रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के सोशल मीडिया प्रदेश सह संयोजक और भारत सरकार के कृषि मंत्रालय के सामान्य परिषद के पूर्व सदस्य मितुल कोठारी, भाजपा पाटन उत्तर मंडल अध्यक्ष लोकमणि चंद्राकर और दुर्ग जिला पंचायत सदस्य हर्षा चंद्राकर ने प्रदेश सरकार की महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क (रीपा) योजना में भारी फर्जीवाड़े का खुलासा करते हुए आरोप लगाया है कि भूपेश सरकार रीपा योजना के तहत पाटन क्षेत्र के स्व-सहायता समूह की महिलाओं से शराब दुकानों के पास बिकने वाले चखना और पानी का पाउच बनवा रही है। भाजपा नेताओं ने कहा कि रीपा योजना के तहत ग्रामीण महिलाओं, स्व-सहायता समूहों एवं बेरोजगारों को लघु उद्योग स्थापित कर ग्रामीण उत्पाद को प्रोत्साहित करना है लेकिन दुर्भाग्य है कि सरकार लघु उद्योग लगाने के नाम पर नमकीन और पानी पाउच खरीद कर उसकी पैकिंग कर महिलाओं से चखना बिकवा रही है। श्री कोठारी, श्री चंद्राकर व श्रीमती चंद्राकर ने कहा कि रीपा योजना में रोज़गारमूलक उत्पादन इकाई से ग्रामीण कृषि उत्पाद का प्रसंस्करण, काष्ठ निर्मित वस्तुओं का निर्माण एवं किसी भी उत्पाद से नवीन उत्पाद का निर्माण कर रोज़गार में बढ़ोतरी कर आय सृजन करने का उद्देश्य है, लेकिन प्रदेश की भूपेश सरकार रीपा योजना 600 करोड़ रुपए की व्यवस्था कर ग्लास, पानी पाउच, मिक्चर बाज़ार से ख़रीदकर पैक कर पाटन क्षेत्र की दुकानों में बिकवा रही है जो केवल और केवल शराबखोरी करने वालों के काम आएगा। भाजपा नेताओं ने सवाल किया कि यह योजना ग्रामीण रोज़गार बढ़ाने के लिए है या ग्रामीणों में शराब पीने की प्रवृति को बढ़ाने की है?
भाजपा पाटन उत्तर मंडल अध्यक्ष श्री चंद्राकर ने पत्रकारों को बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने ही निर्वाचन क्षेत्र में अपनी सरकार की योजनाओं का दुरुपयोग कर रहे हैं! श्री चंद्राकर ने कहा कि रीपा योजना के तहत ग्रामीण महिलाओ, स्व-सहायता समूहों व बेरोजगारों को लघु उद्योग के रूप में उत्पादन करने के केंद्र बनाए जा रहे हैं और उनमें अनेक प्रकार की मशीनें लगाकर उद्योगों को प्रोत्साहित किया जाना है। लेकिन पाटन क्षेत्र के ग्राम कुंडा में जारी उक्त योजना में गिलास और उसके अंदर मिक्चर का पैकेट व पानी का पाउच पैक करके वहाँ लोग बेच रहे हैं, हालाँकि पैक पर अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) अंकित नहीं है। इसी प्रकार प्लास्टिक पाउच प्रतिबंधित होने के बावजूद उसमें पानी भरकर बेचा जा रहा है। श्री चंद्राकर ने कहा कि अब यह पैक किन लोगों के काम आएगा, इसका अनुमान कोई भी सहज ही लगा सकता है। शराबियों के लिए पैकेट्स तैयार करके भूपेश सरकार रीपा योजना का खुला दुरुपयोग कर रही है। श्री चंद्राकर ने इस बात पर भी हैरानी जताई कि इस पैक पर छत्तीसगढ़ शासन का लोगो भी अंकित करके शर्म-ओ-हया की सारी हदें इस कांग्रेस सरकार ने पार कर दी हैं। यह रीपा योजना के तहत भूपेश सरकार द्वारा किए जा रहे कामों के फर्जीवाड़े का शर्मनाक उदाहरण है।
भाजपा नेताओं ने रविवार को एकात्म परिसर स्थित भाजपा कार्यालय में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए प्रदेश सरकार से महत्वाकांक्षी रीपा योजना के उद्देश्य को सार्वजनिक तौर पर स्पष्ट करने की मांग की। श्री कोठारी ने कहा कि कांग्रेस सरकार के पिछले घोषणा पत्र में कही गई बातों में एक नरवा-गरवा-घुरवा-बारी की बात थी। बाद में प्रदेश सरकार इसी से जुड़ी गौठान योजना लेकर आई। प्रदेशभर में1350 करोड़ रुपए खर्च कर 10, 336 गौठानों के निर्माण का दावा प्रदेश सरकार कर रही है। भाजपा ने अभियान चलाकर इनमें से लगभग 4 हजार गौठानों का निरीक्षण किया तो पाया गया कि इन सभी गौठानों में न तो गायें थीं, न पशुओं के रहने की समुचित व्यवस्था थी और न ही चारा-पानी का ही कोई इंतजाम था। इसके बाद प्रदेश सरकार गौधन न्याय योजना ले आई। इसमे गोबर खरीदी की गई। सरकार ने विधानसभा में बताया कि 246.40 करोड़ रुपए का गोबर खरीदा गया परंतु उसमें से 229 करोड़ रुपए का गोबर कहाँ है, सरकार के पास इसका कोई जवाब तक नहीं है।इस तरह प्रदेश सरकार ने गौठानों और गोबर खरीदी के नाम पर घोटाला किया । श्री कोठारी ने कहा कि गौठान और गोबर घोटाले के बाद इन घोटालों को ढँकने के लिए फिर प्रदेश सरकार 600 करोड़ की रीपा योजना लेकर आ गई। महात्मा गांधी के नाम की जब-तब दुहाई देने वाली कांग्रेस की प्रदेश सरकार इस योजना के नाम पर क्या कर रही है, इसका ब्योरा प्रदेश की कांग्रेस सरकार को महात्मा गांधी के विचारों की हत्यारी साबित करने के लिए पर्याप्त होगा।