नकारा सरकार के प्रचारतंत्र के पास अब यही काम रह गया – विधायक रंजना साहू

0 महिलाओं की मेहनत पर भूपेश का महिमामंडन- भाजपा

रायपुर। प्रदेश भाजपा प्रवक्ता व विधायक रंजना साहू ने छत्तीसगढ़ शासन के जनसंपर्क विभाग द्वारा जारी समाचार में महिला स्वसहायता समहों की उपलब्धियों का श्रेय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को दिए जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि भाजपा छत्तीसगढ़ की मातृशक्ति को प्रणाम करते हुए उनकी मेहनत और उपलब्धियों से अभिभूत है। महिला सशक्तिकरण के लिए महिला समूहों को प्रोत्साहित करने, संबल देने का अभियान भाजपा सरकार की देन है। भाजपा की सरकार ने लगातार महिला स्वसहायता समूहों को समृद्ध किया। जिसका लाभ प्रदेश की माताओं बहनों बहू बेटियों को मिला। भाजपा की सरकार ने महिला सशक्तिकरण को प्राथमिकता दी। इसके विपरीत भूपेश बघेल सरकार ने छत्तीसगढ़ की महिलाओं का हक छीना है। मिड डे मील का काम देखने वाली स्वसहायता समूह की 20 हजार बहनों से उनकी रोजी रोटी छीनने का पाप किया है। इसके बावजूद निर्जज्जता की हद यह है कि महिलाओं की मेहनत पर भूपेश बघेल का महिमामंडन किया जा रहा है। नकारा सरकार के प्रचारतंत्र के पास अब यही काम रह गया है। उसके पास भूपेश बघेल सरकार की कोई उपलब्धि नहीं है क्योंकि यह सरकार ऐसा कोई काम करती ही नहीं है। मजबूरी में सरकारी प्रचार तंत्र महिला स्व सहायता समूह की बहनों की उपलब्धि का श्रेय कर्महीन मुख्यमंत्री को दे रहा है। इस सरकार में यह स्थिति है कि सरकारी प्रचार तंत्र के पास सरकार के काम बताने के लिए कुछ भी नहीं है। लिहाजा हर रोज भूपेश बघेल स्व सहायता समूह की उपलब्धियों के कंधे पर सवार हो रहे हैं। सरकारी तंत्र ने जो जनसंपर्क अधिकारी मंत्रियों के बंगलों पर तैनात कर रखे हैं, उन सबको महिला स्व सहायता समूहों के चक्कर लगाने का निर्देश जनसंपर्क विभाग के भारसाधक मंत्री यानी मुख्यमंत्री को दे देना चाहिए। क्योंकि यह सरकार स्व सहायता समूहों के काम पर ही आश्रित है। सरकार कोई काम कर ही नहीं रही। नकारा करेगा क्या और बताएगा क्या।

प्रदेश भाजपा प्रवक्ता व विधायक रंजना साहू ने कहा कि भूपेश बघेल सरकार जो काम कर रही है, वह सरकारी प्रचार तंत्र बखान कर नहीं सकता। उसका जिम्मा है कि सरकार के हर काले पीले को सफेद बताये। यह काम यह विभाग पूरी ईमानदारी से कर रहा है। भूपेश बघेल सरकार सिर्फ घपले घोटाले, अवैध वसूली, कमीशनबाजी, तानाशाही, शोषण, अन्याय, अत्याचार, उत्पीड़न कर रही है। अब सरकार के ये काम तो उसका प्रचार तंत्र प्रचारित नहीं कर सकता। इसलिए केवल स्व सहायता समूहों के काम पर भूपेश बघेल के नाम का ठप्पा लगवाया जा रहा है। जिस तरह भूपेश बघेल की कोई विश्वसनीयता नहीं है, उसी तरह उनके आश्रित विभाग की भी कोई विश्वसनीयता नहीं है। यह किसी भी सरकार के लिए चुल्लू भर पानी तलाश कर लेने जैसा है क्योंकि जनसंपर्क विभाग ही सरकार का मुख होता है। छत्तीसगढ़ में तीन महीने बाद चुनाव हैं और अब भी सरकार गैर सरकारी संस्थाओं के काम गिना रही है। साफ जाहिर है कि सरकार निकम्मी है। जनता उसका यह निकम्मापन परख चुकी है और निकम्मी सरकार को बदलने जा रही है।

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