0 चाकूबाजी जैसी घटनाओं से प्रदेश में भय का माहौल और अपराधियों के हौसले बुलंद
रायपुर। भाजपा रायपुर जिला अध्यक्ष जयंती पटेल ने आज प्रेस में एक बयान जारी करते हुए छत्तीसगढ़ में बढ़ते अपराध और नशे के कारोबार के प्रति गहरी चिंता व्यक्त की उन्होंने कहा छत्तीसगढ़ और खास करके राजधानी रायपुर में अपराध अपने चरम पर है प्रदेश का माहौल बद से बदतर होते जा रहा है प्रदेश में नशे के व्यापार धड़ल्ले से चल रहा है यदि शासन प्रशासन संरक्षण देने की जगह मुस्तैदी से कार्य करता तो नशा माफिया का आतंक हमारे प्रदेश में नही पसरा होता हमारे शांत और सुंदर प्रदेश को कांग्रेस की बुरी नजर लग गई है प्रदेश सरकार का केवल एक ध्येय है लूट और घोटाला जनता किस भय के माहौल में प्रदेश में निर्वहन कर रही है इससे कांग्रेस को कोई सरोकार नहीं अपनी जेब भरने में व्यस्त कांग्रेसियों तुम्हारी कारगुजारियो का नतीजा है की सूरज ढलते ढलते प्रदेश के सभ्य समाज को अपने परिवार की चिंता सताने लगती है जब तक बच्चे घर ना आए जाएं ,
कल ही रायपुर के हृदय स्थल जयस्तंभ चौक पर एक युवक को चाकुबाजो ने गोद दिया जब शहर के मध्य की यह स्थिति है तो आउटर में क्या स्थिति होगी इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है प्रदेश में बेटियां सुरक्षित नही और इन सबकी की मुख्य जड़ नशा है नशे का कारोबार प्रदेश में खूब फला फूला है किसके संरक्षण में सरकार के नुमाइंदों के संरक्षण में प्रदेश के मुखिया तो प्रायोजित भेंट मुलाकात में व्यस्त है तो उन्हें प्रदेश में व्याप्त असुरक्षा के माहौल से कोई मतलब नहीं और प्रदेश के गृहमंत्री तो लापता है पता नहीं कौन सी कंदराओं में घुस कर बैठे है जो केवल पोस्टरों में बस नजर आते हैं आगामी चुनाव में प्रदेश की सुरक्षा व्यवस्था एक बड़ा मुद्दा होगा जो की वर्तमान में चरमराई हुई है ऊपर से प्रशासन पता नही कौन से आकड़ो का खेल खेल रहा है जिसमे स्वयं को अपराध कम करने में सफलता बताने वाला प्रशासन अपराध और अपराधियों पर नकेल कसने में नाकाम साबित होगा किसी से भी जवाब मांगो तो जांच की जा रही है की खाना पूर्ति के अलावा कोई माकूल जवाब नहीं मिलता ।
प्रदेश सरकार की निरसता और नाकामियों पर मौन पंगु हो चुके प्रशासन पर महाकवि रामधारी सिंह दिनकर की कुछ पंक्तियां मुझे याद आती है की ” समर शेष है नही पाप का भागी केवल व्याध , जो तटस्थ है समय लिखेगा उसके भी अपराध ” सरकार की नाकामियों और प्रदेश में अपराध की चरम स्थिति में प्रशासन की भागीदारी भी सरकार के समकक्ष है जो सब कुछ देखते हुए भी गूंगा बहरा बन चुका है।