0 भाजपा अपनी ओछी राजनीति के लिये विभिन्न जातियों का किया अपमान माफी मांगे
रायपुर। प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर कहा कि भाजपा द्वारा जारी आरोप पत्र के मुख पृष्ठ में भाटिया, चौरसिया, शुक्ला, टुटेजा, ढांड, महेश्वरी, चौरसिया सहित विभिन्न जातियो को आरोपी बताया जाना बेहद आपत्तिजनक है। भाजपा अपनी ओछी राजनीति के लिये इन जातियों का अपमान की है।इस कृत्य के लिये अमित शाह एवं भाजपा को सभी समाजों से माफी मांगना चाहिये।
प्रदेश कांग्रेस वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा की प्रदेश में भाजपा के पास मुद्दा नहीं है जनता का समर्थन नहीं है इसलिए भाजपा मनगढ़ंत और झूठे आरोप लगाकर जनकल्याणकारी सरकार का चरित्रहरण करने का षड्यन्त कर रही है और अपने इस षड्यंत्र को पूरा करने के लिए वह किस हद तक जा सकती है इसका प्रमाण है कि वह विभिन्न जातियों को आरोपी बता रही है भ्रष्ट और घोटालेबाज बता रही है यह बेहद आपत्तिजनक है।
प्रदेश कांग्रेस वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि 15 साल भाजपा सरकार में रहने के दौरान भी छत्तीसगढ़िया जनता और छत्तीसगढ़ी संस्कृति परंपरा को हिकारत भरी नजरों से देखा करते थे आज भाजपा आरोप पत्र में भी छत्तीसगढ़िया वेशभूषा और पहनावे को अपमानित करने से नही चुके है। अमित शाह द्वारा जारी किए गए आरोप पत्र के मुख्य पृष्ठ पर छत्तीसगढ़ के किसान के प्रतीक और किसान के पहनावे को घोटाले और भ्रष्टाचार के रूप में चित्रित किया गया है जो भाजपाइयों के विकृत मानसिकता को प्रमाणित करता है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा के आरोप पत्र में लगाए गए आरोप निराधार बेबुनियाद है भाजपा ने आरोप पत्र में दर्ज आरोपो के लिए स्रोत बताएं हैं वो कुछ अखबारों की कतरन है जिसकी विश्वसनीयता नही है। तथ्यात्मक नही है। भाजपा ने आरोप लगाया है कि प्रदेश में 90000 महिलाएं और बेटियां गायब है जबकि अभी सदन में केंद्र सरकार ने बताया है की प्रदेश में 59000 बेटियां और महिलाएं गायब हुई थी जिसमें से 57000 से अधिक महिलाओं को वापस लाया गया भाजपा ने 70000 शिक्षकों के पद को रिक्त बताया है जो पूर्व रमन सरकार के दौरान के आंकड़े हैं वर्तमान में 14580 शिक्षकों की भर्ती हो गई है व्यख्याता की भर्ती हुई स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल में अंग्रेजी शिक्षकों की भर्ती हुई है और 12000 से अधिक शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया चल रही है ऐसे में इनका यह आरोप भी बेबुनियाद और पूर्व रमन सरकार की नाकामी को प्रदर्शित करता है।