0 अडानी को एनओसी किसने और क्यों दी, जनता जानती है
रायपुर। भाजपा प्रदेश महामंत्री ओपी चौधरी ने कोल ब्लॉक रद्द करने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मांग पर जवाब देते हुए कहा कि खुद गुड़ खाएं और गन्ने से विरोध जताएं, यह भूपेश ही कर सकते हैं। एक तरफ वे राजस्थान के कांग्रेसी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आग्रह पर कोल ब्लॉक खनन के लिए पेड़ काटनेअडानी को एनओसी देते हैं और कहते हैं कि बिजली चाहिए तो कोयला जरूरी है। विरोध करने वाले पहले अपने घर की बिजली बंद कर लें, फिर राजनीति करें। दूसरी तरफ वे केंद्र सरकार से मांग करते हैं कि आवंटित कोल ब्लॉक निरस्त किए जाएं! एनओसी किसने और क्यों दी, जनता जानती है। उन्होंने कहा कि हसदेव के जंगलों की कटाई की एनओसी देने वाले भूपेश बघेल की झूठ शॉप 3 माह में बंद होने वाली है। कांग्रेस का दोहरा चरित्र जनता के सामने है। कांग्रेस पहले अपना स्वार्थ सिद्ध करती है और फिर शोर मचाती है। भूपेश बघेल किस स्तर की राजनीति करते हैं, वे चालबाजियों में कितने माहिर हैं, यह छत्तीसगढ़ की जनता ने पौने पांच साल में बखूबी अनुभव कर लिया है। अब जनता के सामने उनकी कोई चालाकी चलने वाली नहीं है।
भाजपा प्रदेश महामंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि कांग्रेस में राहुल -सोनिया गांधी से लेकर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव तक सब के सब हद दर्जे के ड्रामेबाज हैं। तमाशा यह कि इनके एक मुख्यमंत्री दूसरे मुख्यमंत्री की शिकायत सोनिया गांधी से करते हैं कि वे छत्तीसगढ़ में राजस्थान के लिए आवंटित कोल ब्लॉक की एनओसी रोककर रखे हुए हैं। उनके साथ क्या सौदेबाजी हुई, यह भूपेश बघेल बतायें कि सोनिया दरबार में मामला पहुंचने के बाद अडानी को एनओसी मिल गई। पेड़ों का कत्लेआम शुरू हो गया। लाखों पेड़ कट गए। दूसरा ड्रामा यह कि सिंहदेव कहते थे कि पेड़ बचाने पहली गोली वे खाएंगे। भूपेश बघेल कहते थे कि पेड़ क्या डंगाल भी नहीं कटेगी। तब आखिर क्या हुआ कि डंगाल तो क्या पूरा जंगल कट रहा है। क्या उप मुख्यमंत्री बनने के बाद सिंहदेव मीठी वाली गोली चूस रहे हैं। तीसरा ड्रामा यह कि राहुल गांधी कहते थे कि पेड़ नहीं कटने दूंगा। लेकिन जब भूपेश बघेल ने लाखों पेड़ काटने की अनुमति दे दी तब विदेशी धरती पर राहुल गांधी की बकवास के बीच सवाल सामने आया कि हसदेव में आपकी भूपेश सरकार ने पेड़ काटने की इजाजत क्यों दी है तो उन्होंने कहा था कि इस पर कार्यवाही करेंगे। राहुल गांधी भारत आकर चुप्पी साध गए। भूपेश बघेल बतायें कि क्या डील हुई? अडानी और राहुल के बीच सीधी डील हुई या भूपेश बघेल और अशोक गहलोत ने मध्यस्थता की और इसमें हसदेव वाले बाबा भी हंसते हंसते शामिल हो गए।