी दर्शाया गया है। इस फिल्म में मीडिया की नकारात्मक भूमिका और कोविड के समय के बुरे हाल का वर्णन भी फिल्म डायरेक्टर ने बखूबी किया है।

फिल्म में आईसीएमआर के डायरेक्टर की भूमिका में डॉ.बलराम भार्गव के किरदार में नाना पाटेकर, डॉ.निवेदिता गुप्ता के रोल में मराठी एवं हिन्दी सिनेमा की अदाकारा गिरिजा ओक और रोहिनी सिंह धूलिया के जर्नलिस्ट के खतरनाक रोल में हिंदी एवं बंगाली फिल्मों की सुपर स्टार राइमा सेन के अभिनय से मैं काफ़ी प्रभावित हुआ। फिल्म में अदाकारा पल्लवी जोशी को लंबे समय बाद सिनेमा के परदे पर देख कर अच्छा लगा।

कुल मिलाकर मूवी अच्छी है। लेकिन फिल्म डायरेक्टर ने द कश्मीर फाइल की तरह इसमें भी कहीं न कहीं वैज्ञानिकों के परिश्रम को कुछ साइड करते हुए भारतीय राजनीति के प्रमुख पद पर बैठे एक व्यक्ति को थोड़ी क्रेडिट देने की कोशिश की है। ऐसा मुझे प्रतीत हुआ जो कि मुझे एक राजनीतिक एजेंडे जैसा प्रतीत होता है। खैर मैंने यह मूवी आज थोड़ी तबियत नाजुक होने के बावजूद मनोरंजन के रूप में देखी और मेरा अच्छा टाइम पास हुआ। मैं इस मूवी को मेरी ओर से 10 में से 6 नंबर देता हूं। इस विश्लेषण में मेरे निजी विचार हैं। इसको मेरे राजनीतिक व्यक्तित्व से न पढ़ते हुए मेरे एक सामान्य नागरिक होने की हैसियत से समझा और पढ़ा जाए।

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