0 प्रदेश प्रवक्ता व विधायक रंजना साहू का तीखा हमला : वहशी दरिंदों ने किशोरी की अस्मिता को लहूलुहान किया लेकिन बघेल से लेकर प्रियंका तक सबने मुँह में दही जमा रखा है
0 रंजना ने पूछा : ‘लड़की हूँ, लड़ सकती हूँ’ जैसी जुमलेबाजी करने वालीं प्रियंका क्या लहूलुहान होती नारी अस्मिता को सियासी नफा-नुकसान के तराजू पर तौलने में यकीन करने लगी हैं?
रायपुर। भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश प्रवक्ता और विधायक रंजना साहू ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के कांग्रेस शासनकाल में मासूम बच्चियों से लेकर वृद्ध महिलाओं तक की अस्मिता कहीं सुरक्षित नहीं रह गई है। श्रीमती साहू ने कहा कि राजधानी के बीचो-बीच जयस्तंभ चौक के करीब एएसपी दफ्तर के पास मल्टीलेवल पार्किंग में एक नाबालिग किशोरी के साथ हुए गैंगरेप के मामले को प्रदेश की कांग्रेस सरकार के नाकारापन का एक और शर्मनाक उदाहरण बताया है। श्रीमती साहू ने कहा कि प्रदेश में एक ओर कांग्रेस सरकार महिला समृद्धि सम्मेलन करके राजनीतिक ड्रामेबाजी कर रही थी, वहीं दूसरी ओर राजधानी में वहशी दरिंदों ने एक किशोरी की अस्मिता को लहूलुहान कर दिया लेकिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से लेकर प्रियंका वाड्रा तक सबने मुँह में दही जमा रखा है। यह विडंबना ही है कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा महिला समृद्धि सम्मेलन की नौटंकी में शामिल होने आईं थीं, लेकिन छत्तीसगढ़ में महिलाओं की बदतर हालत से आँखें मूंदे रहीं।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता व विधायक श्रीमती साहू ने कहा कि पिछले लगभग एक माह में प्रदेश की राजधानी में और इससे लगे स्थानों पर महिलाओं के साथ हो रहीं लगातार सामूहिक बलात्कार की घटनाओं ने प्रदेश को शर्मसार कर रखा है, लेकिन प्रदेश की भूपेश सरकार को जरा भी शर्म महसूस नहीं हो रही है। वह प्रदेश में कानून-व्यवस्था की बेहतरी और महिला सुरक्षा के खोखले दावे कर रहे हैं जबकि जमीनी सच्चाई यह है कि रोज अखबार बलात्कार की घिनौनी घटनाओं की खबरों से रंगे रहते हैं। श्रीमती साहू ने कहा कि रक्षाबंधन के दिन दो बहनें, शिक्षक दिवस के दिन आदिवासी शिक्षिका के साथ और राजधानी के देवेंद्रनगर में एक महिला के साथ हुए सामूहिक बलात्कार के बाद राजधानी के व्यस्ततम जयस्तंभ चौक के पास एक नाबालिग किशोरी के साथ कल घटी सामूहिक बलात्कार की घटना के बाद किस मुँह से मुख्यमंत्री बघेल महिलाओं के नाम पर सम्मेलन जैसी नौटंकियाँ कर रहे हैं? श्रीमती साहू ने कहा कि ऐसे शर्मनाक और गंभीर आपराधिक मसलों पर खामोश बैठने और ऐसे अपराधों पर पर्दा डालने में मुख्यमंत्री बघेल को तो महारत हासिल है, लेकिन ‘लड़की हूँ, लड़ सकती हूँ’ जैसी जुमलेबाजी करने वालीं प्रियंका वाड्रा ने यह जानने की कोशिश ही नहीं कि छत्तीसगढ़ में महिलाओं की क्या स्थिति है? मणिपुर और उत्तरप्रदेश के मामलों में घड़ियाली आँसू बहाने वाली प्रियंका वाड्रा ने क्या कभी छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री से महिलाओं के साथ हो रहे ऐसी शर्मनाक और वहशियाना वारदातों पर जवाब तलब किया? क्या प्रियंका वाड्रा की नजर में छत्तीसगढ़ की बच्चियों से लेकर वृद्ध महिलाओं की अस्मिता कोई मायने नहीं रखती? क्या वह बलात्कार जैसे मामलों में लहूलुहान होती नारी अस्मिता को भी सियासी नफा-नुकसान के तराजू पर तौलने में यकीन करने लगी हैं?