0 रेखचंद ने बदल दी जगदलपुर की जीवनरेखा
(अर्जुन झा) जगदलपुर। बस्तर संभाग कांग्रेस के लिए मखमली बिस्तर बन गया है। बस्तर की सभी बारह सीटों पर कांग्रेस काबिज है। इन दर्जन भर सीटों के बीच सामान्य वर्ग का इकलौता प्रतिनिधित्व जगदलपुर विधानसभा क्षेत्र करता है। यहां के मौजूदा विधायक छत्तीसगढ़ शासन के संसदीय सचिव रेखचंद जैन हैं, जिन्होंने पिछले चुनाव तक भाजपा के गढ़ रहे जगदलपुर के इतिहास में सर्वाधिक वोट पाने वाले विधायक के तौर पर अपना नाम दर्ज किया। रेखचंद इस विधानसभा क्षेत्र के उद्धारक बनकर उभरे हैं। बस्तर मुख्यालय के विधानसभा क्षेत्र में सब कुछ बदल गया है। जगदलपुर नया रूप ले चुका है। पौने पांच साल में जगदलपुर विधानसभा क्षेत्र के गांव गांव की तस्वीर और तकदीर बदल गई है। रेखचंद ने हर एक मद का विकास में उपयोग कराया है। कभी सब्जी वालों की समस्या का समाधान, कभी हम्मालों से हमदर्दी, कभी गरीबों के बीच अपनापन, कभी बच्चों के बीच दुलार, कभी सांसद दीपक बैज के साथ विकास की कदमताल, हर रोज किसी न किसी गांव का दौरा, यह विधायक रेखचंद जैन की दिनचर्या है। वे इलाके के हर घर के बेटे, भाई बन गए हैं। ऐसे में आम जनता को भरोसा है कि वे फिर जगदलपुर विकास के लिए कांग्रेस के ध्वजवाहक बनेंगे।
वर्ष 2018 के चुनाव में रेखचंद जैन को 76 हजार 556 मत प्राप्त हुए थे, जबकि निकटतम प्रतिद्वंदी भाजपा उम्मीदवार संतोष बाफना को 49 हजार 116 वोट मिले थे। रेखचंद 27 हजार मतों के अंतर से जीते। इसके पहले 2013 के चुनाव में भाजपा उम्मीदवार को 68 हजार 403 व प्रतिद्वंदी प्रत्याशी को 48 हजार 145 वोट, 2008 के चुनाव में भाजपा को 55 हजार 3 व कांग्रेस को 37 हजार 479 वोट और 2003 के चुनाव में भाजपा को 60 हजार 327 और कांग्रेस को 30 हजार 38 वोट हासिल हुए थे। इस तरह पिछले चुनाव में रेखचंद जैन ने वोटों के मामले में एक नया कीर्तिमान रचा है। विधायक के रूप में रेखचंद जैन की पहली पारी को राजनीतिक विश्लेषक अत्यंत सफल मान रहे हैं। कहा जा रहा है कि कांग्रेस ने उन्हें फिर से मैदान में उतारा तो वे अपना ही पिछला रिकॉर्ड तोड़ते हुए और अधिक अंतर से जीत सकते हैं।
ऐसी धारणा इसलिए बनी है कि रेखचंद जैन ने एक विधायक के तौर पर विकास के ठोस कार्य कर दिखाए हैं और जनता के बीच बनी छवि को और अधिक निखारा है, विश्वास में बढ़ोतरी की है। भूपेश है तो भरोसा है के नारे को साकार किया है, इससे आम तौर पर कहा जा रहा है कि रेखचंद इस बार भी जगदलपुर में कांग्रेस का परचम लहराने में सबसे ज्यादा सक्षम हैं।
रेखचंद जैन की कार्यशैली के कारण उनकी पैठ शहरी मतदाताओं के साथ साथ ग्रामीण मतदाताओं के बीच और अधिक गहरी हुई है। युवा वर्ग, महिलाएं, पुरुष, बुजुर्ग सभी रेखचंद के विनम्र स्वभाव व सहज कामकाज से काफी प्रभावित हैं। जो माता पिता पहले राजनीति को गंदगी बताते रहे हैं, उनकी भी धारणा विधायक रेखचंद ने बदल डाली है। ऐसे माता – पिता अब रेखचंद जैन की उपस्थिति में आयोजित होने वाले हर धार्मिक, सामाजिक व राजनैतिक कार्यक्रम में अपने बच्चों को भेजने में जरा भी नहीं हिचकते, बल्कि प्रोत्साहित करते हैं। ऐसे मतदाता जो 20 से 35 वर्ष आयु वाले हैं, वे रेखचंद जैन को अपना आदर्श मानने लगे हैं। उनका कहना है कि श्री जैन ने नए राजनैतिक संस्कारों का बीजारोपण किया है।
रेखचंद जैन ने जगदलपुर विधानसभा क्षेत्र में विकास की धारा तो बहाई ही है, वे क्षेत्र के हर परिवार के सुख दुख के साथी की भी भूमिका बखूबी निभाते आए हैं। किसी परिवार में किसी सदस्य की मृत्यु हो जाने पर श्री जैन उस परिवार का दुख साझा करने तुरंत पहुंच जाते हैं। जो गरीब लोग अपने बीमार परिजन का इलाज नहीं करा पाते और जो लोग गरीबी के कारण अपने बच्चों को पढ़ा नहीं पाते, उन परिवारों को वे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से विशेष आग्रह कर आर्थिक मदद उपलब्ध कराते हैं। अब तक सैकड़ों परिवारों को वे मुख्यमंत्री के विशेष कोष से आर्थिक सहायता दिला चुके हैं। क्षेत्र के गांवों में बिजली, पानी, सड़क, स्कूल, अस्पताल, आंगनबाड़ी केंद्र भवन, पंचायत भवन, धान खरीदी केंद्र, खाद बीज भंडारण गोदाम आदि का इंतजाम श्री जैन ने कराया है। इसके अलावा उन्होंने प्रमुख गांवों में पेयजल टैंकर की भी व्यवस्था कराई है। ये टैंकर उन प्रमुख गांवों के साथ ही आसपास के गांवों के भी लोगों को गर्मियों के दौरान शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराते हैं। सार्वजनिक और पारिवारिक कार्यक्रमों के जलापूर्ति में भी ये टैंकर अहम रोल अदा करते हैं।
विधायक एवं संसदीय सचिव रेखचंद जैन न सिर्फ जनसेवा में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं, बल्कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सोच,आदर्शो और सिद्धांतों को आगे बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने आदिवासियों के आस्था स्थलों, देवगुड़ी व मातागुड़ी के जीर्णोद्धार व नव निर्माण का जो बीड़ा उठाया है, उसे फलीभूत करने में रेखचंद जैन कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रहे हैं। वे अब तक जगदलपुर विधानसभा क्षेत्र में लगभग दो सौ देवगुड़ियों और मातागुड़ियों का कायाकल्प करा चुके हैं। यही वजह है कि क्षेत्र के आदिवासियों का कांग्रेस और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर भरोसा काफी मजबूत हुआ है।