रायपुर। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा है कि रमन राज के 15 साल के कुशासन में छत्तीसगढ़ में 3000 से अधिक स्कूल बंद किए गए। हर जिले में जो उत्कृष्ट मॉडल स्कूल हुआ करते थे उनको भी निजी क्षेत्र के डीएवी को बेचा गया। युवाओं के सरकारी नौकरी में रोजगार के अधिकार को आउटसोर्सिंग करके बेचने का काम भी पूर्ववर्ती रमन सरकार करती रही। भूपेश सरकार ने ना केवल रमन राज में बंद किए गए उन 3000 स्कूलों को पुनः शुरू कराया, बल्कि 727 अंग्रेजी एवं हिंदी माध्यम के उत्कृष्ट शिक्षा के लिए स्वामी आत्मानंद स्कूल खोले और अब तो 10 स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम के उत्कृष्ट कॉलेज में खोले जा चुके हैं। आउटसोर्सिंग के स्थान पर लगभग सभी विभागों में नियमित पदों पर भर्तियां शुरू की और अब तो निजी क्षेत्र के उद्योगों में भर्ती के लिए नई उद्योग नीति बनाकर स्थानीय युवाओं को निजी क्षेत्रों में रोजगार के अवसर सुनिश्चित करने के लिए भी ठोस कानून बनाएं हैं।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा है कि भूपेश सरकार ने पहले दिन से ही बहुसंख्यक युवा आबादी वाले छत्तीसगढ़ में युवाओं के सपनों को नई उड़ान का बेहतर अवसर दिया है। शिक्षा और रोजगार के बेहतर अवसर के साथ अब निःशुल्क बस, फ्री कोचिंग, हर जिले में स्नातकोत्तर की पढ़ाई, स्कूली शिक्षा के पाठ्यक्रम में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, इंटरनेट ऑफ चिंग्स जैसी आधुनिक तकनीक की जानकारी को पाठ्यक्रम में शामिल करने का निर्णय बेहतर सोंच और दूरगामी परिणाम परिलक्षित है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा है कि सरकारी स्कूलों में 11वीं 12वीं के विद्यार्थियों को इंजीनियरिंग और मेडिकल की प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए देश के ख्याति प्राप्त कोचिंग संस्थाओं से ऑनलाइन कोचिंग की निःशुल्क व्यवस्था के निर्णय से विद्यार्थियों में उत्साह है। हाल ही में युवा संवाद के दौरान कॉलेज के विद्यार्थियों को मांग पर तत्परता दिखाते हुए शासकीय महाविद्यालय में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को घर से कॉलेज और कॉलेज से घर आने जाने के लिए बस के माध्यम से निःशुल्क परिवहन व्यवस्था की घोषणा युवाओं के प्रति भूपेश सरकार की संवेदन शीलता का प्रमाण है। गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ की दिशा में आधुनिक प्रौद्योगिकी की भूमिका को देखते हुए स्कूली बच्चों के पाठ्यक्रम में भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, इंटरनेट ऑफ चिंग्स जैसी अत्याधुनिक तकनीक की जानकारी पाठ्यक्रम में शामिल करने के भूपेस सरकार के निर्णय से छत्तीसगढ़ के बच्चे भविष्य की तकनीक के लिए अभी से तैयार हो पाएंगे और छत्तीसगढ़ के युवा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भी विश्व का नेतृत्व करने के योग्य बन सकेंगे।